आनंदीबेन पटेल
आनंदीबेन पटेल | |
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नवंबर 2013 में एक कार्यक्रम के दौरान आनंदीबेन | |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 29 जुलाई 2019 | |
पूर्वा धिकारी | राम नाईक |
पद बहाल 22 मई 2014 – 7 अगस्त 2016 | |
पूर्वा धिकारी | नरेन्द्र मोदी |
उत्तरा धिकारी | विजय रूपाणी |
चुनाव-क्षेत्र | घटलोडिया |
पद बहाल 2012 – अवलंबी | |
पद बहाल 2007–2012 | |
मंडल, अहमदाबाद जिला से Assembly Member | |
पद बहाल 2002–2007 | |
पद बहाल 1998–2002 | |
पद बहाल 1994–1998 | |
जन्म | 21 नवम्बर 1941 |
नागरिकता | भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
जीवन संगी | मफ़तलाल पटेल |
बच्चे | अनार पटेल (बेटी), संजय पटेल (बेटा) |
निवास | अहमदाबाद |
व्यवसाय | शिक्षाशास्त्री |
कैबिनेट | गुजरात सरकार |
संविभाग | शिक्षा मंत्रालय, उच्च और तकनीकी शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, खेल, युवा एवं सांस्कृतिक गतिविधियां (1998-2007) सड़क और भवन निर्माण, राजस्व, शहरी विकास और शहरी आवास, महिला एवं बल कल्याण, आपदा प्रबंधन और राजस्व मंत्री (2007-2014) |
धर्म | हिन्दू |
जालस्थल | http://www.anandibenpatel.com |
आनंदीबेन पटेल (गुजराती: આનંદીબેન પટેલ; जन्म: 21 नवम्बर 1941) एक भारतीय राजनीतिज्ञ और 29 जुलाई 2019 से उत्तर प्रदेश राज्य की राज्यपाल हैं,[1] वह मध्य प्रदेश की राज्यपाल तथा गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।[2][3] वे 1998 से गुजरात की विधायक हैं।[4] वे 1987 से भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी हैं और गुजरात सरकार में सड़क और भवन निर्माण, राजस्व, शहरी विकास और शहरी आवास, आपदा प्रबंधन और वित्त आदि महत्वपूर्ण विभागों की काबीना मंत्री का दायित्व निभा चुकी हैं।[5] दि इंडियन एक्सप्रेस के द्वारा वर्ष-2014 के शीर्ष 100 प्रभावशाली भारतीयों में उन्हें सूचीबद्ध किया गया है।[6] वे गुजरात की राजनीति में "लौह महिला" के रूप में जानी जाती हैं।[7]जनवरी 2017 में वह मध्यप्रदेश की राज्यपाल नियुक्त हुई थी। राम मंदिर मे પ્રાણપ્રતિષ્ઠા મહોત્સવ મેં સામિલ 5 વ્યકિત મેં એ એક
प्रारंभिक जीवन
आनंदीबेन पटेल का जन्म मेहसाणा जिले के विजापुर तालुका के खरोद गांव में, 21 नवम्बर 1941 को एक पाटीदार परिवार में हुआ था।[8] उनका पूरा नाम आनंदी बेन जेठाभाई पटेल है। उनके पिता जेठाभाई पटेल एक गांधीवादी नेता थे। उन्हें कई बार लोगों ने गाँव से निकाल दिया था क्योंकि वह ऊंच-नीच और जातीय भेदभाव को मिटाने की बात करते थे। आनंदी के ऊपर अपने पिता का भरपूर प्रभाव पड़ा। उनके आदर्श भी उनके पिता हीं हैं। उस समय जब कोई लड़कियों को स्कूल नहीं भेजता था उन्होंने मम्मी को हमेशा पढ़ने के लिए प्रोत्साहन दिया। उन्हीं की तरह आनंदीबेन भी किसी में भेदभाव नहीं रखती और पैसे खाने वाले और चापलूस लोगों को अपने करीब नहीं आने देतीं।[7] उन्होंने कन्या विद्यालय में चतुर्थ कक्षा तक की पढ़ाई की। तत्पश्चात उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए ब्याज स्कूल में भर्ती कराया गया, जहां 700 लड़कों के बीच वे अकेले लड़की थीं।[9] आठवीं कक्षा में उनका दाखिला विसनगर के नूतन सर्व विद्यालय में कराया गया। विद्यालीय शिक्षा के दौरान एथलेटिक्स में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए उन्हें "बीर वाला" पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]
वर्ष 1960 में उन्होंने विसनगर के भीलवाई कॉलेज में प्रवेश लिया, जहां पूरे कॉलेज में प्रथम वर्ष विज्ञान में वे एकमात्र लड़की थी। उन्होंने यहाँ से विज्ञान स्नातक की पढ़ाई पूरी की। स्नातक करने के बाद उन्होने पहली नौकरी के रूप में महिलाओं के उत्थान के लिए संचालित महिला विकास गृह में शामिल हो गईं, जहां उन्होने 50 से अधिक विधवाओं के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत की।[1]
वे अपने पति मफ़तलाल पटेल के साथ 1965 में अहमदाबाद आ गईं, जहां उन्होने विज्ञान विषय के साथ स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। शिक्षा क्षेत्र में अभिरुचि के कारण उन्होने यही से एम॰एड॰ की भी पढ़ाई पूरी की और 1970 में प्राथमिक शिक्षक के रूप में अहमदाबाद के मोहनीबा कन्या विद्यालय में अध्यापन कार्य में संलग्न हो गईं। वे इस विद्यालय की पूर्व प्रधानाचार्या रह चुकी हैं।[1]
व्यक्तिगत जीवन
आनंदीबेन शाकाहारी हैं। उन्हें पक्षियों से बहुत लगाव है और बागवानी में अपना समय बिताना उन्हें बहुत अच्छा लगता है। वे एक मितव्ययी जीवन शैली को अपनाती हैं तथा जबरदस्त प्रशासनिक दक्षता के लिए जानी जाती हैं। वे एक निडर नेता हैं और अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने से कभी पीछे नहीं हटतीं। वे बाहर से जितनी सख़्त हैं उतनी ही अंदर से सरल भी। वे स्थानीय सरकारी अधिकारियों से मिलने और कार्यों के निष्पादन के उद्देश्य से गुजरात राज्य भर में बड़े पैमाने पर यात्रा की हैं। उनके दो बच्चे क्रमश: संजय पटेल (बेटा) और अनार पटेल (बेटी) है।[7]
राजनीतिक जीवन
सन् 1988 में आनंदीबेन भाजपा में शामिल हुई। पहली बार वे उस समय चर्चा में आई जब उन्होंने अकाल पंडितों के लिए न्याय मांगने के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वर्ष 1995 में शंकर सिंह वाघेला ने जब बगावत की थी, तो उस कठिन दौर में वे मोदी के साथ पार्टी के लिए काम किया। इसी समय मोदी के साथ उनकी नज़दीकियाँ बढ़ी। 1998 में कैबिनेट में आने के बाद से उन्होने शिक्षा और महिला एवं बाल कल्याण जैसे मंत्रालयों का जिम्मा सँभाला। उन्हे वर्ष 1987 में "वीरता पुरस्कार" से भी नवाजा जा चुका है।[10] उल्लेखनीय है कि, एक छात्रा को डूबने से बचाने के लिए वे खुद झील में कूद गई थीं। बतौर शहरी विकास और राजस्व मंत्री उन्होने ई-जमीन कार्यक्रम, जमीन के स्वामित्व डाटा और जमीन के रिकॉर्ड को कंप्यूटरीकृत करके जमीन के सौदों में होने वाली धांधली की आशंका को कम कर दिया। उनकी इस योजना से गुजरात के 52 प्रतिशत किसानों के अंगूठे के निशानों और तस्वीरों का कंप्यूटरीकरण सफल हुआ।[11]
गुजरात राज्य की कई और नीतियां, जिनके लिए मोदी ने वाहवाही लूटी है, उनके पीछे आनंदीबेन ही हैं। फिर चाहे वह ई-ज़मीन कार्यक्रम हो, जमीन के स्वामित्व डाटा और जमीन के रिकॉर्ड को कंप्यूटरीकृत करके जमीन के सौदों में होने वाली धांधली को रोकने की बात हो, या फिर गुजरात के 52 प्रतिशत किसानों के अंगूठे के निशानों और तस्वीरों का कंप्यूटरीकरण कर देने की बात हो।[7]
गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की बेहद करीबी आनंदीबेन उनके भारत के प्रधानमंत्री बन जाने के बाद गुजरात की नई मुख्यमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे रहीं।[12] नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नरेंद्र मोदी की करीबी उन्हें गुजरात का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। वे गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी हैं।[13] १ अगस्त २०१६ को आनंदीबेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। [14]
वे 1998 से 2007 तक गुजरात सरकार में काबीना मंत्री के तौर पर शिक्षा मंत्रालय, उच्च और तकनीकी शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, खेल, युवा एवं सांस्कृतिक गतिविधियां और 2007 से 2014 में मुख्यमंत्री बनने तक वे सड़क और भवन निर्माण, राजस्व, शहरी विकास और शहरी आवास, महिला एवं बाल कल्याण, आपदा प्रबंधन और राजस्व मंत्री का कार्य संभालती रहीं।[15]
उपलब्धियाँ/सम्मान/पुरस्कार
- सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार (1989)[11]
- गुजरात में सबसे बेहतर शिक्षक के लिए राज्यपाल पुरस्कार (1988)[11]
- दो छात्राओं को नर्मदा नदी में डूबने से बचाने के लिए गुजरात सरकार द्वारा 'वीरता पुरस्कार '
- पटेल जागृति मंडल मुम्बई द्वारा 'सरदार पटेल' पुरस्कार (1999)[11]
- पटेल समुदाय द्वारा 'पाटीदार शिरोमणि' अलंकरण (2005)[11]
- महिलाओं के उत्थान अभियान के लिए धरती विकास मंडल द्वारा विशेष सम्मान
- महेसाणा जिला स्कूल खेल आयोजन में पहली रैंकिंग के लिए 'बीर वाला' पुरस्कार[11]
- श्री तपोधन ब्रह्म विकास मंडल द्वारा 'विद्या गौरव' पुरस्कार (2000)[11]
- 1994 में उन्होंने बिजिंग में चतुर्थ विश्व महिला सम्मेलन में भारत का नेतृत्व किया।[15]
शौर्य पारितोषिक
- नर्मदा नदी स्थित नवगाम जलाशय में डूबती हुई लड़की को बचाने हेतु वीरता पुरस्कार[7]
- चारुमति योद्धा पुरस्कार, अहमदाबाद की विजेता[16]
- अंबुभाई व्यायाम विद्यालय पुरस्कार (राजपिपला) की विजेता[16]
सन्दर्भ
- ↑ अ आ इ ई "Profile" [प्रोफाइल] (अंग्रेज़ी में). मूल से 16 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 मई 2014.
- ↑ "Narendra Modi resigns, Anandiben Patel elected new Chief Minister of Gujarat unopposed" [नरेंद्र मोदी का इस्तीफा, आनंदीबेन पटेल निर्विरोध गुजरात की नई मुख्यमंत्री चुनी गईं,] (अंग्रेज़ी में). देश गुजरात. मूल से 21 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 मई 2014.
- ↑ "Anandiben Patel is Gujarat's first woman Chief Minister" [आनन्दीपटेल गुजरात की प्रथम महिला मुख्यमंत्री] (अंग्रेज़ी में). इण्डियन एक्सप्रेस. 23 मई 2014. गायब अथवा खाली
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(मदद);|access-date=
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(मदद) - ↑ "Team Modi: meet the ministers" [टीम मोदी:मंत्रियों से मिलिए] (अंग्रेज़ी में). गुजरात. NDTV. 5 मार्च 2013. मूल से 16 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 मई 2014.
- ↑ "Minister asks officials not to harass investors" [मंत्री ने अधिकारियों से पूछा निवेशकों को परेशान तो नहीं करते] (अंग्रेज़ी में). वापी. Times of India. फरवरी 18, 2012. मूल से 29 जून 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 मई 2014.
- ↑ "IE India's 100 most influential people" [आई ई भारत के 100 सबसे प्रभावशाली लोग] (अंग्रेज़ी में). IndianExpress. मूल से 17 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 मई 2014.
- ↑ अ आ इ ई उ "आप जानते हैं कैसे राजनीति में आईं आनंदीबेन पटेल?". अहमदाबाद. बी॰बी॰सी॰ हिन्दी. 21 मई 2014. मूल से 23 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 मई 2014.
- ↑ रश्मि मिश्रा (21 मई 2014). "Anandiben Patel: 11 things to know about the new Chief Minister of Gujarat" [आनन्दीबेन पटेल: गुजरात की नयी मुख्यमंत्री के बारे में जाने ११ बातें] (अंग्रेज़ी में). इंडिया डॉट कॉम. मूल से 23 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 मई 2014.
- ↑ पल्लवी सेनगुप्ता (22 मई 2014). "Gujarat: Meet Anandiben Patel, the longest serving woman MLA; or should we call Madam CM?" [गुजरात: आनन्दीबेन पटेल से मिलें, सबसे लम्बे समय की महिला विधायक या मैडम सीएम कहें?] (अंग्रेज़ी में). मूल से 25 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि वन इण्डिया.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ आतिष पटेल (21 मई 2014). "Profile: Anandiben Patel" [प्रोफाइल: आनन्दी पटेल] (अंग्रेज़ी में). दिल्ली. मूल से 24 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 मई 2014.
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए "वीरता पुरस्कार से नवाजी जा चुकीं हैं आनंदीबेन पटेल". अहमदाबाद. नई दुनिया. 20 मई 2014. मूल से 21 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 मई 2014.
- ↑ "आनंदीबेन पटेल होंगी गुजरात की नई मुख्यमंत्री!". गांधी नगर. सी एन बी सी आवाज़. मई 18, 2014. मूल से 21 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 मई 2014.
- ↑ "आनंदीबेन पटेल बनी गुजरात की नई मुख्यमंत्री". गांधी नगर. सी एन बी सी आवाज़. मई 21, 2014. मूल से 30 जुलाई 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 मई 2014.
- ↑ "गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने दिया इस्तीफा, कहा- 'अब नए सीएम को मौका मिले'". अहमदाबाद. अगस्त 1, 2016. मूल से 2 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 अगस्त 2016.
- ↑ अ आ डी॰पी॰ भट्टाचार्य (22 मई 2014). "Anandiben Patel: Gujarat's first woman Chief Minister" [आनन्दीबेन पटेल: गुजरात की प्रथम महिला मुख्यमंत्री] (अंग्रेज़ी में). द इकोनोमिक टाइम्स. मूल से 24 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 मई 2014.
- ↑ अ आ "Bio-data of new Gujarat Chief Minister Anandiben Patel" [गुजरात की नयी मुख्यमंत्री आनन्दीबेन पटेल का जीवनवृत्त] (अंग्रेज़ी में). देशगुजरात डॉट कॉम. 21 मई 2014. मूल से 24 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 मई 2014.
बाहरी कड़ियाँ
गुजरात सरकार का आधिकारिक जालपृष्ठ
पूर्वाधिकारी नरेन्द्र मोदी | गुजरात के मुख्यमंत्री 22 मई 2014 – 7 अगस्त 2016 | उत्तराधिकारी विजय रूपाणी |