गुलदान
गुलदान या फूलदान एक विशेष आकार का बर्तन होता है जिसमें टहनियों के समेत फूलों का प्रदर्शन किया जाता है। गुलदान अक्सर मिटटी या शीशे के बने होते हैं और उनपर चित्रकारी या नक़्क़ाशी से अधिक लुभावना बनाया गया होता है।
अन्य भाषाओँ में
गुलदान को अंग्रेज़ी में "vase" बोलते हैं जिसे "वेज़" या "वाज़" उच्चारित किया जाता है (दोनों उच्चारण सही हैं)। पुरानी हिन्दी में गुलदान एक "बासन" नाम की बर्तनों की श्रेणी का सदस्य है, जिसमें कलश भी शामिल है।
गुलदानों का आकार
गुलदान अक्सर नीचे से खुले हुए होते हैं, ताकि फूलों की टहनियाँ पानी में रहकर फूलों को ज़्यादा देर तक मुरझाने से बचा सकें। ऊपर एक तंग गर्दन होती है, जिनसे टहनियों को सीधा खड़े रहने के लिए सहारा मिलता है। सब से ऊपर गुलदान का मुख अक्सर थोड़ा फैला होता है। पुराने ज़माने में गुलदानों पर हत्थे (हैंडल) भी आम थे, लेकिन अब यह कम देखे जाते हैं।
चित्रदीर्घा
- White porcelain vase
- Blue & white tulip vase
- Chinese porcelain vase c. 1796-1820
- Glass vase
- 19th century Peking glass vase in Imperial Yellow.
- Glass millefiori vase
- Pressed glass vase c. 1840
- Metal vase c. 600-700
- Earthen vases from Kerala
- Aged ceramic white vase holding a chrysanthemum
- Diorite Porphyry vase from predynastic Ancient Egypt, c. 3600 BC.