चंदू सरवटे
क्रिकेट की जानकारी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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बल्लेबाजी की शैली | दाहिने हाथ के बल्लेबाज | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
गेंदबाजी की शैली | दाहिने हाथ से ऑफ ब्रेक, लेग ब्रेक | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंतर्राष्ट्रीय जानकारी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
राष्ट्रीय पक्ष | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
टेस्ट में पदार्पण | 20 जुलाई 1946 बनाम इंग्लैण्ड | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
कैरियर के आँकड़े | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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स्रोत : ईएसपीएनक्रिकइन्फो |
चंद्रशेखर त्रिंबक सरवटे (जिन्हें चंदू या चंद्र के रूप में जाना जाता है; 22 जुलाई 1920 में सागर, मध्य प्रदेश - 23 दिसंबर 2003 इंदौर में) एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी थे। वह एक हरफनमौला खिलाड़ी थे और उन्होंने भारत के लिए 1946 से 1951 के बीच 9 टेस्ट मैच खेलें। हालांकि उन्हें कुछ खास सफलता नहीं मिली - उनका टेस्ट बल्लेबाजी औसत केवल 13.00 था, और उनका टेस्ट गेंदबाजी औसत 124.66 था। वे धीमी लेग ब्रेक गेंदबाजी करते थे।
हालांकि, प्रथम श्रेणी क्रिकेट में, उनका 32 वर्षों का एक लंबा करियर था, जिसके दौरान उन्होंने मध्य प्रांत और बरार, महाराष्ट्र, हिंदू, बॉम्बे, होलकर, मध्य प्रदेश और विदर्भ का प्रतिनिधित्व किया। 1946 में द ओवल में सरे के खिलाफ पारी उनकी सबसे प्रसिद्ध पारी थी, जब उन्होंने और श्यूट बनर्जी के साथ मिलकर आखिरी विकेट के लिए 249 रन जोड़े, जोकि पहले नौ विकेट द्वारा बनाये रन से भी ज्यादा था। यह प्रथम श्रेणी के क्रिकेट में एकमात्र मौका था, जब पुच्छले दो बल्लेबाजों ने शतक बनाए थे।[1] प्रथम श्रेणी के क्रिकेट में दसवें और ग्यारहवें बल्लेबाजों के बीच बने सबसे ज्यादा भागीदारी का रिकार्ड आज भी कायम है।[2] 1951 में होलकर की तरफ से बंगाल के खिलाफ उनका उच्चतम स्कोर 246 था, और 1946 में होलकर की तरफ से मैसूर के खिलाफ उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 61 रन देकर 9 विकेट थी। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका कुल बल्लेबाजी औसत 32.73 था, और उनका गेंदबाजी औसत 23.54 था।
सरवटे 1980 के दशक की शुरुआत में तीन साल के लिए राष्ट्रीय चयनकर्ता थे, और उन चयनकर्ताओं में से एक थे जिन्होंने 1983 इंग्लैंड विश्व कप जीतने वाली टीम का चयन किया था। मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव होने के साथ ही, वह अवसरों पर इसके चयन समिति के अध्यक्ष भी थे। सरवेट ने कला और कानून में डिग्री प्राप्त की हुई थी और पेशे से एक फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ थे।[3]
सन्दर्भ
- ↑ "Sting in the tail". ESPN Cricinfo. मूल से 15 मई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 May 2017.
- ↑ Frindall, Bill (2009). Ask Bearders. BBC Books. पपृ॰ 182–183. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-84607-880-4.
- ↑ Ayaz, Memon. "Cricketers with a day job". Livemint. मूल से 19 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि Dec 28 2011.
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