क्षेत्रप्रताप अधिकारी
क्षेत्रप्रताप अधिकारी | |
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![]() क्षेत्रप्रताप अधिकारीका तास्बिर | |
जन्म | 1943 (मार्च/अप्रैल) ज्याम्रुक बयापानी, मिर्लुंग – ४, तनहुँ जिल्ला, नेपाल[1] |
मौत | 14 अप्रैल 2014 काठमाण्डू, नेपाल |
पेशा | साहित्यकार, गीतकार |
राष्ट्रीयता | नेपाली |
क्षेत्रप्रताप अधिकारी एक नेपाली साहित्यकार, गीतकार तथा लेखक थे। जीवनके उत्तरार्धमे गीतकारके रूपमे चर्चित उनोने नारायण गोपालका गाना म त लालीगुराँस भएछु..., मलाई छोडी मेरो छाया..., गोपाल योंजनका गाना शान्तिभन्दा पर अर्को भेट्नुपर्ने बुद्ध छैन..., कुन्ति मोक्तानका गाना गोठालो जाँदा... और् पिछ्ले समय रामकृष्ण ढकालका गाना जिन्दगीमा धेरै कुरा गर्न बाँकी छ, सबैभन्दा ठूलो कुरा मर्न बाँकी छ बोलके गानोमे गीतकारका भुमिका निभाया था।[2]
सन्दर्भ
- ↑ Ekantipur Report (2014-12-31). "Kathmandu Post- Lyricist Kshetra Pratap Adhikari no more". Kathmandupost.ekantipur.com. मूल से 18 मई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-05-29.
- ↑ क्षेत्रप्रताप अधिकारी. हिमालखबर पत्रीका. २०१४. मूल से 27 अगस्त 2017 को पुरालेखित.