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एम॰ हिरियण्णा

मैसूरु हिरियण्णा (1871–1950)[1] बीसवीं शताब्दी में भारतीय दर्शन के विषय में लिखने वाले सर्वश्रेषठ लेखकों में गिने जाते हैं।[2]

प्रो॰ हिरियण्णा का जन्म ७ मई १८७१ को मैसूरु में हुआ था। मद्रास क्रिश्चियन कालेज से एम ए करने के बाद उन्होने मैसूरु ओरिएण्टल लाइब्रेरी मैसूरु में पुस्तकालयाध्यक्ष का पद धारण किया। १९१८ से १९२७ तक वे मैसूरु विश्वविद्यालय में संस्कृत तथा दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर रहे। उनकी रचनाएँ स्पष्टता, यथार्थता एवं संक्षिप्तता के लिए जानी जातीं हैं।

कृतियाँ

  • Outlines of Indian Philosophy [1]
  • The Essentials of Indian Philosophy [2]
  • The Quest After Perfection [3]
  • Indian philosophical studies
  • Popular essays in Indian philosophy
  • The mission of philosophy
  • The Twofold way of life
  • The Ethics of the Upaniṣads
  • Indian aesthetics
  • The Main aspects of Indian aesthetics
  • Indian conception of values
  • Reviews
  • Art Experience
  • Sanskrit Studies
  • Tales From Sanskrit Dramatists

सन्दर्भ

  1. WorldCat Identities[मृत कड़ियाँ]
  2. Hanumantha Rao, G., Mysore Hiriyanna, and N. Sivarama Sastry. Prof[Essor] M[Ysore] Hiriyanna Commemoration Volume. Mysore: Prof. M. Hiriyanna Commemoration Vol. Committee, 1952.

बाहरी कड़ियाँ

श्रेणी:संस्कृत विद्वान]]