आर्टेमिस कार्यक्रम
Country | United States |
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Organization | नासा and partners : ESA , JAXA, and CSA |
Purpose | Crewed lunar exploration |
Status | Ongoing |
Program history | |
Cost | US$35 billion (2020–2024)[1] |
Duration | 2017–present[2] |
Maiden flight | आर्टेमिस १ (NET November 2022)[3] |
First crewed flight | Artemis II (NET May 2024)[4] |
Launch site(s) |
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Vehicle information | |
Crew vehicle | |
Launch vehicle(s) |
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आर्टेमिस कार्यक्रम अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के द्वारा निर्देशित एक अंतरिक्ष कार्यक्रम है जिसका लक्ष्य हमारे चाँद पर फिर से मनुष्यों को भेजना है और उसके बारे में और ज्यादा जानकारी जुटाना है।[7][8] आर्टेमिस कार्यक्रम चंद्रमा पर एक स्थायी उपस्थिति स्थापित करने के नासा के दीर्घकालिक लक्ष्य की दिशा में पहला कदम होगा, जो कि चंद्र अर्थव्यवस्था का निर्माण करने के लिए निजी कंपनियों की नींव रखेगा, और अंततः मानवों को मंगल ग्रह पर भेजेगा।[9]
नाम
आर्टेमिस अपोलो की जुड़वाँ बहन और ग्रीक (यूनानी) पौराणिक कथाओं में चंद्रमा की देवी थी। अब, वह चंद्रमा पर नासा के रास्ते का प्रतिनिधित्व करती है, २०२४ तक अंतरिक्ष यात्रियों को चाँद की सतह पर लौटाने के लिए नासा के कार्यक्रम के नाम के रूप में, जिसमें पहली महिला और अगला पुरुष भी शामिल है।[10]
योजना
जैसे अपोलो कार्यक्रम का लक्ष्य चाँद पर पहला मानव भेजना था, आर्टेमिस कार्यक्रम चंद्रमा पर एक स्थायी उपस्थिति स्थापित करने के दीर्घकालिक लक्ष्य की दिशा में पहला कदम होगा, और यह चाँद पर पहली औरत भी भेजेगा। आर्टेमिस कार्यक्रम विशेष कर २०२४ तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अगले अंतरिक्ष यात्रियों पर को उतारेगा।
“राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नासा से कहा है कि वह 2024 तक चंद्रमा पर लौटने और मनुष्यों को फिर से सतह पर लाने की हमारी योजनाओं में तेजी लाए। हम नई नई तकनीकों और प्रणालियों के साथ जाएंगे जिससे सतह पर अधिक स्थानों का पता लगाया जा सके। इस बार, जब हम चंद्रमा पर जाएंगे, तो हम वहां ठहरेंगे। और फिर हम अगली विशाल छलांग लेने के लिए चंद्रमा पर जो सीखेंगे उसका उपयोग करेंगे - अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल ग्रह पर भेजने के लिए ”—जिम ब्रिडेनस्टाइन, नासा
जाँच
आर्टेमिस 1 के प्रक्षेपण से पहले ओरायन अंतरिक्ष यान के तीन परीक्षण किए गए हैं।
परीक्षण | तारीख और समय | जगह | क्रू | यान | सफलता | समय अवधि |
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पैड एबॉर्ट -१ (Pad Abort-1) |
| व्हाईट सैंड्स LC-32E | N/A | ओरायन एल ए एस | सफल | 95 सेकेंड |
अन्वेषण उड़ान परीक्षण १ (Exploration Flight Test 1) |
| केप कैनैवेरल SLC-37 | N/A |
| सफल | 4 घंटे 24 मिनट |
ऐसेंट एबॉर्ट -१ (Ascent Abort-2) |
| केप कैनैवेरल SLC-46 | N/A | ओरायन एबॉर्ट टेस्ट बूस्टर | सफल | 3 मिनट 13 सेकेंड |
पैड 39 बी जल प्रवाह परीक्षण
नासा ने १३ सितम्बर को एसएलएस लाँच पैड पर वाटर फ्लो जांच की जोकि सफल रहा।[11]
३०-सेकंड के परीक्षण के दौरान, पैड बी फ्लेम डिफ्लेक्टर, मोबाइल लॉन्चर फ्लेम होल और लॉन्चर ब्लास्ट डेक पर लगभग ४५०,००० गैलन पानी डाला गया। यह प्रणाली 1 मिलियन गैलन प्रति मिनट से अधिक की चरम प्रवाह दर पर पहुंच गई। लॉन्च के दिन पानी का मुख्य उद्देश्य ध्वनि दमन है।
लॉन्चपैड एलिमेंट डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर निक मॉस ने कहा, "एसएलएस लिफ्टऑफ में १७६ डेसीबल की ध्वनि का उत्पादन करेगा, जो किसी जेटलाइनर की तुलना में काफी अधिक है।" "प्रवाह द्वारा बनाई गई पानी की चादरें उस ध्वनि को कुछ डेसिबल कम कर देती हैं।"
जब रॉकेट के इंजन पूरी शक्ति से ऊपर उठते हैं, तो मोबाइल लांचर के सीमित स्थान पर गर्म निकास दबाव बनाने लगता है। ये दबाव तरंगें कंपन का कारण बन सकती हैं जो मोबाइल लांचर, और साथ में रॉकेट को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
मोबाइल लांचर के वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक क्लिफ लानम ने कहा, "ध्वनि दमन प्रणाली एक नमनीय के रूप में काम करती है, ध्वनिक ऊर्जा को अवशोषित करती है और दबाव तरंगों की ताकत को कम करती है।" "यह सुरक्षित लिफ्टऑफ सुनिश्चित करने के लिए एक सुरक्षात्मक वातावरण बनाता है।"
ध्वनि दमन प्रणाली टी-ज़ीरो से लगभग २० सेकंड पहले शुरू होती है। वाहन से धुआं और आग लगभग १० सेकंड बाद शुरू होती है।
निक मॉस ने कहा, "और यह कि हम यहां इसीलिये हैं - यह सुनिश्चित करने के लिए कि हम उन १० सेकंड तक सुरक्षित रूप से पहुंच सकते हैं और वाहन भेज सकते हैं।"।
आर्टेमिस १
आर्टेमिस कार्यक्रम की पहली उड़ान, "आर्टेमिस १" एक प्रकार की जाँच होगी जिसमें मानवरहित ओरायन कैप्सूल १० दिन चंद्रमा की परिक्रमा करते हुए बितायेगा।[12] यह चाँद से ६०,००० किलोमीटर (३७,००० मील) की दूरी पर परिक्रमा करने के बाद धरती पर वापस लौटेगा।[13]
आर्टेमिस-२
कार्यक्रम का पहला क्रू मिशन, आर्टेमिस-२, २०२२ में चंद्रमा से ८,९०० किलोमीटर (५,५०० मील) की दूरी पर एक फ्री-रिटर्न फ्लाईबाई पर चार अंतरिक्ष यात्रियों को लॉन्च करेगा।
आर्टेमिस ३
आर्टेमिस ३ को एसएलएस ब्लॉक १ रॉकेट पर २०२४ में लॉन्च करने की योजना है। यह कार्यक्रम के पहले चालक दल को चाँद पर पहुंचाने के लिए न्यूनतम गेटवे और पीछे छोड़ने योग्य लैंडर का उपयोग करेगा। यान को चाँद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतारने की योजना है।
यान
स्पेस लॉन्च सिस्टम
स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) एक अमेरिकी सुपर हेवी-लिफ्ट एक्सपेंडेबल 'लॉन्च वाहन' (रॉकेट) है, जो अभी विकास के अधीन है।[14] यह नासा की लंबी दूरी की अंतरिक्ष अन्वेषण योजनाओं का प्राथमिक लॉन्च वाहन है, जिसमें आर्टेमिस कार्यक्रम की योजनाबद्ध चालक दल युक्त चंद्र उड़ाने भी शामिल हैं।[15]
प्रारंभिक एसएलएस ब्लॉक १ की आवश्यकता अमेरिकी कांग्रेस द्वारा ९५ मीट्रिक टन (209,000 पाउंड) के पेलोड को भीतरी पृथ्वी की कक्षा (LEO) तक ले जाने के लिए तय की गई है। यह आर्टीमिस १ और आर्टेमिस २ को लॉन्च करेगा। बाद के ब्लॉक १ बी का उद्देश्य अन्वेषण को शुरू करना है। ब्लॉक २ में शुरुआती बूस्टर के बदले उन्नत बूस्टर के उपयोग की योजना है और इसमें १५० मीट्रिक टन (330,000 पौंड) से अधिक की (भीतरी पृथ्वी कक्षा तक) क्षमता होगी, जो फिर से अमेरिकी कांग्रेस द्वारा आवश्यक माना गया है। ब्लॉक २ का उद्देश्य मंगल पर क्रू लॉन्च को सक्षम करना है। एसएलएस ओरियन अंतरिक्ष यान को लॉन्च करेगा और यह फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में जमीनी संचालन और सुविधाओं का उपयोग करेगा।
ओरायन
यह एक अंतरिक्ष यान है जो कि चाँद, मंगल, और आगे तक जाने की क्षमता रखता है। यह यान ६ लोगों को ले कर २१ दिनो तक अंतरिक्ष में बिना किसी अन्य मॉड्यूल से डॉक हुए रह सकता है। इसके दो प्रमुख हिस्से हैं, क्रू मॉड्यूल और ई एस एम।
गेटवे
यह (लुनर ऑरबिटल प्लेटफार्म - गेटवे) एक भविष्य का अंतरिक्ष स्टेशन है जो कि चाँद कि परिक्रमा करेगा।[16] यह सौर-संचालित संचार केंद्र, विज्ञान प्रयोगशाला, अल्पकालिक आवास मॉड्यूल, और रोवर्स एवं अन्य रोबोटों को रखने लिए काम आयेगा।
लैंडर
यह २०२४ में चाँद के लिये रवाना होगा। वर्तमान में नासा के लैंडर के लिये तीन प्रतियोगी डिज़ायन चुने गये हैं। इनकी अभिकल्पना स्पेस एक्स, ब्लू ओरिजिन, और डाय्नेटिक्स द्वारा की गई है।
इन्हें भी देखे
सन्दर्भ
- ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;NASA puts a price on a 2024 Moon landing — US$35 billion
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;Artemis_home20190519
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ "NASA Sets Date for Next Launch Attempt for Artemis I Moon Mission". NASA. 12 October 2022. अभिगमन तिथि 13 October 2022.
- ↑ सन्दर्भ त्रुटि:
<ref>
का गलत प्रयोग;sn-20211109
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ Gebhardt, Chris (6 April 2017). "NASA finally sets goals, missions for SLS — multi-step plan to Mars". NASASpaceFlight.com. मूल से 21 August 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 August 2017.
- ↑ Grush, Loren (18 July 2019). "NASA's daunting to-do list for sending people back to the Moon". The Verge. मूल से 7 December 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 August 2019.
- ↑ "Artemis". मूल से 20 जुलाई 2019 को पुरालेखित.
- ↑ "NASA Moon and Mars". मूल से 5 अगस्त 2019 को पुरालेखित.
- ↑ "Artemis is Our Future". मूल से 24 जुलाई 2019 को पुरालेखित.
- ↑ "What is Artemis? | NASA".[मृत कड़ियाँ]
- ↑ Cawley, James (2019-09-16). "Pad 39B Water Flow Test Comes Through Loud and Clear". NASA. मूल से 17 सितंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-09-17.
- ↑ "Foust 2019". मूल से पुरालेखित 25 मई 2019.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)
- ↑ "Hill 2018" (PDF). मूल से 3 अप्रैल 2019 को पुरालेखित (PDF).
- ↑ Mohon, Lee (2015-01-21). "Space Launch System". NASA. मूल से 13 अक्तूबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-10-09.
- ↑ Harbaugh, Jennifer (2018-05-02). "The Great Escape: SLS Provides Power for Missions to the Moon". NASA. मूल से 29 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-10-09.
- ↑ ** (2019-05-25). "NASA awards Artemis contract for lunar gateway power, propulsion". Aerotech News & Review (अंग्रेज़ी में). मूल से 30 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-10-11.