अस्तित्व - एक प्रेम कहानी
अस्तित्व - एक प्रेम कहानी | |
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शैली | प्रेम |
मूल देश | भारत |
मूल भाषा(एँ) | हिन्दी |
सीजन की सं. | 1 |
उत्पादन | |
उत्पादन स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
कैमरा स्थापन | बहु-कैमरा |
मूल प्रसारण | |
नेटवर्क | ज़ी टीवी |
प्रसारण | नवम्बर 27, 2002 जनवरी 13, 2006 | –
अस्तित्व - एक प्रेम कहानी हिन्दी भाषा में बनी भारतीय धारावाहिक है, जिसका प्रसारण ज़ी टीवी पर 17 नवम्बर 2002 से 13 जनवरी 2006 तक हुआ था।[1][2]
पटकथा
यह कहानी सिमरन माथुर की है। कविता और रश्मि उसकी दो बहाने है। उसके माता पिता इस बात से चिंतित रहते थे कि उनकी बड़ी बेटी कि अब तक शादी नहीं हुई है। उसकी बहन रश्मि की शादी के दिन वह अस्पताल में आनंदी नाम की एक मरीज और उसके बच्चे कि जान बचाती है। वहीं उसकी मुलाक़ात उसके भाई अभिमन्यु से होती है, जो उससे दस वर्ष छोटा रहता है।
सिमरन को अभि से प्यार हो जाता है और जब अभि उसे शादी के लिए पूछता है तो वह हाँ बोल देती है, लेकिन यह रिश्ता अभि के घर वालों को सही नहीं लगता क्योंकि वह अभि से दस साल बड़ी होती है। अभि अपने माता पिता की न सुन कर सिमरन से शादी कर लेता है। यह शादी सिमरन के अच्छे दोस्त डॉ॰ मानस की सहायता से होता है। लेकिन डॉ,॰ मानस की पत्नी उर्मिला इस शादी में मानस के सहायता करने के विरोध में रहती है।
अभि को उसके कार्य हेतु पुरस्कार मिलता है लेकिन वह इसका श्रेय कविता को दे देता है, जिससे उसकी पत्नी सिमरन नाराज हो जाती है। अभि की माँ को कविता पसन्द आ जाती है और वह सिमरन से काफी कम उम्र की भी होती है। बाद में यह पता चलता है कि कविता को कैंसर है और वह अपना इलाज कराने दूसरे देश जाते रहती है। अभि अपनी पहली पत्नी सिमरन को तलाक दे कर कविता से शादी कर लेता है। उसके बाद कविता और अभि के जीवन में एक अमीर व्यापारी आ जाता है। इसके बाद कविता उस व्यापारी के साथ रहने के लिए अभि को तलाक दे देती है।
अभि इसके कुछ ही समय बाद तीसरी शादी नेहा के साथ करता है और जल्द ही उनका बच्चा होने वाला होता है। सिमरन उसके बच्चे को जन्म देने में सहायता करती है लेकिन नेहा कि मौत हो जाती है। अभि का परिवार सिमरन को नेहा कि बेटी की देखरेख करने को कहता है। सिमरन उस लड़की को अपने बेटी की तरह देखती है। वह उसका नाम आस्था रखती है लेकिन उस समय तक अभि का कोई पता नहीं रहता है। कुछ वर्षों के बाद अभि एक प्रसिद्ध लेखक बन जाता है जो अपने नाम आनन्द के रूप में पहचाना जाता है। उसकी मुलाक़ात सिया से होती है जो उसकी और सिमरन की बेटी आस्था होती है। लेकिन वह बचपन में ही बिछड़ जाती है इस कारण इसका पता अभि को नहीं रहता है। आस्था को सिया से जलन होने लगती है क्योंकि उसका दोस्त सिद्धार्थ और सिया एक दूसरे के काफी करीब आ जाते हैं। किरण आस्था को बहकाने की कोशिश करती है लेकिन आस्था उसके योजना को जान जाती है। सिया और सिद्धान्त कि मंगनी हो जाती है। जब सिमरन और आस्था बस से यात्रा करते रहते हैं तो बस में धमाका हो जाता है। जिसमें आस्था कि मौत हो जाती है और सिमरन की आँखों की रोशनी चले जाती है। लेकिन बाद में सिमरन की आँखों कि रोशनी वापस आ जाती है। इसके बाद सिमरन और अभि एक साथ हो जाते हैं।
कलाकार
- वरुण बडोला - अभिमन्यु सक्सेना / अभि (सिमरन, किरण और नेहा का पति)
- निकी अनेजा वालिया - डॉ॰ सिमरन माथुर (अभि की पहली पत्नी)
- नीरू बाजवा / काम्या पंजाबी - किरण (अभि की दूसरी पत्नी)
- विनीता ठाकुर - नेहा (अभि की तीसरी पत्नी)
- यूविका चौधरी - आस्था (नेहा और अभि की बेटी)
- उपासना शुक्ला - सिया सरीन (सिमरन और अभि की बेटी)
सन्दर्भ
- ↑ "Ajai Sinha wanted to change the outlook towards women in relationships through Hasratein & Astitva" (अंग्रेज़ी में). हिंदुस्तान टाइम्स. 9 जनवरी 2016. मूल से 22 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 फरवरी 2016. Italic or bold markup not allowed in:
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(मदद) - ↑ "Society belongs to women as much as it does to men: Ajai Sinha" (अंग्रेज़ी में). इंडियन एक्स्प्रेस. 31 जनवरी 2016. मूल से 31 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 फरवरी 2016. Italic or bold markup not allowed in:
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(मदद)