गतिकर्दम ऋषि एवं देवहूति की पंचम कन्या थी। गति का विवाह पुलह ऋषि के साथ हुआ था। पुलह और गति से कर्मश्रेष्ठ, वरीया तथा सहिष्णु ने जन्म लिया।
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