एजेण्डा-21
अजेण्डा 21 1992 में पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (पृथ्वी सम्मेलन) में विश्व नेताओं द्वारा हस्ताक्षरित घोषणा है, जो ब्राज़ील के रियो दी जनेरो में हुई थी। इसका उद्देश्य वैश्विक संधारणीय विकास को प्राप्त करना है। यह सार्वजनिक हितों, आपसी आवश्यकताओं और साझा जिम्मेदारियों पर वैश्विक सहयोग के माध्यम से पर्यावरणीय क्षति, दारिद्र्य, रोग से निपटने का एक कार्यसूची है। अजेण्डा 21 का एक प्रमुख उद्देश्य यह है कि प्रत्येक स्थानीय सरकार को अपना स्थानीय अजेण्डा 21 बनाना चाहिए।
संरचना
अजेण्डा 21 को 4 वर्गों में बाँटा गया है:
- धारा 1: सामाजिक और आर्थिक आयाम दारिद्र्य का मुकाबला करने के लिए निर्देशित है, विशेष रूप से विकासशील देशों में, उपभोग के पैटर्न को बदलने, स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, एक अधिक स्थायी जनसंख्या प्राप्त करने और निर्णय लेने में स्थायी निवारण की ओर।
- धारा 2: विकास के लिए संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन में वायुमण्डलीय सुरक्षा, मुकाबला वनों की कटाई, नाजुक वातावरण की रक्षा, जैव विविधता का संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण और जैव प्रौद्योगिकी, और रेडियोधर्मी कचरा का प्रबंधन।
- धारा 3: प्रमुख समूहों की भूमिका को सुदृढ़ बनाना में बच्चों और युवाओं, महिलाओं, अशासकीय संस्था, स्थानीय अधिकारियों, व्यापार और उद्योग, और श्रमिकों की भूमिकाएं शामिल हैं; और आदिवासी, उनके समुदायों और कृषकों की भूमिका को मजबूत करना।
- धारा 4: कार्यान्वयन के साधन में विज्ञान, प्रौद्योगिकी हस्तान्तरण, शिक्षा अन्तर्राष्ट्रीय संगठन, और वित्तीय तंत्र अन्तर्गत हैं।[1]
एजेंडा 21 : यह एक घोषणा है जिससे 1992 में ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरो में संयुक्त पर्यावरण और विकास सम्मेलन के तत्वाधान में राष्ट्रीय उद्योगों द्वारा स्वीकृत किया गया था इसका उद्देश्य भूमंडलीय सतत पोषणीय विकास हासिल करना है यह एक कार्य सूची है जिसका उद्देश्य सम्मान हेतु पारंपरिक आवश्यकताओं एवं समिति जिम्मेदारियां के अनुसार विश्व सहयोग के द्वारा पर्यावरण क्षति गरीबी और रोगों से निपटना है एजेंडा 21 का मुख्य उद्देश्य यह है कि प्रत्येक स्थानीय निकाय अपना स्थानीय एजेंट 21 तैयार करें|**
- ↑ "Agenda 21" (PDF). sustainabledevelopment.un.org.