अल-उला
अल उला Al-Ula | |
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अल उला शहर | |
देश | सऊदी अरब |
प्रांत | अल मदीना |
अल उला; Al-Ula: (also Al Ola, अरेबिया العلا अल-उला; यह नगर सऊदी अरब के मुख्य नगर मदीना के उत्तर पश्चिम में स्थित है जो अपने प्राचीन खंण्डहरो के लिए जाता है इसे इतिहासकार 2000 वर्ष से भी अधिक पुराना मानते हैं।
इतिहास
ये प्राचीन उत्तरी अरेबियाई राजवंश लिहयान की राजधानी था। 2000 साल पुराना ये शहर रेगिस्तान से घिरा हुआ है और पत्थरों का एक खंडहर सा नज़र आता है। हरान शिलालेख के मताबिक बेबिलोनिया का आखिरी राजा नाबोनिडस ने 552 ई.पू.तायमा,देदान (पुराना लिहयान)और यातरिब(वर्तमान की मदीना)को जीतने के लिए एक सैन्य अभियान का नेतृत्व किया था। कई सौ साल बाद लिहयान ने नाबातियन का शासन चला,जब तक कि रोम ने उसकी राजधानी पेट्रा पर हमला नहीं कर दिया। इसके बाद नाबातियन हेग्रा चला गया,जिसे अब मादा-इन सालेह के नाम से जाना जाता है। ये अल उला से 13 मील दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि यहां 630 में टाबुक की लड़ाई में बीजान्टिन सेना को एकजुट करने के लिए पैगंबर हजरत मुहम्मद ने नेतृत्व किया था। इसके बाद 13वीं सदी में अल उला एक प्रमुख केंद्र बन गया,जिसके बाद इसकी प्राचीन इमारतों को नया शहर बसाने के लिए दोबारा इस्तेमाल किया जाने लगा और इसके बाद ही इसके पास एक नया शहर बसा दिया गया।
पहचान
हर जगह की अपनी अलग पहचान होती है ठीक उसी प्रकार टूटे- फूटे मकानों वाले सऊदी अरब के इस अल-उला शहर को मध्यपूर्व के भुतहा कस्बे के तौर पर जाना जाता है,जो अरब के प्राचीन शहरों में से एक है। 1983 में इस कस्बे में रहने वाले आखिरी परिवार ने भी इसे छोड़ दिया था। इसके बाद से लगभग 30 साल से भी ज्यादा समय से ये शहर वीरान पड़ा है। [1]
सन्दर्भ
- ↑ Modern Al-Ula Archived 2011-07-23 at the वेबैक मशीन at Madainsale.net.