सामग्री पर जाएँ

अस्थि मज्जा

चौपाये जानवरों की अस्थिमज्जा
ग्रे शरीर विज्ञान में बोन मैरो/ मज्जा कोशिका

मज्जा या मेरु (अंग्रेज़ी: बोन मैरो) अस्थियों (हड्डियों) के अन्दर भरा हुआ एक मुलायम ऊतक होता है। वयस्कों में बड़ी अस्थियों में मज्जा रक्त कोशिकाएं निर्माण करने में सहायक होता है। इसमें कुल शरीर भार का ४%[1] समाहित रहता है, यानि लगभग २.६ कि.ग्रा, वयस्कों में।

अस्थिमज्जा, गूदे के समान मृदु ऊतक है जो सब अस्थियों के स्पंजी भाग के अवकाशों में, लंबी अस्थिओं की मध्यनलिका की गुहा में और बड़े आकार की हेवर्सी नलिकाओं में पाया जाता है। मज्जा रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने वाली स्टेम कोशिकाओं से भरी होती हैं, जो श्वेत रक्त कोशिकाओं, लाल रक्त कोशिकाओं या प्लेटलेट्स में विकसित होती हैं। अस्थिमज्जा स्टेम कोशिकाओं का लगातार उत्पादन करती रहती हैं और ये हमारे शरीर की आवश्यकता के अनुसार ही अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं को विकसित करती हैं।

भिन्न-भिन्न अस्थियों में और अणु के अनुसार उसके संघटन में अंतर होता है। मज्जा दो प्रकार की होती है - पीली और लाल।

पीली मज्जा का आधार तांतव ऊतक होता है जिसमें रक्तवाहिकाएँ और कोशिकाएँ पाई जाती हैं जिनमें अधिकांश वसाकोशिकाएँ होती हैं। कुछ लाल मज्जा के समान कोशिकाएँ मिलती हैं।

लाल मज्जा का आधार संयोजी ऊतक होता है जिसके ढाँचे के जाल में रजतरागी (अरजीरॉफिलिक) तंतु और उससे संबंधित जीवाणुभक्षी कोशिकाएँ तथा कई प्रकार की रक्तकणिकाएँ और उनके पूर्वगामी रूप, कुछ वसाकोशिकाएँ तथा कुछ लिंफ पर्व होते हैं।

सन्दर्भ

  1. Semester 4 medical lectures at Uppsala University 2008 by Leif Jansson