सामग्री पर जाएँ

कोरी

कोरी (अथवा कोली) एक भारतीय जाति है जो पारम्परिक रूप से बुनाई का काम करते हैं।[1] कोरी लोग हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में अनुसूचित जाति में वर्गीकृत किये गये हैं।[2][3][4][5]

नाम "कोरी" की व्युत्पति शब्द "कोरा" (साफ कपड़ा) से हुई है जो उनके पारम्परिक व्यवसाय को निरूपित करता है।[6] कुछ कोरी लोग अपने आप को कबीर के वंशज मानते हैं।[7] शब्द कोली का अर्थ मकड़ी जाल बनाने वाले होता है जो उनके बुनाई के व्यवसाय की ओर इंगित करता है।[8]

2011 की जनगणना के अनुसार कोरी अनुसुचित जाति की उत्तर प्रदेश में कुल आबादी 2,293,937 है।

सन्दर्भ

  1. M. P. S. Chandel (1991). Democratic Transformation of a Social Class. मित्तल पब्लिकेशन्स. पृ॰ 49. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7099-314-8.
  2. "List of Scheduled Castes". हिमाचल प्रदेश सरकार. मूल से 6 जुलाई 2018 को पुरालेखित.
  3. आशिष त्रिपाठी (19 फ़रवरी 2011). "UP government has clarified that kori caste is considered as scheduled caste". द टाइम्स ऑफ़ इंडिया.
  4. Scheduled castes of Uttar Pradesh
  5. Scheduled castes of Uttarakhand
  6. के॰एस॰ सिंह (1998). India's Communities. ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस. पृ॰ 1822. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-563354-2.
  7. बी॰वी॰ भानु (2004). People of India: Maharashtra. पोपुलर प्रकाशन. पृ॰ 1118. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7991-101-3.
  8. सारा रोनाग्लिया (2013). Feeding the City: Work and Food Culture of the Mumbai Dabbawalas. ओपन बुक पब्लिशर्स. पृ॰ 7.