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ऍप्सिलन सैजिटेरियाइ तारा

धनु तारामंडल में ऍप्सिलन सैजिटेरियाइ तारा "ε Sgr" से नामांकित है

ऍप्सिलन सैजिटेरियाइ जिसके बायर नामांकन में भी यही नाम (ε Sgr या ε Sagittarii) दर्ज है, आकाश में धनु तारामंडल में स्थित एक द्वितारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से ३५वाँ सब से रोशन तारा है। यह हमसे १४४.६४ प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित है और पृथ्वी से इसका औसत सापेक्ष कांतिमान (यानि चमक का मैग्निट्यूड) १.७९ है।[1] इसका एक बहुत ही धुंधला साथी तारा भी है जिसे ऍप्सिलन सैजिटेरियाइ बी बुलाया जाता है।

अन्य भाषाओं में

भारतीय संस्कृति में ऍप्सिलन सैजिटेरियाइ और डॅल्टा सैजिटेरियाइ तारों को इकट्ठा पूर्वाषाढ़ के नाम से जाना जाता है। ऍप्सिलन सैजिटेरियाइ को अंग्रेज़ी में "कोस ऑस्ट्रालिस" (Kaus Australis) भी कहा जाता है जिसका अर्थ "दक्षिणी धनुष" है। यह अरबी भाषा के "क़ौस" (قوس‎, यानि "धनुष") और लातिनी भाषा के "ऑस्ट्रालिस" (Australis, यानी "दक्षिणी") का संयुक्त शब्द है।

वर्णन

ऍप्सिलन सैजिटेरियाइ का मुख्य तारा एक B9.5 III श्रेणी का दानव तारा है। इसकी अंदरूनी चमक (निरपेक्ष कान्तिमान) हमारे सूरज की ३७५ गुना है। इसका व्यास हमारे सूरज के व्यास का ७ गुना और इसका द्रव्यमान सूरज के द्रव्यमान का ५ गुना है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. The Practical Astronomer, Will Gater and Anton Vamplew, Penguin, 2010, ISBN 978-0-7566-6210-3.