इनरा ब्लड ग्रुप
परिचय
भारत में एक नया ब्लड ग्रुप खोजा गया है, जिसे INRA नाम दिया गया है। Reference: Sanmukh R. Joshi, Ankita Sheladiya, Kinjal V. Mendapara‑Dobariya. INRA. A new high-frequency antigen in the INDIAN (IN023) blood group system. Asian J Transfus Sci 2017;11:121-3.
संक्षिप्त टिप्पणी
सूरत के वराछा इलाके में स्थित लोक समर्पण ब्लड बैंक के डॉक्टरों के द्वारा इस नये ब्लड ग्रुप कि खोज हुई। एक व्यक्ति वहन रक्त दान करने आया। रक्त कि जांच करने पर चिकित्स्तो कों पता चला कि यह ग्रुप तो किसी और से मैच नहीं होता। लैब के प्रमुख डॉक्टर सम्मुख जोशी और उसकी टीम ने उसकी जांच शुरू की गई।
नए ब्लड ग्रुप को दिया INRA नाम
डॉक्टर जोशी ने इंटरनेशनल ब्लड ग्रुप रेफरेंस लेबोरेटरी से संपर्क किया। जहां ब्लड की जांच हुई लेकिन उसका कोई ब्लड ग्रुप नहीं मिला। यह ब्लड सैम्पल वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) भेजा गया। जहां इसकी पूरी परख करने के बाद WHO लेबोरेटरी ने इस नए ब्लड ग्रुप को सर्टिफाई किया है। डॉक्टर सम्मुख जोशी का कहना है कि उन्होनें इस ब्लड ग्रुप को INRA नाम दिया है। जो पहले दो शब्द इंडिया और बाद के दो शब्द ब्लड देने वाली महिला के नाम से लेकर बनाया गया है। हालांकि रिसर्च के चलते डॉक्टरों ने महिला की पहचान को अभी छिपा रखा है।
WHO लेबोरेटरी में कराई ब्लड की जांच
जब ब्लड ग्रुप कि जांच कि गयी तो चिकित्स्तों ने पाया कि यह अनोखा ब्लड ग्रुप किसी भी एनी सैंपल से मैच नहीं खता। फिर उन्होंने इसे INRA नाम डे दिया। इस ब्लड सैंपल कि जांच WHO द्वारा भी कि गयी है।
दुनिया में इकलौता ब्लड ग्रुप
इसके बाद लैब ने अपनी जांच के बाद इस बात को स्वीकृति दी है कि यह ब्लड ग्रुप पूरी दुनिया में इकलौता है। ऐसे में इस तरह के अनोखे ब्लड ग्रुप होने के चलते व्यक्ति को काफी परेशानी होती है। वो न किसी को अपना खून दे सकता है और ना ही ले सकता है। कभी उसका खुद कोई ऑपरेशन हो तो डॉक्टरों को उसका ही खून पहले लेकर रखना होगा।
यह भी मन गया है कि पूरी दुनिया में ऐसे सिर्फ 7 लोग हैं जिनका खून किसी से भी मैच नहीं होता। और अनोखा ब्लड ग्रुप खोजने में यह भारत कि दूसरी सफलता है। इससे पहले भारत ने बॉम्बे ब्लड ग्रुप भी खोजा गया था।