प्राचीन जावा और बाली के कावी भाषा में लिखा एक विख्यात काकविनकाव्य। इसमें महाभारत के कुछ पर्वों को काव्यरूप में पुरानी जावा भाषा में प्रस्तुत किया गया है। इसकी रचना का आरम्भ ११५७ ई में सेदाह ने किया था जिसे पनुलुह ने पूरा किया।
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