ई. सोनामणि सिंह
ई. सोनामणि सिंह | |
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पेशा | साहित्यकार |
भाषा | मणिपुरी भाषा |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
विषय | कहानी–संग्रह |
उल्लेखनीय कामs | ममांथों लोल्लबदि मीनथोंदा लाक्उदना |
ई. सोनामणि सिंह मणिपुरी भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कहानी–संग्रह ममांथों लोल्लबदि मीनथोंदा लाक्उदना के लिये उन्हें सन् 1988 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]
सोनामणि ने अपने उपन्यासों, लघु कथाओं, कविताओं, अनुवाद और खण्ड काव्यों के माध्यम से मणिपुरी भाषा को समृद्ध किया। उनकी रचनाएं सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश को प्रतिबिम्बित करती हैं और हमारे समृद्ध परम्परागत मूल्यों की प्रिज्म के माध्यम से बदलते दौर को दर्शाती हैं। उन्होंने 40 से अधिक पुस्तकों की रचना की है और वह मणिपुरी साहित्य और सामाजिक-आर्थिक बिरादरी के अगुआ हैं। उन्होंने मणिपुरी राज्य कला अकादमी, केंद्रीय साहित्य अकादमी, केंद्रीय साहित्य अकादमी के अनुवाद पुरस्कार, थोएबी पुरस्कार सहित बहुत से प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजे जा चुके हैं। [2]
सन्दर्भ
- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.
- ↑ ई सोनामणि को प्रतिष्ठित ज्ञानरिमा मानद् अलंकरण