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अरविन्द गुप्ता

अपने द्वारा निर्मित एक खिलौने के साथ अरविन्द गुप्ता

अरविन्द गुप्ता (जन्म:) भारत के खिलौना अन्वेषक एवं विज्ञान प्रसारक हैं। २०१८ के गणतंत्र दिवस को भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया।

अरविन्द गुप्ता भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर के पूर्वछात्र हैं तथा गांधीवादी विचारधारा के व्यक्ति हैं। वे पहले टेल्को में कार्यरत थे। पिछले पच्चीस सालों से वे पुणे के इन्टर यूनिवर्सिटी सेन्टर फ़ॉर एस्ट्रोनॉमी एन्ड एस्ट्रोफ़िज़िक्स नामक बच्चों को विज्ञान सिखाने को समर्पित एक अद्वितीय केन्द्र में काम कर रहे हैं। वे अध्यापक हैं, इंजीनियर हैं, खिलौने बनाते हैं, किताबों से प्रेम करते हैं और अनुवादक हैं। उन्होने १५० से अधिक पुस्तकों का हिन्दी में अनुवाद किया है।

बच्‍चों के लिए सस्‍ते और विज्ञान की समझ को पुख्‍ता करने वाले खिलौने बनाने का उन्‍हें जुनून रहा है। इन खिलौनों को बनाने की कई किताबें उन्‍होंने लिखी हैं। इन खिलौनों को बनाने और काम करने की तरकीबें उनकी साइट पर मौजूद हैं। कुछ उपयोगी फिल्‍में भी हैं।

इसके साथ ही बच्‍चों के लिए विभिन्‍न्‍ा भाषाओं में प्रकाशित चुनिंदा पुस्‍तकों को सबके सामने लाने का उनका एक अभियान रहा है। बहुत सारी किताबें उन्‍होंने स्‍वयं भी संपादित की हैं। हिन्‍दी में बच्‍चों के लिए और शिक्षा और विकास से जुड़े मुद्दों पर लगभग चार सौ किताबें पीडीएफ के रूप में उनकी साइट पर मौजूद हैं। इसके अतिरिक्‍त मराठी और अंग्रेजी की किताबें भी हैं। उनका और अधिक विस्‍तृत परिचय यहां देखा जा सकता है।

एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया है - "पच्चीस साल पहले मैंने पाया कि अगर बच्चों को कोई वैज्ञानिक नियम किसी खिलौने के भीतर नज़र आता है तो वे उसे बेहतर समझ पाते हैं।" इस लीक पर चलते हुए अरविन्द गुप्ता ने विज्ञान सीखने की प्रक्रिया को मनोरंजक बनाने का सतत कार्य किया है।

हिन्दी अनुवादक

अरविन्द गुप्त ने १५० से भी अधिक पुस्तकों का हिन्दी अनुवाद किया है।

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