क्रूरता
क्रूरता (cruelty) किसी अन्य की पीड़ा के प्रति उदासीनता रखने या किसी अन्य को पीड़ा पहुँचाने में आनंद लेने की स्थिति को कहते हैं। क्रूरता में अक्सर हिन्सा देखी जाती है हालांकि स्वयं करी गई हिन्सा क्रूर होने के लिए आवश्यक नहीं है। उदाहरण के लिए यदि कोई डूबता हुआ व्यक्ति सहायता के लिए भीख मांगे और उसकी बिना कठिनाई के मदद की जा सके लेकिन फिर भी न करी जाए तो यह व्यवहार हिन्सात्मक नहीं लेकिन क्रूर माना जएगा।[1][2]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Simon Baron-Cohen, The Science of Evil: On Empathy and the Origins of Cruelty Archived 2016-10-11 at the वेबैक मशीन, Basic Books, 2011. Reviewed in The Montreal Review
- ↑ Susan Sontag, Regarding the Pain of Others, 2003.