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अमृतानंद

अमृतानंद उर्फ बाबा आनंद गोपाल उर्फ आनंद दास निवासी रमण रेती आश्रम गोवर्धन मथुरा का रहने वाला है। राजस्थान हाईकोर्ट में आनंद गोपाल पर वन विभाग की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके कुटिया बनाने, कब्जे की जमीन पर गौशाला चलाने तथा अवैध रूप से वन विभाग की जमीन पर कब्जा करके उसे बेचने के आरोप लगाए गए हैं।[1] कोरोना काल के दौरान जनवरीजनवरी 2022 में अमृतानंद ने स्वामी नरसिंहानंद और जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी की गिरफ्तारी के विरोध में सत्याग्रह किया था जो बाद में तबीयत बिगड़ने पर समाप्त कर दिया था। [2]

अमृतानंद उर्फ बाबा आनंद गोपाल उर्फ आनंद दास

जीवन परिचय

अमृतानंद उर्फ बाबा आनंद गोपाल उर्फ आनंद दास  सेऊ के देवी मंदिर सेऊ का पुजारी था। अलग अलग दस्तावेजों के अनुसार अमृतानंद उर्फ बाबा आनंद गोपाल भक्तिवेदांत नारायण स्वामी महाराज और कार्ष्णि गुरू शरणानंद जी का शिष्य हैं। [3] जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी की अगुवाई में उस ने जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी की गिरफ्तारी के विरोध में सत्याग्रह किया था। नरसिंहानंद गिरी का सन्देश लेकर उस ने हरिद्वार से गोवर्धन  तक भारत संत जागृति यात्रा में भाग लिया था। [4] [5] धार्मिक लोगों के साथ साथ उसकी  घनिष्ठता राजनैतिक लोगों से भी रही है जिस का लाभ उस ने अपने विरुद्ध चल रहे विवादों को दबाने के लिए किया है। आनंद गोपाल के नाम से अमृतानंद गोवर्धन की ‘गिरिराज परिक्रमा संरक्षक संस्थान’ के नाम से एनजीटी में याचिकाकर्ता है।

विवाद

सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश कुमार शर्मा  द्वारा 2017  में दायर याचिका में आरोप लगाए गए थे की आनंद गोपाल ने स्वयं को सेऊ के देवी मंदिर सेऊ का पुजारी बता कर भरतपुर के गांव सेऊ क्षेत्र तहसील डीग में वन विभाग की 1.75 हैक्टेयर जमीन अवैध कब्जा कर रखा था। जमीन पर अवैध कब्जा करने के लिए आनंद गोपाल ने अवैध कब्जे वाली जमीन के साथ वाली 0.47 हैक्टेयर जमीन खरीदी थी। इस जमीन की रजिस्ट्री के दस्तावेजों में बाबा आनंद गोपाल ने स्वयं को भक्तिवेदांत नारायण स्वामी महाराज का शिष्य बताया था। अवैध गौशाला का निर्माण करके बाद में बाबा आनंद गोपाल ने जमीन एक स्थानीय परिवार को बेच दी थी। भरतपुर वन विभाग ने अप्रैल 2017 में जांच में  करने के बाद  आनंद गोपाल के विरुद्ध लगाए गए सभी आरोप सत्य होने की पुष्टि की थी। आरोप सिद्ध हो जाने के बाद में बाबा आनंद गोपाल ने वन मंत्री पर दबाव डालकर अपने विरुद्ध कानूनी कार्यवाही को रुकवा दिया था।   राजस्थान उच्च न्यायालय ने बाबा आनंद गोपाल के खिलाफ कानूनी कार्यवाही न करने के लिए राजस्थान शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। [1]

अप्रैल 2024 में बाबा आनंद गोपाल उर्फ आनंद दास पर राहुल जोशी निवासी शांतिनगर जिला नागपुर महाराष्ट्र और मधुकर प्रभाकर निवासी साउथ दिल्ली के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश स्थित आशाराम बापू आश्रम में तोड़फोड़, श्रद्धालुओं के साथ मारपीट करने तथा आश्रम में चोरी करने के आरोप में एटा के कोतवाली देहात थाना में शिकायत दर्ज की गयी थी। [6]

  1. "वन विभाग की जमीन कब्जाने पर राजस्थान हाई कोर्ट ने बाबा आनंद गोपाल समेत मुख्य सचिव को भेजा नोटिस". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 2024-08-15.
  2. "स्वामी अमृतानंद का सत्याग्रह खत्म, नियम उल्लंघन में रिपोर्ट भेजेगी पुलिस - swami amritanand ended protest - Uttarakhand Haridwar Local News". Jagran. अभिगमन तिथि 2024-08-19.
  3. "बाबा आनंद गोपाल को वन विभाग की जमीन कब्जाने पर राजस्थान उच्च न्यायालय का नोटिस". Dainik Bhaskar. अभिगमन तिथि 2024-08-19.
  4. Bharat, E. T. V. (2022-06-08). "स्वामी अमृतानंद बोले, गाय खाने वालों में और पूजने वालों में कभी सद्भावना नहीं हो सकती". ETV Bharat News. अभिगमन तिथि 2024-08-19.
  5. Mishra, Shashwat (2022-06-22). "लखनऊ से रवाना हुई सनातन धर्म जागृति यात्रा: अमृतानंद महाराज बोले- 'भारत इस्लामिक देश बना, तो हिंदुओ को भागने की नहीं मिलेगी जगह' | News Track in Hindi". newstrack.com. अभिगमन तिथि 2024-08-19.
  6. "यूपी: आसाराम के आश्रम में सत्संग के दौरान तोड़फोड़, श्रद्धालुओं को पीटा; दर्ज हुई एफआईआर". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 2024-08-15.