कौशी अनुक्रम
गणित में कौशी अनुक्रम जिसे ऑगस्टिन लुइस कौशी के नाम सम्मान में नामित किया गया एक अनुक्रम है जिसके अवयव एक अनुक्रम प्रक्रिया के रूप में एक दूसरे के यादृच्छिक संवृत वर्ग में होते हैं।
वास्तविक संख्याओं में
वास्तविक संख्याओं का एक अनुक्रम
कौशी अनुक्रम कहलाता है, यदि प्रत्येक धनात्मक वास्तविक संख्या ε के लिए, यहाँ एक धनात्मक पूर्णांक N इस तरह है कि सभी प्राकृतिक संख्याओं m, n > N के लिए
जहाँ ऊर्ध्व रेखाएं इसके निरपेक्ष मान निरुपित करती हैं। इसी प्रकार परिमेय व सम्मिश्र संख्याओं का कौशी अनुक्रम परिभाषित किया जा सकता है। कौशी द्वारा सूत्रिकृत किया गया कि सभी अनन्त m, n के प्रत्येक युग्म के लिए अत्यणु (शून्य की और) अग्रषर हो।
दूरीक समष्टि में
किसी दूरीक समष्टि X में कौशी अनुक्रम परिभाषित करने के लिए निरपेक्ष मान को और के मध्य दूरी द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है (जहाँ d : X × X → R कुछ विशिष्ट गुणधर्मों सहित, देखें दूरीक)।
सामन्यतः दूरीक समष्टि (X, d) अनुक्रम
एक कौशी अनुक्रम है यदि प्रत्येक धन वास्तविक संख्या ε > 0 के लिए एक धनात्मक पूर्णांक N इस प्रकार है कि सभी धन पूर्णांकों m,n > N के लिए दूरी निम्न है
सन्दर्भ
- बूरबाकी, नीकोला (1972). Commutative Algebra (अंग्रेजी अनुवाद संस्करण). Addison-Wesley. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-201-00644-8.
- लैंग, सर्ज. बीजगणित (Algebra) (3 संस्करण). Addison-Wesley Pub. Co. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-201-55540-0.
- Spivak, Michael (1994). Calculus (3rd संस्करण). Berkeley, CA: Publish or Perish. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-914098-89-6. मूल से 17 मई 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 मई 2013.
- Troelstra, A. S.; D. van Dalen (1988). Constructivism in Mathematics: An Introduction. (for uses in constructive mathematics)