गुद स्वच्छता
गुद स्वच्छता (nal hygiene )[1] या गांड़ धोना (anal cleansing)[2] से आशय [[मल त्याग]] के बाद [[गुदा|मलद्वार]] पर किए जाने वाले सफाई आदि के कार्यों से है। प्रायः इस विषय पर खुले में चर्चा नहीं की जाती और इसे सामाजिक वर्जना के रूप में देखा-समझा जाता है। किन्तु मल-त्याग के बाद गुदा की सफाई का वैज्ञानिक महत्व है ताकि रोगकारकों से बचा जा सके।
शौच के बाद गुदा और उसके आसपास के क्षेत्र को प्रायः पानी से धोया जाता है या मल-पत्र (toilet paper) से पोंछा जाता है। जब इस कार्य के लिए पानी का उपयोग किया जाता है तो उस समय गुदाद्वार पर पानी के साथ-साथ हाथ का भी प्रयोग किया जाता है, या बिना हाथ लगाए पानी की बौछार द्वारा साफ किया जाता है। इसके बाद साबुन आदि से हाथ को भी साफ कर लिया जाता है। भारत आदि देशों में इसके लिए बाएँ हाथ का प्रयोग किया जाता है (जिसका प्रयोग खाना खाने के लिए नहीं करते)।
शौच-पत्र (टॉयलेट पेपर)
शौच के बाद सफाई के लिए टॉयलेट पेपर का उपयोग पहली बार चीन में 2री शताब्दी ईसा पूर्व में शुरू हुआ था। [1] [3] चार्लीयर (2012) के अनुसार फ्रांसीसी उपन्यासकार (और चिकित्सक) फ्रांस्वा राबेलिस ने 16 वीं शताब्दी में तर्क दिया था कि शौच पत्र अप्रभावी है।
इन्हें भी देखें
- टॉयलेट पेपर को जेल वाइप, मॉइस्चराइजिंग जेल लगाया
- ओशिबोरी, पुन: प्रयोज्य जापानी गीला हाथ तौलिया
- वॉशलेट, गीले पोंछे के लिए यांत्रिक विकल्प
- गीला कपड़ा
संदर्भ
- ↑ अ आ Charlier, Philippe; Brun, Luc; Prêtre, Clarisse; Huynh-Charlier, Isabelle (2012-12-17). "Toilet hygiene in the classical era". BMJ (अंग्रेज़ी में). 345. PMID 23247990. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 1756-1833. डीओआइ:10.1136/bmj.e8287. सन्दर्भ त्रुटि:
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अमान्य टैग है; "Charlier" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है - ↑ McMahon, Shannon; Caruso, Bethany A.; Obure, Alfredo; Okumu, Fred; Rheingans, Richard D. (2011). "Anal cleansing practices and faecal contamination: a preliminary investigation of behaviours and conditions in schools in rural Nyanza Province, Kenya". Tropical Medicine & International Health (अंग्रेज़ी में). 16 (12): 1536–1540. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 1365-3156. डीओआइ:10.1111/j.1365-3156.2011.02879.x.
- ↑ Needham, Volume 5, Part 1, 123.