ग्वांतानामो जेल
इतिहास
इसे जनवरी 2002 में शुरू किया गया। इसके लिए क्यूबा की जमीन का इस्तेमाल किया गया, जो अमेरिका ने 1930 में लीज पर ली थी। न्यूयॉर्क के 9/11 वाले आतंकवादी घटना के बाद इसे खोला गया। लेकिन जल्द ही यह नफरत की निशानी बन गई, जिसकी पहचान नारंगी पोशाक पहने और बेड़ियों में जकड़े कैदियों से होने लगी। कैदियों को पहले पिंजरेनुमा बाड़ों में रखा जाता था, जिसे बाद में बंद कर दिया गया। राष्ट्रपति बनने के बाद बराक ओबामा ने कई बार इस जेल को बंद करने की कोशिश की लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली।
कैदी
इस जगह पर कुल 779 कैदियों को रखा गया था, जिनमें से 149 अभी भी वहीं हैं। लगभग 78 कैदियों को बिना किसी चार्ज के रिहा कर दिया गया क्योंकि वे अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा नहीं थे। इनमें 58 यमन के, पांच ट्यूनीशिया के, चार अफगान और चार सीरियाई थे। दूसरे ग्रुप में 71 कैदी हैं, जिनमें से 10 पर आरोप लगाए गए हैं। उनके खिलाफ अमेरिका की विशेष सैनिक अदालत कार्यवाही कर रही है। तेईस दूसरे कैदियों के खिलाफ अभियोग लगना है, जबकि 38 कैदियों के मामलों की समीक्षा होगी। इसी ग्रुप से पांच तालिबान कैदियों को रिहा किया गया है।
दोषी कैदी
आठ साल पहले 2006 में विशेष सैनिक अदालत का गठन किया गया और उसके बाद से आठ कैदियों के खिलाफ मुकदमा चला और उन्हें दोषी करार दिया गया। छह ने अपराध कबूल किया। संघीय अधिकारियों ने दो की सजा को उलट दिया। दो दूसरे मामलों में अपील की गई। इन चारों को बाद में उनके घर भेज दिया गया।
कहां कहां के कैदी
बाकी बचे कैदी 19 अलग अलग देशों के हैं। एक कैदी को "बिना किसी राष्ट्र का नागरिक" बताया जा रहा है। कुल मिला कर वहां 87 यमनी, 12 अफगान, 11 सऊदी और कुछ मिस्र, पाकिस्तान और रूस के कैदी हैं। अमेरिका चाहता है कि कोई तीसरा देश अगर इन कैदियों को लेना चाहे, तो उन्हें रिहा किया जा सकता है।
जेल पर खर्च
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इस जेल में रहने वाले हर कैदी पर 27-28 लाख डॉलर प्रति वर्ष खर्च होता है। जबकि अमेरिका की मुख्य जेलों में रहने वाले कैदियों पर सालाना 78,000 डॉलर खर्च होता है।
रिहा कैदियों पर नजर
अमेरिका का कहना है कि जिन कैदियों को यहां से रिहा किया गया है, उन पर खास नजर रखी जाती है। कुछ आंकड़ों के मुताबिक 30 फीसदी रिहा कैदी दोबारा आतंकवाद के क्षेत्र में चले जाते हैं। लेकिन अमेरिकी अधिकारी का कहना है कि इस संख्या में संदिग्ध भी शामिल हैं।
कुख्यात कैदी
ग्वांतानामो बे की जेल में कुछ की बहुत ज्यादा चर्चा होती है। इनमें पाकिस्तान का खालिद शेख मुहम्मद भी है, जिस पर 9/11 की साजिश रचने का आरोप है। उसके चार साथी भी इसी जेल में हैं। इसके अलावा सऊदी अरब का अब्द अल रहीम अल नासिरी भी शामिल है। अगर ये दोषी करार दिए जाते हैं, तो उन्हें मौत की सजा हो सकती है। [1]
सन्दर्भ
- ↑ */ Archived 2014-07-17 at the वेबैक मशीन