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ऐडसेन्स

AdSense
डेवलपरगूगल
पहला संस्करण जून 18, 2003 (2003-06-18)[1]
ऑपरेटिंग सिस्टमCross-platform (वेब आधारित)
प्रकार ऑनलाइन विज्ञापन
वेबसाइटhttp://www.google.com/adsense

ऐडसेन्स, गूगल इनकार्पोरेटेड द्वारा चलायी जा रही विज्ञापन उपलब्ध कराने की सेवा है। वेबसाइटों के स्वामी अपनी वेबसाइटों में विषयवस्तु, छवियों तथा वीडियो विज्ञापन उपलब्ध कराने हेतु इस कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं। ये विज्ञापन गूगल द्वारा प्रशासित किये जाते हैं और इनसे प्रति-क्लिक अथवा प्रति-प्रदर्शन के आधार पर राजस्व प्राप्त होता है। गूगल ने मूल्य-प्रति-एक्शन सेवा का बीटा परीक्षण किया परन्तु अक्टूबर 2008 में डबलक्लिक प्रस्तुति (यह भी गूगल के स्वामित्व में है) के समर्थन में इसे बंद कर दिया गया।[2] 2010 की प्रथम तिमाही में, गूगल ने ऐडसेंस से 2.04 बिलयन डॉलर (वार्षिक करने पर 8.16 बिलियन डॉलर) अर्जित किये जो कि उसके कुल राजस्व का 30% है।[3]

विवरण

गूगल वेबसाइटों पर इन विज्ञापन सामग्रियों के वितरण हेतु अपनी इंटरनेट खोज प्रौद्योगिकी के प्रयोग के साथ ही साथ प्रयोगकर्ता की भौगोलिक स्थिति तथा अन्य कारकों का भी प्रयोग करता है। गूगल की लक्ष्योन्मुख विज्ञापन प्रणाली के माध्यम से विज्ञापन देने वालों को ऐडवर्ड्स के जरिये नामांकन करना होता है। ऐडसेंस वेबसाईट पर विज्ञापन उपलब्ध कराने की सबसे लोकप्रिय पद्धति हो गयी है क्योंकि इसमें दिए गए विज्ञापन अधिकांश बैनरों की तुलना में कम हस्तक्षेप करते हैं साथ ही विज्ञापन की विषय-वस्तु वेबसाईट के लिए प्रासंगिक होती है।

कई वेबसाइटें ऐडसेन्स का प्रयोग अपनी सामग्री के मौद्रीकरण के लिए करती हैं; यह विज्ञापनों का सर्वाधिक लोकप्रिय संजाल (नेटवर्क) है। ऐडसेंस विशेष रूप से उन छोटी वेबसाइटों के लिए, विज्ञापन से आमदनी मुहैया कराने की दृष्टि बहुत महत्वपूर्ण हो गया है जिनके पास विज्ञापन के विपणन में प्रसार के कार्यक्रमों और सेल्स के लोगों के लिए संसाधन नहीं होते हैं। किसी वेबसाइट को उस वेबसाईट की सामग्री के अनुरूप विज्ञापनों से भरने के लिए, वेबमास्टर्स वेबसाइट के पेजों पर एक संक्षिप्त स्क्रिप्ट लागू करते हैं। वेबसाइटें, जो कि सामग्री से भरपूर हैं, इस विज्ञापन कार्यक्रम के साथ बहुत सफल रही हैं, जैसा कि ऐडसेंस वेबसाइट पर प्रकाशित केस अध्ययनों की बड़ी संख्या में उल्लेखित हैं।

कुछ वेबमास्टर अपनी ऐडसेंस आय को अधिकतम करने में महत्वपूर्ण प्रयास करते हैं। ऐसा करने के लिए वे तीन तरीके प्रयोग करते हैं:[]

  1. वे वेबसाईट पर ट्रैफिक उत्पन्न करने के लिए विविध तकनीकों का प्रयोग करते हैं जिनमें ऑनलाइन विज्ञापन भी शामिल हैं पर ये प्रयास इन तक ही सीमित नहीं हैं।
  2. वे अपनी वेबसाइट पर बहुमूल्य सामग्री उपलब्ध कराते हैं जो ऐडसेंस विज्ञापनों को आकर्षित करते हैं, जिनपर क्लिक किये जाने से अधिकतम आय होती है।
  3. वे अपनी वेबसाइटों पर पाठ सामग्री के उपयोग से पाठकों को विज्ञापनों पर क्लिक करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। कृपया ध्यान रखें कि गूगल ने "मेरे ऐडसेंस विज्ञापन पर क्लिक करें" जैसे वाक्यांशों के प्रयोग पर वेबमास्टरों को प्रतिबंधित कर रखा है जिनके द्वारा वे क्लिक करने की दर को बढ़ा सकते हैं। हालांकि "प्रायोजित लिंक" और "विज्ञापन" जैसे वाक्यांश स्वीकृत हैं।

ऐडसेंस की सभी आय का स्रोत ऐडवर्ड्स कार्यक्रम है, जो विक्रे (Vickrey) के दूसरे मूल्य की नीलामी के एक जटिल मूल्यांकन मॉडल पर आधारित होता है। ऐडसेंस विज्ञापनदाता को एक मुहरबंद नीलामी की बोली लगाने को कहता है (अर्थात ऐसी बोली जिसे उसके प्रतिद्वंदी नहीं देख सकते)। इसके अतिरिक्त, किसी भी प्राप्त क्लिक के लिए विज्ञापनदाता दूसरी उच्चतम बोली से एक बढ़ी हुई बोली का भुगतान करते हैं। वर्तमान में गूगल, ऐडसेंस द्वारा अर्जित राजस्व का 68% प्रतिशत अंश सामग्री उपलब्ध कराने वाले भागीदारों के साथ बांटता है।[4]

इतिहास

ओइंगो इनकार्पोरेटेड लॉस एंजिल्स स्थित एक निजी स्वामित्व वाली कंपनी थी जिसे 1998 में गिलाद एल्बज़ और एडम वीज़मैन द्वारा शुरू किया गया था। ओइंगो ने एक अपने ही स्वामित्व में खोज करने की एक कलन विधि (algorithm) विकसित की जो कि शब्दों के अर्थ पर आधारित थी तथा इसे वर्डनेट नामक एक लघु शब्दकोश पर बनाया गया था जिसका विकास पिछले 15 वर्षों में जॉर्ज मिलर के नेतृत्व में प्रिंसटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था।[5]

2001 में ओइंगो का नाम बदल कर अप्लाइड सेमांटिक्स (कंपनी) हो गया,[6] जिसे बाद में अप्रैल 2003 में 102 मिलयन डॉलर के मूल्य पर गूगल द्वारा अधिग्रहीत कर लिया गया।[7]

2009 में, गूगल ऐडसेंस ने घोषणा की कि अब यह नई सुविधाओं की प्रस्तुति करेगा जिसमें "विज्ञापनों की प्रस्तुति के लिए कई नेटवर्कों का प्रयोग" भी शामिल होगा।

प्रकार

ऐडसेन्स फॉर फीड्स

मई 2005 में, गूगल ने सीमित भागीदारी वाले ऐडसेन्स फॉर फीड्स के बीटा संस्करण की घोषणा की, यह ऐडसेन्स का एक संस्करण था जो आरएसएस (RSS) व ऐटम फीड पर चलता था तथा जिसके 100 से अधिक सक्रिय नियमित ग्राहक थे। गूगल के आधिकारिक ब्लॉग के अनुसार "विज्ञापनदाता अपने विज्ञापन सबसे उचित फीड शब्द वर्गों में रखते हैं; प्रकाशकों को मौलिक सामग्री के लिए भुगतान किया जाता है; पाठक सबसे उचित विज्ञापन देखते हैं - तथा लम्बे समय में उत्कृष्ट फ़ीडों में से चुनाव करते हैं।"[8]

ऐडसेन्स फॉर फीड्स, फ़ीडों में छवियों को डाल कर कार्य करता है। यह छवि जब आरएसएस रीडर अथवा ब्राउज़र द्वारा प्रदर्शित की जाती हैं, गूगल इन छवियों में विज्ञापन सामग्री लिख देता है। विज्ञापन सामग्री को छवि के आसपास की फ़ीड की सामग्री के आधार पर चुना जाता है। जब उपयोगकर्ता छवि को क्लिक करता है, वह नियमित ऐडसेंस विज्ञापनों की तरह ही विज्ञापनदाताओं की वेबसाइटों की ओर पुनर्प्रेषित कर दिया जाता है।

अगस्त 15, 2008 तक ऐडसेन्स फॉर फीड्स बीटा स्थिति में ही बना रहा तत्पश्चात इसे सभी ऐडसेन्स प्रयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध करा दिया गया।

दिसम्बर 3, 2012 को ऐडसेन्स फॉर फीड्स को निरस्त किया जा रहा है।

ऐडसेंस फॉर सर्च

ऐडसेंस फॉर सर्च जो कि सामान्य ऐडसेन्स कार्यक्रम के साथ ही है, वेबसाईट धारकों को अपनी वेबसाइटों में गूगल सर्च बॉक्स लगाने की सुविधा प्रदान करता है। जब कोई प्रयोगकर्ता इंटरनेट अथवा वेबसाईट पर कोई खोज करता है, गूगल उस खोज से उत्पन्न होने वाले राजस्व का 51% भाग उस वेबसाईट के स्वामी से बांटता है।[4] हालांकि प्रकाशक को भुगतान सिर्फ तब ही किया जाता है जबकि उस पेज पर विज्ञापन को क्लिक किया गया हो; ऐडसेन्स प्रकाशक को खोज के लिए भुगतान नहीं करता है।

ऐडसेंस फॉर मोबाइल

ऐडसेंस फॉर मोबाइल की सामग्री प्रकाशकों को अपनी मोबाइल वेबसाइटों से गूगल विज्ञापनों का प्रयोग करते हुए आय अर्जित करने का मौका प्रदान करती है। सामग्री के लिए ऐडसेन्स की तरह ही गूगल विज्ञापनों को वेबसाईट की सामग्री के अनुसार मिला कर दिखाता है - जो कि इस मामले में एक मोबाइल वेबसाईट है।

ऐडसेंस फॉर डोमेंस

ऐडसेंस फॉर डोमेन्स ऐसे डोमेन पर विज्ञापन करने की सुविधा देता है जो अभी तक विकसित नहीं की गयी हैं। यह डोमेन नेम मालिकों को ऐसे डोमेनों के मौद्रिकरण का अवसर प्रदान करता है जो अन्यथा निष्क्रिय ही रहती हैं। फिलहाल ऐडसेंस फॉर डोमेन कुछ प्रयोगकर्ताओं के लिए ही है, हालांकि इसे सभी के लिए चरणों में उपलब्ध कराये जाने की योजना है।

12 दिसम्बर 2008 को टेकक्रंच की रिपोर्ट के अनुसार ऐडसेंस फॉर डोमेन संयुक्त राज्य अमेरिका के सभी प्रकाशकों के लिए उपलब्ध है।[9]

ऐडसेंस फॉर वीडियो

ऐडसेंस फॉर वीडियो, ऐसे प्रकाशक जिनके पास वीडियो सामग्री उपलब्ध है, उन्हें यूट्यूब सहित गूगल के विस्तृत विज्ञापन संजाल (नेटवर्क) का प्रयोग करते हुए विज्ञापन प्रकाशन द्वारा राजस्व अर्जित करने का अवसर प्रदान करता है।[10]

एक्सएचटीएमएल (XHTML) अनुकूलता

सितम्बर 2007 तक ऐडसेंस खोज बॉक्स का एचटीएमएल (HTML) कोड एक्सएचटीएमएल (XHTML) को स्वीकार नहीं करता था, तथा निम्नलिखित के प्रयोग के कारण वेबसाईट निर्माण के आधुनिक सिद्धांतों का पालन भी नहीं करता था

  • गैर मानक एंड टैग जैसे </img> और </input>,
  • एट्रिब्यूट checked="checked" के स्थान पर checked,
  • id, class, अथवा style के स्थान पर अन्य प्रेजेंटेशन एट्रिब्यूट का प्रयोग - उदाहरण के लिए bgcoloralign,
  • विशुद्ध प्रस्तुतिकरण (अर्थात गैर सारणीबद्ध) प्रयोजनों के लिए सारिणी संरचना का प्रयोग,1 तथा
  • font टैग.2

1: तालिका का उपयोग अनभिप्रेत कारणों के लिए करने को डब्ल्यू3C (W3C) द्वारा हतोत्साहित किया जाता है[11] परन्तु फिर भी इससे कोई डॉक्युमेंट वैलिडेशन असफल नहीं होता है - वर्तमान में इसकी कोई कलन विधि नहीं है कि जिससे यह पता चल सके कि किसी सारिणी का प्रयोग ठीक तरह से हुआ है या नहीं (सारिणीबद्ध डेटा अथवा तत्वों को दर्शाने के लिए, जो सक्रिय क्लायंट की ओर से स्क्रिप्ट के प्रयोग के बिना ब्राउज़र विंडो का आकार परिवर्तित करने पर अनुपात खो कर अपेक्षाकृत चौड़ी अथवा पतली हो जाती है)।
2: font टैग की प्रशंसा नहीं की जाती है परन्तु यह एक्सएचटीएमएल मानक में किसी वैलिडेशन पर असफल नहीं होता है[].

इसके अतिरिक्त, ऐडसेंस विज्ञापन इकाइयां जावास्क्रिप्ट पद्धति का उपयोग document.write() करती है, जो application/xhtml+xml माइम (MIME) प्रकार के साथ प्रयोग किये जाने पर सही ढंग से काम नहीं करती हैं। ये इकाइयां iframe एचटीएमएल (HTML) टैग का प्रयोग भी करती हैं, जो कि एक्सएचटीएमएल 1.0 स्ट्रिक्ट (XHTML 1.0 Strict) अथवा एक्सएचटीएमएल 1.0 ट्रांज़िशनल (XHTML 1.0 Transitional) DOCTYPEs को सही रूप से वैलिडेट (अभिपुष्ट) नहीं करता है।

ऐडसेंस कार्यक्रम की शर्तों के अंतर्गत इसके सहयोगियों द्वारा इसके कोड को बदलने पर रोक होती है, अतः इसके सहभागी वैध एक्सएचटीएमएल वेबसाइटें नहीं बना पाते.

हालांकि, इसे करने का एक तरीका इस प्रकार खोजा गया है कि एक अलग एचटीएमएल पेज लेकर उस पर सिर्फ ऐडसेन्स विज्ञापन इकाइयां डाली जाती हैं, इसके बाद इस पेज को ऑब्जेक्ट (object) टैग का प्रयोग करते हुए एक एक्सएचटीएमएल में इम्पोर्ट किया जाता है।[12] इस तरीके को गूगल द्वारा स्वीकार किया गया प्रतीत होता है।[13]

ऐडसेन्स कैसे कार्य करता है

  • वेबमास्टर एक वेबपेज पर ऐडसेंस जावास्क्रिप्ट कोड सम्मिलित करता है।
  • जितनी बार इस पेज को देखा जाता है, लाइनों में सम्मिलित जावास्क्रिप्ट कोड जेएसओएन (JSON) का प्रयोग करते हुए गूगल के सर्वरों से सामग्री निरुपित करता है।
  • प्रासंगिक विज्ञापनों के लिए गूगल के सर्वर पेज की कैश (cache) का उपयोग करते हुए उच्च परिमाण वाले खोजशब्द (keywords) निर्धारित करते हैं। यदि खोजशब्द पहले से ही कैश कर लिए गए हैं, तो उन खोजशब्दों के लिए ऐडवर्ड्स बिडिंग प्रणाली का प्रयोग करते हुए विज्ञापन प्रस्तुत कर दिए जाते हैं। (अधिक विवरण ऐडसेंस पेटेंट Archived 2019-02-19 at the वेबैक मशीन में वर्णित हैं।)
  • साइट लक्षित विज्ञापनों के लिए, विज्ञापनदाता जिस पेज पर विज्ञापन प्रदर्शित करना है, उसे चुनता है तथा कॉस्ट पर माइल (सीपीएम) के आधार पर, अथवा वह मूल्य जो कि वह प्रति हज़ार विज्ञापन प्रदर्शन पर देगा, भुगतान करता है।[14][15][16]
  • रेफरल के लिए गूगल प्रयोगकर्ता द्वारा निर्दिष्ट किया गया सॉफ्टवेयर डाउनलोड किये जाने पर, अथवा निर्दिष्ट की गयी सेवा को स्वीकार किये जाने पर, विज्ञापनदाता के खाते में धन जोड़ देता है।[17] रेफरल कार्यक्रम अगस्त 2008 में समाप्त हो गया।[18]
  • खोज विज्ञापन प्रयोगकर्ता द्वारा की गयी खोज के परिणामों की सूची में जोड़ दिए जाते हैं।
  • चूंकि पेज का अनुरोध किये जाने पर जावास्क्रिप्ट को वेब ब्राउज़र को भेज दिया जाता है, अतः अन्य वेबसाईट स्वामियों के लिए इस जावास्क्रिप्ट कोड को कॉपी करके अपने वेबपेजों में सम्मिलित किया जाना संभव होता है। इस प्रकार की धोखाधड़ी के विरुद्ध रक्षा के लिए, ऐडसेंस के ग्राहक जिन पेजों पर विज्ञापन दिखाया जाना है, उनको निर्दिष्ट कर सकते हैं। ऐडसेंस तब इन निर्दिष्ट किये गए पेजों के अतिरिक्त अन्य से की गयी क्लिक पर ध्यान नहीं देता है।

दुरुपयोग

कुछ वेबमास्टर ऐसी वेबसाइटें बनाते हैं हैं जो गूगल व अन्य इंजनों के खोजकर्ताओं को लुभा कर अपनी ऐडसेन्स वेबसाईट पर लाती हैं जिससे कि क्लिक द्वारा धन अर्जित किया जा सके। इन "ज़ोंबी" ("zombie") वेबसाइट पर अक्सर एक दुसरे से जुड़ी हुई स्वतः प्राप्त सामग्री के अतिरिक्त कुछ नहीं होता है (उदाहरण के लिए ओपन डाइरेक्ट्री परियोजना से प्राप्त सामग्री वाली एक डाइरेक्ट्री अथवा आरएसएस फीड से प्राप्त सामग्री पर आधारित एक स्क्रैपर वेबसाईट)। संभवतः "ऐडसेंस फार्मों" का सबसे लोकप्रिय रूप स्प्लॉग (स्पैम ब्लॉग) होते हैं, जो कि उच्च-मूल्य वाले खोज शब्दों पर केन्द्रित होते हैं। कई वेबसाइटें प्रयोगकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए अन्य वेबसाइटों, जैसे विकिपीडिया, की सामग्री का प्रयोग कर लेती हैं। ये तथा इससे संबंधित तरीकों को सर्च इंजन स्पैम माना जाता है तथा इनके विषय में गूगल को सूचित किया जा सकता है। []

ऐडसेन्स के लिए बनी (Made for AdSense) (एमएफए (MFA)) वेबसाईट अथवा वेबपेज पर थोड़ी सी अथवा बिलकुल भी सामग्री नहीं हो सकती है, तथा यह विज्ञापनों से भरी हुई होती है जिससे कि प्रयोगकर्ता के पास किसी विज्ञापन पर क्लिक करने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं होता है। पूर्व में ऐसे पेजों को सहन कर लिया जाता था परन्तु शिकायतों के कारण गूगल अब ऐसे खातों को बंद कर देता है।

ऐसे ट्रोजन हौर्स की भी शिकायतें प्राप्त हुईं जो कि वैध गूगल विज्ञापनों की तरह ही दिखने वाले नकली विज्ञापन प्रदर्शित करते हैं। ऐसे ट्रोजन हौर्स आशंकित प्रयोगकर्ता के कंप्यूटर में वेबपेज के ज़रिये स्वयं को अपलोड कर लेते हैं एवं तब असली विज्ञापनों को स्वयं के दुर्भावनापूर्ण विज्ञापनों के वर्ग से बदल देते हैं।[19]

आलोचना

क्लिक धोखाधड़ी की कथित चिंताओं के कारण गूगल ऐडसेन्स की कई सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन व्यापारिक कंपनियों द्वारा आलोचना की गयी क्योंकि गूगल जिसे "अमान्य क्लिक" कहता है, उसमें कोई कंपनी अपनी प्रतियोगी कंपनी के सर्च इंजन विज्ञापनों पर क्लिक करती है जिससे कि उसका खर्च काफी बढ़ जाता है।[20]

क्लिक धोखाधड़ी को रोकने के लिए ऐडसेंस प्रकाशक कई क्लिक निर्धारण कार्यक्रमों में से किसी को भी चुन सकते हैं।[] ये कार्यक्रम ऐडसेंस विज्ञापन पर क्लिक करने वाले आगंतुकों के बारे में विस्तृत सूचनाएं प्रदर्शित करते हैं। प्रकाशक इनका प्रयोग इसके निर्धारण के लिए कर सकते हैं कि कहीं वे क्लिक धोखाधड़ी के शिकार तो नहीं बन रहे हैं। कई वाणिज्यिक ट्रैकिंग स्क्रिप्ट खरीद के लिए उपलब्ध हैं।

वेबमास्टरों को किये जाने वाले भुगतान की शर्तों की भी आलोचना की गयी है।[21] गूगल भुगतान को तब तक रोके रखता है जब तक कि यह 100 डॉलर न पहुंच जाये,[22] लेकिन बहुत से सूक्ष्म सामग्री प्रदाताओं [] को इतना ऐडसेन्स राजस्व उत्पन्न करने में लम्बा समय लगता है - कुछ मामलों में तो यह वर्षों तक हो सकता है। हालांकि, खाते को बंद किये जाने पर, जबकि वह निष्क्रिय न किया गया हो, गूगल 10 डॉलर से अधिक के अर्जित राजस्व का भुगतान करता है।

कई वेबसाइट मालिकों की शिकायत है कि इससे पहले कि वे गूगल से अपना पहला भुगतान चेक प्राप्त कर पाते, उनके ऐडसेंस खाते को निष्क्रिय कर दिया गया। गूगल का दावा है खातों को धोखाधड़ी या निषिद्ध सामग्री के कारण निष्क्रिय किया गया है परन्तु उन्होंने इसका कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया। प्रकाशक को एक स्वचालित ईमेल भेज दी जाती है जिसमें कोई कारण नहीं बताया गया होता है और न ही कोई विकल्प होता है, सिर्फ अपील फ़ाइल करने के लिए एक लिंक होता है। ईमेल में, गूगल द्वारा कहा गया होता है कि "चूंकि यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम अपने ऐडवर्ड्स विज्ञापनदाताओं को अमान्य गतिविधियों के कारण बढ़े हुए खर्चों से बचाएं, हमारे लिए आपका ऐडसेन्स खाता निष्क्रिय करना आवश्यक है। आपकी बकाया राशि और गूगल का राजस्व का भाग, दोनों ही, पीड़ित विज्ञापनदाताओं को पूरी तरह वापस कर दिए जायेंगे." इस प्रकार उत्पन्न किया गया राजस्व, चाहे वह वैध हो अथवा अवैध - ले लिया जाता है तथा सारी शिकायतें विलंबित कर दी जाती हैं।[23]

गूगल परेशानी में आ गया जब आधिकारिक ऐडसेन्स ब्लॉग ने फ़्रांसिसी वीडियो वेबसाईट Imineo.com को प्रदर्शित कर दिया। इस वेबसाइट ने ऐडसेंस को कामोत्तेजक सामग्री के साथ प्रदर्शित करके गूगल के ऐडसेंस कार्यक्रम की नीतियों का उल्लंघन किया। आमतौर पर, ऐडसेंस वेबसाइटों में ऐसी सामग्री प्रदर्शित करना प्रतिबंधित होता है।[24] कुछ साइटों पर कॉपीराईट सामग्री के वितरण के कारण रोक लगा दी गयी, जबकि वे स्वयं ही उस कॉपीराईट की धारक थीं अथवा उनके पास कॉपीराईट के वितरण का अधिकार था।[25]

ऐसी सूचनाएं प्राप्त हुई हैं कि ऐडसेन्स तथा ऐडवर्ड्स दोनों का उपयोग करने पर किसी वेबसाईट को स्वयं को विज्ञापित किये जाने पर गूगल को कमीशन देना पड़ता है।[26]

कुछ मामलों में, ऐडसेंस अनुचित अथवा अपमानजनक विज्ञापन प्रदर्शित करता है। उदाहरण के लिए, भारत में आतंकवादी हमले के सम्बन्ध में प्रकाशित एक समाचार में, एक विज्ञापन प्रदर्शित किया गया था जो आतंकवाद में शैक्षणिक योग्यता (जो कि संभवतः विद्यमान नहीं है) के लिए था।[27]

ऐडसेंस ट्रैकिंग कुकीज़ को स्थापित कर देता है जिसे कुछ[28] द्वारा एकान्तता पर खतरे के रूप में देखा जाता है। जो वेबमास्टर ऐडसेंस का प्रयोग करते हैं, उन्हें एकान्तता की नीति के पेज में उचित चेतावनी प्रदर्शित करनी चाहिए। [29]

इन्हें भी देखें

  • द ऐडसेंस कोड (पुस्तक)
  • गूगल ऐडवर्ड्स
  • गूगल (Google) उत्पादों की सूची
  • पे पर प्ले
  • स्क्रैपर वेबसाइट

सन्दर्भ

  1. Google Expands Advertising Monetization Program for Websites, June 18, 2003, Press Release, Google
  2. "पे-पर-एक्शन बिता का क्या हुआ?". मूल से 1 मार्च 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 फ़रवरी 2011.
  3. "गूगल अनाउन्सेस फर्स्ट क्वाटर 2010 फाइनेंशियल रिज़ल्ट्स". गूगल. 18 जून 2010 को पुन:प्राप्त.
  4. "Google Form 10-Q, Q2 2010". 2010-07-15. अभिगमन तिथि 2010-09-08.
  5. Paula J. Hane (1999-12-20). "Beyond Keyword Searching". Info Today.
  6. "Google Buys Applied Semantics". Incisive Interactive Marketing LLC. 2003-04-24. मूल से 19 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 फ़रवरी 2011.
  7. "Google Acquires Applied Semantics". Press release. 2003-04-23.
  8. Shuman Ghosemajumder (2005-05-17). "Official Google Blog: Feed me". अभिगमन तिथि 2007-12-29.
  9. ऐडसेंस फॉर डोमेन्स नाउ अवेलबल फॉर ऑल यूएस पब्लिशर्स, रॉबिन वॉटर्स, 12 दिसम्बर 2008, टेकक्रंच
  10. Brian Womack (2010-05-03). "Google's YouTube Boosts Display Advertisers 10-Fold (Update1)". Bloomberg Businessweek. अभिगमन तिथि 2010-05-03.
  11. W3C. "Tables". अभिगमन तिथि 2009-10-06.
  12. Stu Nicholls. "Adding AdSense to application/xhtml+xml pages". मूल से 26 दिसंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-02-02.
  13. Roger Johansson (2004-09-01). "Content negotiation, AdSense, and comments". अभिगमन तिथि 2008-02-02.
  14. "Google AdSense Se Earning Kaise Kare".
  15. "Google AdSense Help Center: What are CPM ads?". 2007-12-29. मूल से 22 जनवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 फ़रवरी 2011.
  16. "Google AdWords: All About Site-Targeted Ads". 2007-12-29.
  17. "Google AdSense Help Center: What is the referrals feature?". 2007-12-29.
  18. "Google yanks AdSense referral program, offers shoddy surrogate". blog.anta.net. 2008-07-01. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 1797-1993. मूल से 23 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-07-01.
  19. Benaifer Jah (2005-12-27). "Trojan Horse program that targets Google AdSense ads". TechShout.
  20. Charles C. Mann (जनवरी 2006). "How click fraud could swallow the internet". Wired.
  21. Lem Bingley (2007-02-01). "Google keeps on coining it in". IT Week.[मृत कड़ियाँ]
  22. "When do I get paid?". Google AdSense Help Center.
  23. "Disabled Account FAQ - AdSense Help". 2010-11-08.
  24. "Adult content". Google AdSense Help Center.
  25. "Google AdSense Program Policies". 2007-12-29.
  26. "BE CAREFUL when using both AdSense + AdWords by Google". 2009-02-19.
  27. "Google's Worst Ads Ever (GOOG)". 2009-08-20.
  28. ऐडसेंस कुकीज़ की आलोचना
  29. गूगल ऐडसेंस टर्म्स

बाहरी कड़ियाँ