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ऊष्मा चालन

किसी पिण्ड के अन्दर सूक्ष्म विसरण तथा कणों के टक्कर के द्वारा जो ऊष्मा का अन्तरण होता है उसे ऊष्मा चालन (Thermal conduction) कहते हैं। यहाँ 'कण' से आशय अणु, परमाणु, इलेक्ट्रान और फोटॉन से है।

चालन द्वारा ऊष्मा अन्तरण ठोस, द्रव, गैस और प्लाज्मा - सभी प्रावस्थाओं में होती है।

फुर्ये का ऊष्मा चालन का नियम (Fourier's law)

ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम कहता है कि ऊष्मा का प्रवाह केवल गरम वस्तु से ठण्डी वस्तु की तरफ हो सकता है। फुर्ये के नियम (Fourier's law) ने तापान्तर, दूरी तथा ऊष्मा अन्तरण की दर के बीच सम्बन्ध स्थापित कर दिया।

यदि ऊष्मा चालन एक ही दिशा में हो रहा हो, तो स्थायी अवस्था (स्टीडी स्टेट) में,

जहाँ:

ईकाई समय में स्थानान्तरित ऊष्मा की मात्रा,
(o ) ऊष्मा चालकता,
वह क्षेत्रफल, जिसके लम्बवत ऊष्मा का प्रवाह हो रहा है,
गरम तथा ठण्डे तलों के बीच ताप का अन्तर,
दोनों (गरम और ठण्डे तलों) के बीच की दूरी।

फुर्ये नियम का डिफरेंशियल रूप

फुर्ये का नियम कहता है कि किसी समांग माध्यम में, किसी बिन्दु पर, किसी दिशा में ऊषमा प्रवाह की दर उस दिशा में ताप प्रवणता (थर्मल ग्रेडिएण्ट) के समानुपाती होता है।अर्थात्:

जहाँ:

: ईकाई क्षेत्रफल से प्रवाहित होने वाली ऊष्मा (W m-2).
: समानुपाती नियतांक, जिसे ऊष्मा चालकता कहते हैं। (W m-1 K-1).
: पदार्थ के अन्दर किसी बिन्दु पर ताप की प्रवणता (ग्रेडिएण्ट) (K m-1).

पदार्थों की ऊष्मा चालकता

विभिन्न पदार्थों की ऊष्मा चालकता [W / m · K (J / s · m · ° C)]
पदार्थkपदार्थkपदार्थk
इस्पात47-58कॉर्क0,04-0,30पारा83,7
जल0,58टिन64,0अभ्रक0,35
वायु0,02फाइबर ग्लास0,03-0,07निकल52,3
अल्कोहल0,16ग्लिसरीन0,29स्वर्ण308,2
जर्मन सिल्वर29,1लोहा80,2पैराफिन0,21
अलुमिनियम209,3ईंट0,80चांदी406,1-418,7
ऐस्बेस्टस0,04अग्निसह ईंट0,47-1,05सीसा35,0
काँसा116-186पीतल81-116काँच0,6-1,0
जस्ता106-140लिथियम301,2
ताँबा372,1-385,2काष्ठ0,13

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