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खनिज

विभिन्न प्रकार के खनिज

खनिज प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्त्व हैं जिनकी एक निश्चित आन्तरिक संरचना है। एक खनिज विशेष जो निश्चित तत्त्वों का योग है, उन तत्त्वों का निर्माण उस समय के भौतिक व रासायनिक परिस्थितियों का परिणाम है। इसके फलस्वरूप ही खनिजों में विविध रंग, काठिन्य, चमक, घनत्व तथा विविध क्रिस्टल पाए जाते हैं। भू-वैज्ञानिक इन्हीं विशेषताओं के आधार पर खनिजों का वर्गीकरण करते हैं।

सामान्यतः खनिज अयस्कों में पाए जाते हैं। किसी भी खनिज में अन्य अवयवों या तत्त्वों के मिश्रण या संचयन हेतु 'अयस्क' शब्द प्रयुक्त होता है। खनन का आर्थिक महत्त्व तभी है जब अयस्कों में खनिजों का संचयन पर्याप्त मात्रा में हो।

नामकरण

मूलतः खनिज शब्द का अर्थ है- खनि + ज अर्थात् खान से उत्पन्न (संस्कृत: खनि= खान)। इसका अंग्रेज़ी शब्द मिनरल (mineral) भी माइन(mine) से संबंध रखता है।

खनिज परिभाषा

खनिज होने के लिए उस पदार्थ को कठोर व क्रिस्टलीय होना आवश्यक है। कुछ परिभाषाओं के अनुसार खनिज वह पदार्थ है जो क्रिस्टलीय हो और भौगोलिक परिस्थितियों के परिणामस्वरूप बना हो। खनिज़ से प्राप्त खनिज शुद्ध प्राप्त नहीं होता है सबसे पहले इनकी धुलाई की जाती है धुलाई से प्राप्त जल में मिट्टी के कण एवं अन्य घुलनशील और अघूलनशील यौगिक मिले रहते है यही जल अंत में जलधा में मिल जाता है इस प्रकार प्राकृतिक जलधारा दूषित हो जाती हैं इसका ज्वलंत उदाहरण कोयलों की खानों से मिला अम्ल निस्त्रव है कोयले की खानों में कोयले के साथ कुछ मात्रा में पायराइट (FeS2) की मिली रहेती है यही पायराइट जल से सयुक्त होकर होकर फेरिक सल्फेट और अल्फियुरिका अम्ल बनता है खनिज की निकाश नालियों के निस्त्राव के साथ सल्फ्यूरिक अम्ल और फेराइट भहाकर निकलता है

खनिज समूह और ठोस मिश्रण

खनिजों के भौतिक गुण

वैसे तो खनिजों के गुण निम्न है 1.रंग 2 वर्ण रेखा या स्ट्रीक 3 द्युति 4 विभंग 5 विदलन 6 आपेक्षिक घनत्व 7 कठोर 8 आकार

भौतिक गुण आमतौर पर इस्तेमाल किये जाते है

  • क्रिस्टल संरचना जानने के लिये,
  • कठोरता जानने के लिये।

मोहस कठोरता पैमाना

खनिज और चट्टान में अन्तर

खनिज और चट्टानों में बहुत अन्तर है। चट्टानें खनिजों से बनी होती हैं, खनिज प्राकृतिक रूप से पाये जाते हैं।

चित्र दीर्घा

खनिजों का बनना

देखें, खनिजों का बनना

इन्हें भी देखें

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