खयारवाला राजवंश
ख़यारवाला राजवंश | |||||||||
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11वीं - 13वीं शताब्दी | |||||||||
Status | वासल राज्य गढ़वाला एस | ||||||||
राजधानी | खैरागढ़, शाहाबाद जिला | ||||||||
सरकार | राजशाही | ||||||||
नायक (राजा या मुखिया) | |||||||||
इतिहास | |||||||||
• स्थापित | 11वीं - 13वीं शताब्दी | ||||||||
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अब जिस देश का हिस्सा है | भारत |
खयारवाला राजवंश भारत के बिहार और झारखंड के वर्तमान भारतीय राज्यों के कुछ भागों पर 11वीं और 12वीं शताब्दी के समय शासन करने वाला एक राजवंश था। यह खैरवार की ही एक उपजाति है उनकी राजधानी शाहाबाद जिले में खैरागढ़ में स्थित थी। रोहतास के शिलालेख के अनुसार प्रतापधवाला और श्री प्रताप इस राजवंश के प्रमुख राजा थे। इस वंश ने जपीला क्षेत्र (अब जपला) पर गढ़ावला के सामंतों के रूप में शासन किया।[1][2][3][4]
अपने शासनकाल के अधिकांश भाग में वे गढ़ावला वंश (वाराणसी) के सामन्त थे, जैसा कि उन शिलालेखों में वर्णित है। =डीपी |शीर्षक=जापिला के नायक प्रतापवला के फुलवरिया शिलालेख|journal=जर्नल ऑफ द एपिग्राफिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया |दिनांक=2016 |पृष्ठ=46-55 |url=https://www.academia.edu/26716603/Pullavariyā_Rock_Inscriptions_of_the_Nāyaka_Pratāpadhavala_of_JāpilaBihar}}</ref>
सन्दर्भ
- ↑ प्रभु. पुस्तकें?id=7CenDwAAQBAJ&pg=PT41 https://books.google.co.in/books?id=kFmxDwAAQBAJ&pg=PA12&redir_esc=y#v=onepage&q&f=false पुस्तकें?id=7CenDwAAQBAJ&pg=PT41 जाँचें
|url=
मान (मदद). नामालूम प्राचल|एक्सेसडेट=
की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल|शीर्षक=
की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल|तारीख=
की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल|फर्स्ट1=
की उपेक्षा की गयी (मदद); गायब अथवा खाली|title=
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