उत्तर प्रदेश का खाना
यह एक शृंखला है जो भारतीय खाना के बारे में है। |
भारतीय खाना |
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भारत प्रवेशद्वार |
अवधी व्यंजन
मेरठ: ऐतिहासिक शहर
मेरठ, अपने ऐतिहासिक महत्व के साथ, विभिन्न प्रकार के पाक व्यंजन भी प्रदान करता है। शारदा रोड स्थित सैनी स्वीट्स अपनी रेवड़ी और गजक के लिए मशहूर है। बेगम ब्रिज रोड पर स्थित काकोरी हाउस अपने काकोरी कबाब के लिए जाना जाता है। हार्दिक भोजन के लिए, अबू लेन में बाबा बिरयानी पर जाएँ, जो स्वादिष्ट बिरयानी पेश करता है।
बरेली: द कल्चरल मेल्टिंग पॉट
बरेली,अपनी सांस्कृतिक विविधता के लिए मशहूर बरेली एक अनोखा पाक अनुभव प्रदान करता है। सिविल लाइंस स्थित झुमका चाट भंडार आलू टिक्की के लिए मशहूर है। और कुतुबखाना में खान चाचा की बिरयानी, खुशबूदार बिरयानी परोसती है। मीठे व्यंजन के लिए, श्याम गंज में शर्मा स्वीट्स में बरेली की बर्फी का स्वाद लें।
- कोफ़्ते की सब्जी
- रायता सभी खाने के साथ चलता है
अवध क्षेत्र की अपनी एक अलग खास नवाबी खानपान शैली है। इसमें विभिन्न तरह की बिरयानीयां, कबाब, कोरमा, नाहरी कुल्चे, शीरमाल, ज़र्दा, रुमाली रोटी और वर्की परांठा[1] और रोटियां आदि हैं, जिनमें काकोरी कबाब, गलावटी कबाब, पतीली कबाब, बोटी कबाब, घुटवां कबाब और शामी कबाब प्रमुख हैं।[1] शहर में बहुत सी जगह ये व्यंजन मिलेंगे। ये सभी तरह के एवं सभी बजट के होंगे। जहां एक ओर १८०५ में स्थापित राम आसरे हलवाई की मक्खन मलाई एवं मलाई-गिलौरी प्रसिद्ध है, वहीं अकबरी गेट पर मिलने वाले हाजी मुराद अली के टुण्डे के कबाब भी कम मशहूर नहीं हैं।[2] इसके अलावा अन्य नवाबी पकवानो जैसे 'दमपुख़्त', लच्छेदार प्याज और हरी चटनी के साथ परोसे गय सीख-कबाब और रूमाली रोटी का भी जवाब नहीं है। लखनऊ की चाट देश की बेहतरीन चाट में से एक है। और खाने के अंत में विश्व-प्रसिद्ध लखनऊ के पान जिनका कोई सानी नहीं है।
सन्दर्भ
- ↑ अ आ first= (२० जून). "क्युज़ाइन्स ऑफ़ लखनऊ" (अंग्रेज़ी में). राष्ट्रीय सूचना केन्द्र. पपृ॰ ०१. मूल (एचटीएमएल) से 19 अगस्त 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २१ जून २००९.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ "लखनऊ कबाब्स कंटिन्यू टू बि गोर्मेन्ट्स डिलाइट बेयॉण्ड टाइम". मूल से 5 मई 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 अप्रैल 2007.