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कोहरा (तालुक)

कोहरा राजभवन

कोहरा अवध का एक तालुक था। वर्तमान में यह उत्तर प्रदेश के अमेठी ज़िला में स्थित है।[1]

इतिहास

इस तालुकदारी का इतिहास बहुत गौरवशाली रहा है। मध्यप्रदेश का नरवर नगर इस तालुक का मूल स्थान था। नरवरगढ़ के राजकुमार सोढ़ देव ने ९६६ में अमेठी राज्य की स्थापना की एवं अमेठी के प्रथम राजा बने। उन्ही के वंशज राजा विक्रम साह के छोटे पुत्र राजकुमार हिम्मत साह ने १६३६ में गंगा दशहरा के दिन कोहरा (तालुक) की स्थापना की तथा प्रथम स्थापना के रूप में भगवान चतुर्भुज एवं शिव मंदिर की स्थापना की तत्पश्चात कोहरा किले[2] का निर्माण करवाया। वहीं उनका राज्याभिषेक हुआ।

कोहरा (तालुक) से ही बाबू भूप सिंह[3][4] का १८५७ की क्रांति में अतुलनीय योगदान रहा।[2] उन्ही के वंशज बाबू शिव बहादुर सिंह[3] १९४२ के भारत छोड़ो आंदोलन में उदय प्रताप कॉलेज के कक्षा बहिष्कार में सम्मिलित हुए एवं बाद में भूदान आंदोलन में अपने दो गावों को दान में दिया। परिवार के[] बाबू उमानाथ सिंह जी ने शिक्षा एवं समाज सुधार के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किया तथा उत्तर प्रदेश इतिहास कांग्रेस के अध्यक्ष रहे।[5] परिवार के ही श्री रवींद्र प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश विधानसभा एवं लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए एवं आपातकाल में मीसा एक्ट के तहत अमेठी के प्रथम बंदी रहे।[6]

तालुकेदारों की सूची

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Kohra Village Population - Amethi - Sultanpur, Uttar Pradesh". www.census2011.co.in. अभिगमन तिथि 2022-08-15.
  2. Mukherjee, Rudrangshu (2002). "LIST OF TALUKDARS' FORTS IN AWADH". Awadh in Revolt, 1857-1858: A Study of Popular Resistance. Delhi: Permanent Black. पृ॰ 179. OCLC 49911250. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7824-027-0.
  3. यादव, पवन (14 अगस्त 2022). "कोहरा तालुकेदार भूप सिंह ने लिया था फिरंगियों से लोहा". MyCity. अमर उजाला (15/50) (अमेठी संस्करण). पृ॰ 1(MyCity).
  4. "1857 की क्रांति में अमेठी का विशेष योगदान". जागरण सिटी. दैनिक जागरण (अमेठी- सुल्तानपुर संस्करण). 26 जनवरी 2010. पृ॰ 10.
  5. Uttar Pradesh History Congress: Proceedings of the I Session, T.N.P.G. College, Tanda, 1985 (अंग्रेज़ी में). Uttar Pradesh History Congress. 1986.
  6. "Members Bioprofile". loksabhaph.nic.in. अभिगमन तिथि 2022-08-11.