ग्वानीन
ग्वानीन | |
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आईयूपीएसी नाम | 2-अमीनो-1H-प्यूरीन-6(9H)-वन |
अन्य नाम | 2-अमीनो-6-हाइड्रॉक्सीप्यूरीन, 2-अमीनोहाइपोक्ज़ैंथीन, गुवानिन |
पहचान आइडेन्टिफायर्स | |
सी.ए.एस संख्या | [73-40-5] |
RTECS number | MF8260000 |
SMILES | |
गुण | |
आण्विक सूत्र | C5H5N5O |
मोलर द्रव्यमान | 151.1261 g/mol |
दिखावट | श्वेत अनाकार ठोस. |
गलनांक | 360 °C (633.15 K) deco. |
क्वथनांक | Sublimes. |
जल में घुलनशीलता | अघुलनशील |
Dipole moment | ? D |
खतरा | |
Main hazards | Irritant. |
NFPA 704 | 1 1 0 |
स्फुरांक (फ्लैश पॉइन्ट) | अज्वलनशील |
Related compounds | |
संबंधित रसायन/मिश्रण | साइटोसिन; ऐडेनिन; थाइमिन; यूरेसिल |
जहां दिया है वहां के अलावा, ये आंकड़े पदार्थ की मानक स्थिति (२५ °से, १०० कि.पा के अनुसार हैं। |
ग्वानीन न्यूक्लिक अम्ल डी एन ए एवं आर एन ए में पाए जाने वाले पाँच न्यूक्लियोक्षारकों में से एक है। शेष चार हैं: ऐडेनिन, थाइमिन, साइटोसिन तथा यूरेसिल। इसका रासायनिक सूत्र है: C5H5N5O, ग्वानीन प्यूरीन से व्युत्पन्न है, जिसमें फ्यूस्ड पारिमिडीन-आइमिडैज़ोल वलय प्रणाली संग दोहरे बंध सम्मिलित हैं। असंतृप्त होने से, इसका द्विचक्रक (बाइसायक्लिक) अणु तलीय (प्लैनर) होता है। ग्वानीन न्यूक्लियोसाइड को ग्वानोसिन कहते हैं।
मूल सिद्धांत
ग्वानीन, ऐडेनिन एवं साइटोसिन के संग, डी एन ए एवं आर एन ए, दोनों में ही उपस्थित रहता है, जबकि थाइमिन मात्र डी.एन.ए. में ही पाया जाता है, व यूरेसिल मात्र आर.एन.ए. में ही पाया जाता है। गुवानिन के दो टॉटोमैरिक रूप होते हैं: प्रधान कीटो रूप, एवं दुर्लभ ईनॉल रूप।
यह साइटोसिन से तीन हाइड्रोजन बंधओं द्वारा जुड़ता है। साइटोसिन में अमीनो समूह हाइड्रोजन दाता रूप में होता है एवं C-2 कार्बोनिल तथा N-3 अमाइन हाइड्रोजन ग्राहक रूप में। गुवानिन के C-6 पर एक समूह होता है, जो हाइड्रोजन ग्राहक का कार्य करता है, N-1 पर समूह एवं C-2 पर अमीनो समूह हाइड्रोजन दाता रूप में कार्यरत है।
संश्लेषण
ग्वानीन के रूपों के अतिसूक्ष्म मात्रा, अम्मोनियम सायनाइड (NH4CN) के पॉलीमराइज़ेशन से बनते हैं। लेवी एत. एल. द्वारा किए गए दो प्रयोगों से ज्ञात हुआ कि 10 mol•L−1 NH4CN को 80 °C पर चौबीस घंटे तक गर्म करने पर 0.0007% मिलता है, जबकि 0.1 mol•L−1 NH4CN को -20 °C पर पच्चीस वर्षों तक प्रशीतन में रखने पर 0.0035% उपज मिलती है। इन परिणामों से ज्ञात होता है, कि ग्वानीन प्राचीन काल में पृथ्वी पर उत्पादित हो पाई होगी। 1984 में, युआसा ने रिपोर्ट किया कि NH3, CH4, C2H6, के विद्युतीय निर्वहन के बाद 0.00017% ग्वानीन और 50 मिली जल उत्पन्न हुये, इसके बाद फिर से अम्ल जल अपघटन किया। हालाँकि, यह ज्ञात नहीं है कि ग्वानीन की उपस्थिति प्रतिक्रिया का एक सामान्य संदूषक परिणाम नहीं थी। [1]
- 5NH3 + CH4 + 2C2H6 + H2O → C5H8N5O (guanine) + (25/2)H2
यह भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Levy, Matthew; Stanley L. Miller, John Oró (August 1999). "Production of Guanine from NH4CN Polymerizations". Journal of Molecular Evolution. 49 (2): 165–168. डीओआइ:10.1007/PL00006539. - quotes the Yuasa paper and cites the possibility of there being a contaminant in the reaction.
- Horton, H.R., Moran, L.A., Ochs, R.S., Rawn, J.D., Scrimgeour, K.G. "Principles of Biochemistry." Prentice Hall (New Jersey). 3rd Edition, 2002.
- Lister, J.H. "Part II Purines." The Chemistry of Heterocyclic Compounds. Wiley-Interscience (New York). 1971.