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ऑस्टियोक्लास्ट

ऑस्टियोक्लास्ट‎ का एक सूक्ष्मचित्र जिसमें इसके कई केंद्रक और झागनुमा काइटोसेल स्पष्ट दिख रहे और इस कोशिका का आकार अन्य की तुलना में स्पष्ट रूप से बड़ा है।

ऑस्टियोक्लास्ट एक किस्म की अस्थि कोशिकायें होती हैं जिनका काम हड्डी के ऊतकों को विखंडित करना होता है। यह प्रक्रिया कशेरुकी प्राणियों (वर्टीब्रेट्स) में हड्डियों की सतत मरम्मत और रखरखाव तथा उनके पुनर्माडलन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। साथ ही ये कोशिकायें रक्त में कैल्शियम की मात्रा को नियंत्रित रखने में भी मददगार होती हैं।

मूल रूप से ऑस्टियोक्लास्ट कोशिकाओं का कार्य यह होता है कि ये ऐसे अम्ल स्रावित करती हैं जिनसे हड्डियों के जलीकृत प्रोटीनों और खनिजों को आणविक स्तर पर तोड़ा जाता है। हड्डी के इस प्रकार से क्षय की प्रक्रिया को अस्थि-पुनर्शोषण (रिजॉर्पशन) कहा जाता है और यह हड्डियों की मरम्मत का एक प्रमुख अंग है।

इन्हीं ऑस्टियोक्लास्ट कोशिकाओं का एक विशेष प्रकार ओडोंटोक्लास्ट कोशिकायें होती हैं जो दूध के दाँतों की जड़ों को, एक उम्र के बाद, सोख कर नष्ट करने का कार्य करती हैं ताकि वे कमजोर होकर झड़ जाएँ और उनकी जगह स्थायी दाँत ले सकें।