अर्धनागरी एक भारतीय लिपि थी जो नागरी और सिद्धम लिपि का मिश्रित रूप थी। इसे 'भटाक्षरी' भी कहते हैं। यह मालवा में (विशेषतः, उज्जैन में) प्रयुक्त होती थी।
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