खूड
खूड | |
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खूड राजस्थान में स्थिति, भारत खूड खूड (भारत) | |
निर्देशांक: 27°24′40″N 75°03′20″E / 27.41111°N 75.05556°Eनिर्देशांक: 27°24′40″N 75°03′20″E / 27.41111°N 75.05556°E | |
देश | India |
जिला | सीकर जिला |
संस्थापक | ऊङ बिजारणियां |
ऊँचाई | 300 मी (1,000 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 6,540 |
भाषाएँ | |
• राजकीय | हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिन | 332023 |
टेलीफोन कोड | 01577 |
वाहन पंजीकरण | RJ 23 |
वेबसाइट | rajasthan |
ऊड बसायो खूड |
शेखावाटी क्षेत्र का खूड ठिकाना सीकर जिले में जिला मुख्यालय से २७ किलोमीटर दूर सीकर डीडवाना (नागौर) रोड पर स्थित है | इस से ५ किलोमीटर की दूर पर बाडलवास (Badalwas) इस्थित है।
अर्थव्यवस्था
आजादी से पूर्व यह क़स्बा जहाँ आस-पास के गांवों का प्रशासनिक केंद्र था वही आज यह क़स्बा आस-पास के गांवों के विद्यार्थियों का प्रमुख शिक्षा केंद्र होने के अलावा आस-पास के गांवों के लोगो के आम जरुरत के सामान की खरीददारी करने का मुख्य बाजार है।
इतिहास
ठिकाना खूड़ के आखरी राजा राव मंगल सिंह जी थे उनके संतान न होने के कारण आज खूड़ किला सुनसान हैं।
विक्रम संवत 1709 में खंडेला के राजा वर सिंह देव ने अपने पुत्र श्याम सिंह को आजीविका के लिए 7 गांव सहित सुझाव दिया था तत्कालीन परिस्थितियों का लाभ उठाकर ठाकुर श्याम सिंह जी ने बाण सहित क्षेत्र के 12 गांव पर अधिकार कर लिया और खुद को अपनी राजधानी बनाया।
इससे पूर्व खूड़ पर टांग राजपूतों का आधिपत्य था जिन्हें यहां से निकालकर श्याम सिंह जी ने इन गांवों को अपनी जागीर में मिला दिया इस दूर पर ठाकुर श्याम सिंह जी के बाद उनके दस अन्य वंशजों ने शासन किया इसके संस्थापक ठाकुर श्याम सिंह जी ने हरिपुरा गांव में मुगल सेना के खिलाफ रक्त रंजित युद्ध कर अपनी तलवार का जौहर दिखाया था उनके वंशज ठाकुर रूप सिंह जी ने फतेहपुर के नवाब सरदार खान के खिलाफ युद्ध में भाग लेकर शेखावाटी से मुस्लिम राज्य में रॉव शिव सिंह जी ठाकुर सादुल सिंह जी को सक्रिय सहयोग दिया था रूप सिंह के पुत्र मल्हार राव होलकर के युद्ध करते हुए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था विक्रम संवत 1837 में या के ठाकुर भगत सिंह जी ने खाटू श्याम जी मंदिर के रक्षार्थ मुगल सेनापति मुर्तजा अली प्रदेश के खिलाफ युद्ध में भाग लिया और अपनी तलवार के जौहर दिखाते हुए सनातन धर्म की रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान दिया था मुगलों से भयंकर युद्ध करते हुए झुझर हुए ।वहीं उनके भाई गुलाब सिंह जीवन युद्ध करते हुए थे भगतपुरा युद्ध करते हुए घायल हुए थे इससे यहां के शासकों ने मराठा वह मुगल आक्रांता ओं का समय-समय पर मुकाबला किया और युद्ध में वीरता प्रदर्शित कर इतिहास में अपना नाम दर्ज करवाया।
यहां के शासकों ने खूड़, रूपगढ़ में किले महल बनवाने अपने अधीन अन्य गांव में कई इमारतें अपने अधीन अन्य गांवों में कई इमारतें , क्षत्रिया ,गोसला, पाढसालाओ आदि का निर्माण कराया खूड़ के 11वे आखरी ठाकुर मंगल सिंह जी स्वतंत्रता प्रेमी समाज सुधारक राष्ट्रभक्त गौ सेवक शिक्षा प्रेमी गांधीजी के खादी ग्रामोद्योग कार्यक्रम के समर्थक एवं उच्च विचारों के तपस्वी पुरुष थे आपने मेयो कॉलेज शिक्षा से शिक्षा ग्रहण की, विभाग जयपुर के सवाई मानसिंह गार्डस में कप्तान के पद पर रहे शानदार व्यक्तित्व के धनी ठाकुर मंगल सिंह जी के जीवन में सदा उच्च विचारों के दर्शन होते थे उन्होंने शिक्षा के प्रसार के लिए विद्यालयों का निर्माण करवाया ।
मुकट सिंह शेखावत के बारे में और जनकारी
जनगणना
गाँव की जनसंख्या 6540 है- 2011 की जनगणना के अनुसार।[1]
सन्दर्भ
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 26 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अक्तूबर 2018.