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केपलर-444

Kepler-444

प्रेक्षण तथ्य
युग J2000      विषुव 2000
तारामंडलLyra
दायाँ आरोहण19:19:01.0
झुकाव+41:38:05
सापेक्ष कांतिमान (V)9.0
विशेषताएँ
तारकीय श्रेणीK0V C ~
सापेक्ष कांतिमान (U)10.01 ~
सापेक्ष कांतिमान (B)9.67 ~
सापेक्ष कांतिमान (V)8.86 ~
सापेक्ष कांतिमान (R)8.18 ~
सापेक्ष कांतिमान (I)7.66 ~
सापेक्ष कांतिमान (J)7.244±0.26
सापेक्ष कांतिमान (H)6.772±0.47
सापेक्ष कांतिमान (K)6.703±0.2
खगोलमिति
रेडियल वेग (Rv)−121.19±0.11 किमी/सै
विशेष चाल (μ) दाआ.: 98.94 मिआसै/वर्ष
झु.: -632.49 मिआसै/वर्ष
लंबन (π)28.3±0.82 मिआसै
दूरी117 प्रव
(36 पार)
विवरण
द्रव्यमान0.758 (± 0.043) M
त्रिज्या0.752 (± 0.014) R
तापमान5040 (± 74.0) K
आयु11.23 (± 0.99) अरब वर्ष
अन्य नाम
KOI-3158; 2MASS J19190052+4138043; TYC 3129-00329-1; KIC 6278762; LHS 3450; HIP 94931; BD+41 3306
डेटाबेस संदर्भ
सिम्बादdata

परिचय

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सबसे पुराना तारा केपलर-444 की खोज की है।

विस्तार

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सबसे पुराना तारा (अब तक पहचाने गए) केपलर-444 की खोज की. नासा के केपलर अंतरिक्षयान द्वारा चार वर्ष में भेजे गए डाटा के विश्लेषण से इस तारे का पता चला। वैज्ञानिकों ने इस तारे का नाम केपलर-444 रखा। नासा द्वारा इसकी घोषणा जनवरी 2015 के चौथे सप्ताह में की गई।


केपलर-४४४

केपलर-444 का आकार पृथ्वी के लगभग बराबर है। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार यह तारा करीब 11.2 अरब वर्ष पुराना है, जो अब तक पहचाने गए तारों में सबसे पुराना है। इसके साथ ही साथ धरती के आकार वाले पांच ग्रह केपलर-444 के चक्कर लगाते हैं. वैज्ञानिकों ने इस तारे का चक्कर काटने वाले पांच ग्रहों के बारे में भी पता लगाया, जिनका आकार पृथ्वी के लगभग बराबर है। यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम (ब्रिटेन) के शोधकर्ताओं के अनुसार, 'शोध में पता चला कि पृथ्वी के आकार के ये ग्रह ब्रह्मांड के 13.8 अरब वर्ष के इतिहास में निर्मित हुए, जिससे आकाशगंगा में प्राचीन जीवन के अस्तित्व की संभावना और मजबूत होती है।'

इस शोध में यह बताया गया कि आकार में सूर्य से 25 प्रतिशत छोटे तारे ‘केपलर-444’ की पृथ्वी से दूरी 117 प्रकाश वर्ष है. इस तारे के पांच ग्रहों के आकार बुद्ध और शुक्र ग्रह से मिलते जुलते हैं। ये ग्रह अपने तारे से इतने पास हैं कि 10 दिनों से भी कम समय में तारे का एक चक्कर पूरा कर लेते हैं। तारे के इतने पास रहने के कारण ये सभी ग्रह बुद्ध से भी ज्यादा गर्म और जीवन के अनुकूल नहीं हैं. शोधकर्ताओं के अनुसार, 'केपलर-444 बहुत चमकीला है और इसे दूरबीन की सहायता से आसानी से देखा जा सकता है।

सन्दर्भ