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उद्योग

एक औद्योगिक क्षेत्र का दृश्य

किसी विशेष क्षेत्र में भारी मात्रा में सामान का निर्माण/उत्पादन या वृहद रूप से सेवा प्रदान करने के मानवीय कर्म को उद्योग (industry) कहते हैं। उद्योगों के कारण गुणवत्ता वाले उत्पाद सस्ते दामों पर प्राप्त होते हैं जिससे लोगों का रहन-सहन के स्तर में सुधार होता है और जीवन सुविधाजनक होता चला जाता है।

औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका में नये-नये उद्योग-धन्धे आरम्भ हुए। इसके बाद आधुनिक औद्योगीकरण ने पैर पसारना आरंभ किया। इस काल में नयी-नयी तकनीकें एवं ऊर्जा के नये साधनों के आगमन ने उद्योगों को जबर्दस्त बढावा दिया।

उद्योगों के दो मुख्य पक्ष हैं:

१) भारी मात्रा में उत्पादन (मॉस प्रोडक्सन) उद्योगों में मानक डिजाइन के उत्पाद भारी मात्रा में उत्पन्न किये जाते हैं। इसके लिये स्वतः-चालित मशीनें एवं असेम्बली-लाइन आदि का प्रयोग किया जाता है।

२) कार्य का विभाजन (डिविजन ऑफ् लेबर) उद्योगों में डिजाइन, उत्पादन, मार्कटिंग, प्रबन्धन आदि कार्य अलग-अलग लोगों या समूहों द्वारा किये जाते हैं जबकि परम्परागत कारीगर द्वारा निर्माण में एक ही व्यक्ति सब कुछ करता था/है। इतना ही नहीं, एक ही काम (जैसे उत्पादन) को छोटे-छोटे अनेक कार्यों में बांट दिया जाता है।

सकल घरेलू उत्पाद (Gross domestic product/GDP) हरा - कृषि, लाल - उद्योग, नीला - सेवा क्षेत्र

वर्गीकरण

औद्योगिक आर्थिक क्रियाकलापों को मुख्यतः चार वर्गों में बांटा जा सकता है:

  • प्राथमिक क्षेत्र (प्राइमरी सेक्टर)

इसमें मुख्यतः कच्चे माल के निष्कर्षण (extraction) से सम्बन्धित क्रियाकलाप आते हैं। जैसे - खनन (माइनिंग), कृषि आदि

  • द्वितियक क्षेत्र (सेकेन्डरी सेक्टर)

इसमें तेल-शोषक कारखाने, निर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) से जुड़े उद्योग आदि आते हैं

  • तृतियक क्षेत्र (टर्शियरी सेक्टर)

इसमें सेवायें जैसे कानून, बैंक, स्वास्थ्य एवं उत्पादों के वितरण से सम्बन्धित उद्योग आते हैं।

  • चतुर्थक क्षेत्र

यह अपेक्षाकृत नवीन क्षेत्र है। इसमें ज्ञान आधारित उद्योग आते हैं। जैसे अनुसंधान, डिजाइअन एवं विकास (R&D); कम्प्यूटर प्रोग्रामन, जैवरसायन आदि आते हैं।

इनके अतिरिक्त एक पांचवा क्षेत्र का अस्तित्व भी माना जाता है जो बिना लाभ के कार्य करने का क्षेत्र है।

कोलिन क्लार्क का सेक्टर मॉडल (1950)

उद्योगों के प्रकार

वर्तमान समय के प्रमुख उद्योग हैं-

  • खनन उद्योग / भारी उद्योग
  • धातु उद्योग
  • लोहा एवं इस्पात उद्योग
  • हार्डवेयर उद्योग
  • मशीनरी उद्योग
  • वाहन उद्योग / ॲटोमोबाईल स्पेअर सप्लाई उद्योग
  • होलसेल ॲटोमोबाईल कार
  • ॲटोमोबाइल रिसायकलींग उद्योग
  • वायु एवं अंतरिक्ष उद्योग
  • जलयान निर्माण उद्योग
  • विद्युत उद्योग
  • कार्यालय मशीन उद्योग
  • रेडियो एवं टेलीविजन उपकरण उद्योग
  • प्रकाशिकी, घड़ी उद्योग
  • रासायनकउद्योग
  • पेट्रोलियम उद्योग
  • उर्वरक उद्योग
  • सीमेंट उद्योग
  • काच उद्योग
  • प्लास्टिक उद्योग
  • कागज उद्योग
  • दवा उद्योग
  • पुनः चक्रण उद्योग, कचरा उद्योग
  • औद्योगिक काष्ठ उद्योग
  • उपभोक्ता सामान/हल्के उद्योग
  • खाद्य द्योग
  • तम्बाकू उद्योग
  • वस्त्र उद्योग
  • फर्नीचर उद्योग
  • ख्लौना उद्योग
  • प्रिन्ट उद्योग
  • कम्प्यूटर उद्योग

उद्योगों के आधार

उद्योगों के लिए आवश्यक सुविधाएं

विश्व के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र

बेल् एयरक्राफ्ट कारपोरेशन का असेम्बली-प्लान्ट जहाँ P-39 Airacobra युद्धक विमान निर्मित होते थे। (१९४४ ; ह्वीटफिल्ड, न्यूयॉर्क, यूएसए)

लोहा इस्पात उद्योग

विश्व का कुल धातु उत्पादन का 90% से अधिक लौह होता है। विश्व के प्रमुख उत्पादक देश- अमेरिका, चीन, जापान, रूसिया, उक्रेन, जर्मनी, इटली, भारत, ब्राजील और साउथ कोरिया प्रमुख है। 70% उत्पादन विश्व के 10 देश मिलकर करते हैं।

यूएसए

यहां पूर्वी भाग में उद्योग का संकेन्द्रण है। क्योंकि अप्लेशियन से कोयला, सुपिरियर झील के दक्षिण से लौह अयस्क प्राप्त हो जाता है। यहाँ परिवहन के साधन का विकास और बाजार की उपलब्धता है।

प्रमुख क्षेत्र

1. पिट्सवर्ग क्षेत्र- इसे विश्व का इस्पात नगरी कहते हैं। यह प्रारम्भ में विश्व का सर्वप्रमुख उत्पादक क्षेत्र था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद महत्त्व कम होने लगा और इस्पात उद्योग दक्षिण और पश्चिमी की ओर खिसकने लगा। वर्तमान में शिकागो-गैरी क्षेत्र सर्वप्रथम उत्पादक है।

2. शिकागो-गैरी क्षेत्र - यह यूएसए का सर्वप्रथम उत्पादक क्षेत्र है। यहाँ मिशिगन झील प्रदेश के क्षेत्र में शिकागो गैरी, इण्डियाना, मिलवाकी, सेंटलुई क्षेत्र प्रसिद्ध है।

3. इरी झील प्रदेश- यहां बफैलो, डेट्रायड, क्लीवलैण्ड, टोलेडो प्रमुख हैं।

4. पूर्वी समुद्र तटीय प्रदेश या अटलांटिक प्रदेश।

5. न्यू इंग्लैण्ड क्षेत्र- यहां स्पैरोज प्वांइट है।

6. दक्षिण अपलेशियन क्षेत्र- यहां अलबामा क्षेत्र मुख्य है। वृहत्तम केन्द्र बरमिंघम है। बरमिंघम, यूएसए में सबसे सस्ता इस्पात तैयार करता है, लेकिन बाजार तक पहुंचने में अधिक परिवहन लागत के कारण महंगा हो जाता है।

7. पश्चिमी क्षेत्र- यहां कोलेरेडो और कैलिफोर्निया में कारखाने हैं।


कनाडा

यहाँ लोहा इस्पात उद्योग के प्रमुख क्षेत्र निम्न हैं

1. हेमिल्टन क्षेत्र- पश्चिम ओंटेरियो झील पर स्थित इसे कनाडा का बर्मिंघम कहते हैं।

2. साल्ट सेंट मेरी क्षेत्र- सुपीरियर झील, हरन झील के संगम पर स्थिता

3. नोवास्कोशिया क्षेत्र- सिडनी क्षेत्र।


रूस एवं यूक्रेन

यहां निम्न क्षेत्र प्रमुख है यूक्रेन क्षेत्र- यूक्रेन क्षेत्र को उक्राइन या डोनबास क्षेत्र कहते हैं। यहां सर्वाधिक कारखाने डोनेट्ज कोयला क्षेत्र पर अवस्थित है। यह पूर्व सोवियत संघ का रूर कहलाता है। प्रमुख केंद्र क्रिवायरग, निकोपाल, कर्च है।

यूराल क्षेत्र- यह CIS का वृहत्तम उत्पादक क्षेत्र है। यूराल क्षेत्र का लोहा और कुजनेस्क क्षेत्र के कोयले पर आधारित उद्योग का विकास हुआ है। यहां यूराल-कुजनेटस्क सहयोग और यूराल-कारागैंडा सहयोग पर उद्योग का विकास हुआ है। यूराल क्षेत्र का प्रमुख केंद्र चेल्याविस्क, मैग्नीटोगोर्क, निझणी तागिल है।

मॉस्को क्षेत्र- मॉस्को क्षेत्र में बाजार पर आधारित इस्पात की छोटी-छोटी मिले हैं। यहां स्क्रैप के आधार पर उत्पादन होता है।

लेनिनग्राद में कोला प्रायद्वीप का लोहा एवं पेचोरा बेसिन का कोयला प्राप्त होता है।

जर्मनी

यहाँ रूर क्षेत्र में 80% इस्पात का उत्पादन होता है। इसे राइन-वेस्टफेलिया क्षेत्र भी कहते हैं। दूसरा प्रमुख क्षेत्र सार प्रदेश है।

इटली

यहां समुद्र तटीय क्षेत्रों में आयात पर आधारित उद्योग का विकास हुआ है।

फ्रांस

फ्रांस में लारेन क्षेत्र में यहां का 70% उत्पादन होता है।


यूनाइटेड किंगडम

दक्षिण वेल्स प्रदेश ब्रिटेन का वृहत्तम उत्पादक क्षेत्र है। इसके अतिरिक्त उत्तरी-पूर्व तटीय प्रदेश, शैफील्ड प्रदेश, मिडलैण्ड या बर्मिघम क्षेत्र प्रमुख है।

ब्रिटेन का 65% मिश्र उत्पादन शैफील्ड में तैयार होता है। शैफिल्ड में यह उद्योग भौगोलिक जड़त्व का उदाहरण है।

स्वीडेन

यहाँ इस्पात उद्योग छोटे पैमाने पर परन्तु उच्च कोटि का इस्पात तैयार होता है। यहां सर्जिकल इस्पात तैयार की जाती है। यहां के सर्जिकल इस्पात का काफी मांग है। स्वीडन के इस्पात केन्द्र किरूना, गैलिबिरा की खान पर आधारित नहीं है। बल्कि बसलागेन की खान पर आधारित है।

स्पेन

स्पेन का मुख्य केन्द्र बिल्बाओ है। यहां स्थानीय लोहा मिलता है।

जापान

जापान लोहा और कोयला दोनों या आयात होता है। अतः आयातित कच्चा माल पर यहां लोहा-इस्पात उद्योग का विकास हुआ है। यहां कोकीन कोयला, यूएसए, कनाडा, आस्ट्रेलिया से आयात होता है। लोहा- भारत, मलेशिया से आयात होता है। स्क्रप आयरन U.S.A. से आयात होता है।

जापान के प्रमुख क्षेत्र

1. याबाता- तोबाता क्षेत्र यह उत्तरी क्यूशू में स्थित है। जापान का 70% उत्पादन यहां होता है। यहां प्रमुख केंद्र याबात, तोबाता, मोजी एवं नागासाकी है।

2. कोबे- ओसाका क्षेत्र, दक्षिण होन्शु के पूर्वी तट पर लोहा इस्पात उद्योग का संकेन्द्रण है। कोबे, ओसाका, बाकायामा प्रमुख केन्द्र है।

3. टोक्यो- याकोहामा क्षेत्र, मध्य पूर्वी होन्शु पर स्थित है। टोक्यो, याकोहामा, कावासाकी प्रमुख केंद्र है।

4. मरासैन क्षेत्र- हैकेडो पर स्थित प्रमुख केंद्र।

चीन

1. मंचुरिया क्षेत्र यह चीन का प्रमुख क्षेत्र है। यहां दक्षिण मंचुरिया में मुख्यतः उत्पादन होता है। यहाँ चीन का सर्वाधिक उत्पादन होता है।

2. यहां प्रमुख केन्द्र- अंशान, फशून, पेंचिहु, मुक्डेन है।

3. मध्य चीन में- शंघाई, बुहान प्रमुख केंद्र है।

4. उत्तरी चीन में- शांतुंग, होपे प्रमुख केंद्र है।

आस्ट्रेलिया

उत्तर में न्यू कैलश प्रमुख हैं। यहां हंटर घाटी से कोक कोयला मिलता है।

ब्राजील

मिनास-गिरास राज्य में छोटे-होटे कारखाने हैं, जिसमें रियो-दे-जेनरो, साओपालो, वौल्टारडेन्डा प्रमुख उत्पादक है।

दक्षिण अफ्रीका

यहाँ नेटाल एवं प्रिटोरिया प्रमुख केंद्र है।

वस्त्र उद्योग

सूती वस्त्र उद्योग

प्रमुख उत्पादक- चीन, भारत और यूएसए हैं।

चीन- यहां का 50% उत्पादन यांगटसी बेसिन में होता है। सबसे बड़ा केंद्र शंघाई है, इसे चीन का मेनचेस्टर कहते हैं। चीन के दक्षिण में सिक्यांग के मुहाने पर कैटन प्रमुख केन्द्र है। बुहान, नानकिंग अन्य महत्वपूर्ण केंद्र हैं।

यूएसए - यहाँ पूर्वी भाग में अप्लेशियन राज्यों में उद्योग का केंद्रीकरण है। यहां सर्वप्रथम न्यू इंग्लैण्ड राज्य में सूती वस्त्र उद्योग का विकास हुआ था। परन्तु बाद में दक्षिण अप्लेशियन राज्यों में सर्वाधिक निर्माण होने लगा।

1. न्यू इंग्लैण्ड क्षेत्र- 1920 तक यह प्रधान क्षेत्र था, फिर महत्त्व घटने लगा। यहां बारीक महीन वस्त्र का उत्पादन होता है। यहां लावेल प्रमुख केंद्र है। इसे U.S.A. का मेनचेस्टर कहते हैं।

2. मध्य अटलांटिक राज्य- यहां फिलाडेल्फिया बड़ा केंद्र है। न्यूयार्क में पोशाक उद्योग विकसित है।

3. दक्षिण अप्लेशियन राज्य- सबसे बड़ा उत्पादक है। यहां अप्लेशियन की प्रपात रेखा के सहारे सस्ती जलविद्युत पर आधारित उद्योग का विकास हुआ है। यहां कपास (कच्चा माल) भी उपलब्ध है। कोलंबिया, आगस्टॉस, अटलांटा प्रमुख केंद्र है।


रुस - मॉस्को, इवानोवा क्षेत्र सर्वप्रमुख है। इवानोवो को पूर्व सोवियत संघ का मेनचेस्टर कहते हैं।

जापान- यहां किनकी प्रदेश प्रमुख उत्पादक है। ओसाका प्रमुख केंद्र है। इसे जापान का मेनेचेस्टर कहते हैं। ओसाका प्रमुख केंद्र है।

ब्रिटेन- सूती वस्त्र में कारखाना प्रणाली का विकास यहीं हुआ था। 18वीं से 20वीं सदी के प्रारम्भ तक यह वृहत्तम उत्पादक था। यहां लंकाशायर में उद्योग का विकास प्रारंभ हुआ। प्रमुख केंद्र- मेनचेस्टर। इसे सूती वस्त्र की कब्रगाह कहते हैं। नाटिंघम, वेस्ट राईडिंग प्रदेश- अन्य प्रमुख प्रदेश है। स्कॉटलैण्ड में ग्लास्को प्रमुख हैं।

इटली में मिलान प्रमुख है। स्विटजरलैण्ड में सेंट गैलेन, फिनलैण्ड में टेम्पेयर (फिनलैण्ड का मैनचेस्टर) प्रमुख केंद्र है।

भारत- यहां महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु प्रमुख उत्पादक राज्य हैं। सूती वस्त्रों की राजधानी मुंबई है। भारत का मैनचेस्टर मुम्बई है। उत्तर भारत का मेनचेस्टर कानपुर है। पूर्व का बोस्टन अहमदाबाद है।


ऊनी वस्त्र

ऊनी वस्त्र केन्द्रीकृत उद्योग है और विश्व के सीमित क्षेत्र में ही विकास हुआ है। विश्व में प्रमुख उत्पादक U.S.A., CIS, U.K. है। दक्षिणी गोलार्द्ध के देश बड़े ऊन उत्पादक हैं। लेकिन यहां विश्व का केवल 5% ऊनी वस्त्र बनता है। उत्तरी गोलार्द्ध में शेष 95% ऊनी वस्त्र का उत्पादन होता है।

यूएसए - यहाँ न्यू इंग्लैण्ड प्रदेश में सर्वाधिक उत्पादन होता है। लगभग 60% उत्पादन यहीं होता है। इसके अतिरिक्त मध्य अप्लेशियन एवं दक्षिणी राज्यों में उत्पादन होता है।

CIS- रूस में मॉस्को, इवानोवा क्षेत्र मुख्य उत्पादक है। यह सूती वस्त्र का भी मुख्य उत्पादक है।

U.K. में यार्कशायर (वेस्ट राइडिंग प्रदेश) सर्वप्रमुख उत्पादक है।

जापान में नागोया प्रमुख केंद्र है।


रेशमी वस्त्र

चीन, जापान, क्यूबा एवं भारत प्रमुख उत्पादक है। चीन में रेशमी वस्त्र घरेलू उद्योग के रुप में विकसित हुआ है। यहां सिक्यांग एवं यांगटिसिक्यांग की घाटी में विकास हुआ है। यहां शंघाई प्रमुख केंद्र है। जापान में यह उद्योग क्वेटा क्षेत्र में विकसित हुआ है। मुख्य केन्द्र नागोया, ओकाया है। यूएसए में पैटर्सन (New Jersy) प्रमुख केंद्र है। विश्व में सर्वाधिक रेशमी वस्त्र का खपत U.S.A. में होता न्यूयार्क प्रमुख उपभोक्ता है। रूस में मास्कों प्रमुख केंद्र है। भारत में कर्नाटक प्रमुख उत्पादक राज्य है। यूरोप में फ्रांस वृहत्तम उत्पादक है। इटली में पोघाटी के मिलान क्षेत्र में उत्पादन होता है।


पेट्रोलियम शोधन उद्योग

पेट्रोलियम उद्योग के विकास पर कच्चे तेल एवं बाजार का मुख्य प्रभाव है। विश्व में 50 से अधिक देशों में तेलशोधन कारखाने हैं। कारखानों की संख्या के अनुसार- U.S.A., कैरीबियन प्रदेश, पश्चिमी यूरोप, CIS, पश्चिम एशिया प्रमुख है। U.S.A. में खाड़ी तटीय क्षेत्र में तथा वृहद झील प्रदेश में सर्वाधिक कारखाने है। कैरेबियन प्रदेश में तटीय क्षेत्र में, वेनेजुएला, ट्रिनिडाड एवं टोबेगो एवं कोलंबिया में कारखाने हैं। शिकागों, U.S.A का सबसे बड़ा केंद्र है। रूस में बाकू, ग्रोजनी, वोल्गा, यूराल प्रदेश में प्रमुख कारखाने हैं।

दक्षिण-पश्चिमी एशिया के कारखाने

1. सऊदी अरब - रासतनुरा

2. कुवैत मीना (तेल बंदरगाह)

3. इजरायल हैफा (तेल बंदरगाह)

4. लेबनान ट्रोपोली (तेल बंदरगाह), सिडन

5. कतर दोहा

6. बहरीन - बहरीन

7. यमन -- अदन,

8 इराक -- बगदाद, किरकुक

9. इरान -- करमनशाह, आबादान, अलबसरा

आबादान पश्चिम एशिया का वृहद कारखाना है।


भारत के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र

उद्योग स्थापना की सिद्धान्त

उद्योग शब्दावली

1. कृषि पर आधारित उद्योग : जो उद्योग कृषि उत्पादों को औद्योगिक उत्पादों में परिवर्तित करता है

2. आधारभूत उद्योग : ये भारी उद्योग हैं जो अन्य उद्योगों के लिए आधारभूत हैं। जैसे-लोहा तथा इस्पात उद्योग।

3. सहकारी उद्योग : ये उद्योग लोगों के समूह द्वारा व्यवस्थित किए जाते हैं जो कि कच्चे माल के उत्पादक होने के साथ-साथ एक दूसरे के सहयोग से उद्योगों को चलाने में भी मदद करते हैं।

4. उपभोक्ता उद्योग : ये उद्योग प्रमुख रूप से लोगों के उपभोग के लिए वस्तुएँ प्रदान करते हैं।

5. कुटीर उद्योग : ये उद्योग घरों या गाँवों में छोटे पैमाने पर चलाए जाते हैं।

6. भारी उद्योग : ये उद्योग भारी कच्चे माल का प्रयोग कर भारी तैयार माल का निर्माण करते हैं। जैसे : लोहा और इस्पात उद्योग।

7. उद्योग : कारखाने की उत्पादन क्रिया के द्वारा कच्चे माल के मूल्य में वृद्धि को उद्योग कहते हैं

8. संयुक्त उद्योग : वे उद्योग जो राज्य सरकार तथा निजी क्षेत्रा के संयुक्त प्रयास से चलाए जाते हैं।

9. हल्के उद्योग : ये उद्योग कम भार वाले कच्चे माल का प्रयोग कर हल्के तैयार माल का उत्पादन करते हैं। जैसे- इलेक्ट्रॉनिक्स, पंखे आदि।

10. बड़े पैमाने के उद्योग : हर इकार्इ में बड़ी संख्या में लोगों को राजगार देने तथा उत्पादन स्तर में वृद्धि करने वाले उद्योग। जैसे जूट या पटसन उद्योग।

11. खनिज आधारित उद्योग : जो उद्योग खनिज उत्पादों को तैयार माल में परिवर्तित करते हैं।

12. सार्वजनिक क्षेत्रा के उद्योग : इन उद्योगों का स्वामित्व केन्द्र तथा राज्य दोनों सरकारों के पास होता है। जैसे- बी.एच.र्इ.एल., एच.र्इ.सी. तथा एन.टी.पी.सी.।

13. प्राथमिक उद्योग : ये कच्चे माल के उत्पादन के उद्योग हैं।

14. निजी क्षेत्रा के उद्योग : इन उद्योगों का स्वामित्व तथा नियंत्राण एक व्यक्ति, फर्म या कंपनी के हाथ में होता है।

15. द्वितीयक उद्योग : ये उद्योग प्राथमिक उद्योगों द्वारा तैयार किए माल का प्रयोग करके वस्तुओं का निर्माण करते हैं।

16. छोटे पैमाने के उद्योग : कम संख्या में लोगों को रोजगार देना तथा लगभग दो करोड़ पूँजी निवेश करने वाले उद्योग जैसे-सिले-सिलाए वस्त्रों का उद्योग।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ