अरुंधति (2009 फ़िल्म)
अरुंधति | |
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निर्देशक | कोडी रामकृष्ण |
लेखक | मल्लेमाला यूनिट चिंतापल्ली रमना (संवाद) |
निर्माता | श्याम प्रसाद रेड्डी |
अभिनेता | अनुष्का शेट्टी सोनू सूद |
छायाकार | के. के. सेंथिल कुमार |
संपादक | मार्तण्ड के. वेंकटेश |
संगीतकार | कोटी |
निर्माण कंपनी | मल्लेमाला एंटरटेनमेंट्स |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई | 131 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | तेलुगू |
लागत | ₹13.5 करोड़[1] |
कुल कारोबार | अनुमानित ₹70 करोड़[2] |
अरुंधति 2009 की भारतीय तेलुगू भाषा की डरावनी फंतासी फिल्म है।[3] यह फ़िल्म कोडी रामकृष्ण द्वारा निर्देशित और मल्लेमाला एंटरटेनमेंट्स के बैनर तले श्याम प्रसाद रेड्डी द्वारा निर्मित है। फिल्म में अनुष्का शेट्टी के साथ सोनू सूद, दीपक, सयाजी शिंदे, मनोरमा और कैकला सत्यनारायण मुख्य भूमिका में हैं। फ़िल्म का संगीत कोटी ने दिया है, छायांकन के.के. सेंथिल कुमार द्वारा और संपादन मार्तंड के. वेंकटेश द्वारा किया गया है।
16 जनवरी 2009 को रिलीज़ हुई इस फिल्म को बड़ी व्यावसायिक सफलता मिली थी और उस समय के इतिहास में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली तेलुगू फिल्मों में से एक बन गई।[2] फिल्म की सफलता ने अनुष्का को तेलुगु सिनेमा में रातों-रात एक प्रमुख फिल्म स्टार बना दिया।[4]
फिल्म को 2014 में इसी नाम से बंगाली में बनाया गया था।[5]
कहानी
अरुंधति जो कि गढ़वाल के शाही कबीले की एक युवती है, जिसे उसकी परदादी अरुंधति (जैजम्मा) का पुनर्जन्म माना जाता है। उसके रिश्तेदार: रमना और सुशीला, गढ़वाल की सैर के लिए निकलते हैं लेकिन एक रहस्यमय तरीके से हुई कार दुर्घटना से वे बच जाते हैं। थोड़ी दूरी पर सजी हुई एक जागीर उनका ध्यान खींचती है, जिसके बारे में एक बूढ़ा व्यक्ति उन्हें चेतावनी देता है की वे उसके पास न जाएं लेकिन वे उसकी उपेक्षा करते हुए जागीर के पास जाने की लिए इच्छा रखते हैं। वहां उनका स्वागत एक महिला द्वारा किया जाता है, जो स्पष्ट रूप से मकान मालकिन है, और वह उन्हें "अपने बेटे को मुक्त करने" के लिए धमकाती है। इसी बीच सुशीला गायब हो जाती है। सुशीला को जागीर में ढूंढते हुए रमना ऊपर के कमरे में यंत्रों द्वारा सील की गई कब्र के पास आता है। कब्र रमना को यंत्रों को तोड़ने के लिए कहती है, रमना भागने का प्रयास करता है और देखते ही देखते सजी हुई जागीर एक बर्बाद और जीर्ण-शीर्ण खंडहर में बदल जाती है। वो सजी हुई जागीर कब्र द्वारा बनाया गया भ्रम था।
कलाकार
- अनुष्का शेट्टी
- गढ़वाल की रानी अरुंधति/जैजम्मा के रूप में तथा
- अरुंधति (जेजम्मा की परपोती) के रूप में
- सोनू सूद पशुपति के रूप में
- सयाजी शिंदे अनवर के रूप में
- चंद्रम्मा के रूप में मनोरमा
- अर्जन बाजवा राहुल (अरुंधती के मंगेतर) के रूप में
- कैकला सत्यनारायण
- भूपति राजा के रूप में तथा
- जैजम्मा के छोटे बेटे (अरुंधति के दादा) के रूप में
- जलजम्मा के रूप में सुभाशिनी
- अरुंधती के पिता के रूप में आहुति प्रसाद
निर्माण
विकास
श्याम प्रसाद रेड्डी ने खुलासा किया कि फिल्म 'अंजी' (2004) के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करते समय उन्हें 'अरुंधति' का विचार आया।[1] चंद्रमुखी और द एक्सॉर्सिस्ट जैसी फिल्मों से प्रेरित होकर, उन्होंने इसे "एक बड़ी अपील के लिए" एक महिला-प्रमुख कहानी बनाया ताकि पूरा परिवार इसे देख सके।[6]
सन्दर्भ
- ↑ अ आ "अरुंधति – तेलुगू सिनेमा – एम श्याम प्रसाद रेड्डी". Idlebrain.com. 18 फरवरी 2009. मूल से 7 सितंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जून 2023..
- ↑ अ आ "अरुंधति की सफलता". द न्यू इंडियन एक्सप्रेस. 3 अप्रैल 2009. अभिगमन तिथि 2023-06-03.
- ↑ "जन्मदिन मुबारक हो अनुष्का शेट्टी : चार फिल्में जिन्होंने उन्हें स्टार बनाया, और हम बाहुबली के बारे में बात नहीं कर रहे हैं". हिन्दुस्तान टाईम्स. 2020-11-07. मूल से 7 नवंबर 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जून 2023.
- ↑ कुमार, हेमंत (2020-02-05). "अगर आपको फैंटेसी शैली पसंद है तो 7 तेलुगु फिल्में जरूर देखें". Vogue India (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-06-03.
फिल्म ने अनुष्का शेट्टी को तेलुगू सिनेमा में एक बड़े स्टार के रूप में बदल दिया, और अपनी रिलीज के तुरंत बाद महिला केंद्रित फिल्मों की एक नई लहर शुरू कर दी।
- ↑ "क्या बंगाली दर्शकों में बदलाव आ रहा हैं?". द इंडियन एक्सप्रेस (अंग्रेज़ी में). 2014-07-04. अभिगमन तिथि 2023-06-03.
- ↑ "अरुंधति – तेलुगू सिनेमा – एम श्याम प्रसाद रेड्डी (पार्ट 2)". Idlebrain.com. 18 फरवरी 2009. मूल से 7 September 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जून 2023.