आत्मकेंन्द्रीकरण
आत्मकेंन्द्रीकरण को अंग्रेज़ी में Egocentrism कहा जाता हैं। मनोविज्ञान में इसके बारे में कई विशेषज्ञों ने अपनी राय दी हैं। इगोसेंट्रिज्म में व्यक्ति को यह लगता हैं कि वह अपने आस पास की दुनिया का केंद्र हैं और आस-पास होने वाली समस्त घटनाएँ उसके जीवन से प्रभावित होती हैं या उसके जीवन को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए किसी पार्टी में जाने वाली छोटी बच्ची को लगता हैं कि उसे वहाँ अच्छे कपड़े पहनकर जाना चाहिए क्योकि पार्टी में मोजूद सभी लोग सिर्फ़ उसे ही देखेंगे। जबकि असल में ऐसा नहीं हैं।
आत्मकेंन्द्रीकरण में व्यक्ति एक आभासी दुनिया में रहता हैं। यदि आत्मकेंन्द्रीकरण अधिक हो जाये तो वह व्यक्ति के लिए ख़तरा हो सकता हैं। व्यक्ति स्वयं को अन्य से सर्वोपरि मानने लगता हैं। दैनिक जीवन में हम सभी में आत्मकेंन्द्रीकरण की कुछ मात्रा होती हैं।