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कोलकाता मेट्रो मार्ग 1

  कोलकाता मेट्रो मार्ग 1

दक्षिणेश्वर - कवि सुभाष

कोलकाता मेट्रो
अवलोकन
प्रकार पारगमन प्रणाली
प्रणालीकोलकाता मेट्रो
स्थिति परिचालन
स्थानभारत कोलकाता, भारत
टर्मिनी दक्षिणेश्वर - उत्तर
कवि सुभाष - दक्षिण
स्टेशन 26
जालस्थलhttps://mtp.indianrailways.gov.in
प्रचालन
प्रारंभिक 24 अक्टूबर 1984; 39 वर्ष पूर्व (1984-10-24)
अंतिम एक्सटेंशन 22 फ़रवरी 2021; 3 वर्ष पूर्व (2021-02-22)
मालिक भारतीय रेलवे
चालक कोलकाता मेट्रो रेलवे
तकनीकी
लाइन की लंबाई 32.25 किलोमीटर (20.04 मील)[1]
पटरियों की नाप 5 फीट 6 इंच
संचालन गति 55 किमी/घंटा (34 मील/घंटा)
मार्ग नक्शा

कोलकाता मेट्रो मार्ग 1 जिसे ब्लू लाइन और उत्तर-दक्षिण मेट्रो के रूप में भी जाना जाता है, भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित कोलकाता मेट्रो की एक तीव्र पारगमन प्रणाली है। यह भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल में स्थित दक्षिण 24 परगना, कोलकाता और उत्तर 24 परगना जिलों में अपनी सेवा प्रदान करती है। इस मेट्रो मार्ग में दक्षिणेश्वर से लेकर कवि सुभाष तक 26 परिचालन मेट्रो स्टेशन शामिल हैं, जिनमें से 9 जमीन के ऊपर हैं, 2 प्लेटफार्म स्तर पर हैं और शेष 15 भूमिगत हैं। इनके बीच की कुल दूरी 31.3 किलोमीटर (19.4 मील) है। यह मेट्रो मार्ग मुख्य रूप से दक्षिणेश्वर और न्यू गरिया को जोड़ने का कार्य करती है। इसके निर्माण में 5 फीट 6 इंच (1,676 मिलीमीटर) के ब्रॉड गेज का उपयोग किया गया है। इस मेट्रो मार्ग का सबसे नवीनतम स्टेशन दक्षिणेश्वर है, जिसे 22 फरवरी 2021 को खोला गया था, यह नोआपाड़ा से 4.1 किलोमीटर (2.5 मील) उत्तर में स्थित एक मेट्रो स्टेशन है।[2]

कोलकाता मेट्रो मार्ग 1 भारत में निर्मित होने वाली पहली भूमिगत मेट्रो पारगमन प्रणाली थी, जिसका संचालन अक्टूबर 1984 में प्रारंभ हुआ था। फरवरी 1995 तक इस पूरी परियोजना के लागू होने की सम्भावना थी परन्तु स्वदेशी निर्माण प्रक्रिया से हटकर इस मेट्रो मार्ग के निर्माण में कई अन्तर्राष्ट्रीय सलाहकारों के विचार अपनाए गए। यही कारण है कि कुछ राजनीतिक कारणों से इसके निर्माण की गति मंद पड़ गई, परिणामस्वरूप बीरपारा से टॉलीगंज मेट्रो स्टेशन तक के 15 किलमीटर (9.3 मील) भूमिगत रेलवे के निर्माण में ही लगभग 23 साल लग गए। 28 दिसंबर 2010 को इसे भारतीय रेलवे का 17वां क्षेत्र बनाया गया था।[3][4]

इतिहास

कोलकाता मेट्रो मार्ग 1 भारत की पहली भूमिगत मेट्रो रेलवे है। इसके निर्माण के लिए यातायात अध्ययनों के आधार पर सर्वप्रथम दमदम - टॉलीगंज कॉरिडोर को कार्यान्वयन के लिए चुना गया और 29 दिसंबर, 1972 से इस परियोजना पर काम शुरू किया गया। भारत की यह पहली मेट्रो लाइन 24 अक्टूबर 1984 को बनकर तैयार हो गई और इसी वर्ष एस्प्लेनेड एवं भवानीपुर (नेताजी भवन) के बीच लगभग 3.4 किलोमीटर के मार्ग को जनता के यात्रा के लिए खोल दिया गया। इस मेट्रो रेलवे का निर्माण और विस्तार 1972 से 2013 तक उत्तरोत्तर रूप से किया गया। चरण- I में 1995 तक, इसे दमदम से टॉलीगंज (महानायक उत्तम कुमार) तक 16.450 किलोमीटर लम्बे क्षेत्र में विस्तार दिया गया। चरण-।। के तहत, अगस्त 2009 तक, महानायक उत्तम कुमार से कवि नजरूल मेट्रो स्टेशन तक 5.834 किलोमीटर के क्षेत्र में इसे विस्तरित किया गया। अक्टूबर 2010 में, पुन: इस मेट्रो सेवा को कवि सुभाष तक बढ़ा दिया गया, जिसकी लंबाई 2.851 किलोमीटर है। 10 जुलाई 2013 को दमदम से नोआपाड़ा तक, 2.091 किलोमीटर विस्‍तार में वाणिज्‍यिक सेवा प्रारंभ किया गया और अंतिम चरण में नोआपाड़ा से दक्षिणेश्वर, 4.139 किलोमीटर तक के क्षेत्र को 23 फरवरी, 2021 से वाणिज्यिक संचालन के लिए खोल दिया गया।[5]

भविष्य की योजनाएँ

सार्वजनिक परिवहन विशेषज्ञों का सुझाव है कि इस मेट्रो मार्ग को दक्षिणेश्वर से बाली और वहाँ से दानकुनी तक विस्तार दिया जाए। इससे पश्चिम बंगाल के तीनों मुख्य शहर सियालदह, कोलकाता और हावड़ा को आसानी से जोड़ा जा सकता है।[6]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Kolkata Metro Map".
  2. "Kolkata Metro Map".
  3. "Kolkata Metro is now the 17th zone of Indian Railways". The Times of India. 29 December 2010. मूल से 4 November 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 December 2010.
  4. "Telegraph India | Latest News, Top Stories, Opinion, News Analysis and Comments". www.telegraphindia.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 25 जून 2023.
  5. "मेट्रो रेलवे कोलकता / भारतीय रेल का पोर्टल". mtp.indianrailways.gov.in. अभिगमन तिथि 25 जून 2023.
  6. "Kolkata Metro साल्टलेक से हावड़ा मैदान तक जल्द पूरा होगा मेट्रो गलियारे का निर्माण भू-धंसाव बना देरी में वजह - Construction of Metro corridor from Salt Lake to Howrah Maidan will be completed soon landslides cause delay". Jagran. अभिगमन तिथि 25 जून 2023.