अमृतसर आ गया है
"अमृतसर आ गया है" | |
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लेखक | भीष्म साहनी |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
शैली | भारत का विभाजन पर आधारित साहित्य |
"अमृतसर आ गया है", भीष्म साहनी द्वारा लिखित एक कहानी है।[1] यह किताब भारत के विभाजन के परिदृश्य पर लिखी गई है। [2] कहानी में शरणार्थियों के एक समूह का पाकिस्तान से भारत के सीमावर्ती शहर अमृतसर की ओर यात्रा के दौरान के भयावहता और विनाश का वर्णन हैं।[3] साहनी ने विभाजन के विषय पर अपना महाकाव्य उपन्यास तमस (1973) भी लिखा था, जिस पर गोविंद निहलानी ने एक टीवी फिल्म बनाया था।[4]
सन्दर्भ
- ↑ French, Patrick (1997). Liberty or death: India's journey to independence and division (illustrated संस्करण). Harper Collins. पृ॰ 351. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-00-655045-7.
- ↑ Kamra, Sukeshi (2002). Bearing witness: partition, independence, end of the Raj. University of Calgary Press. पृ॰ 183. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-55238-041-3.
- ↑ S. Robert Gnanamony (2005). Literary polyrhythms: new voices in new writings in English. Sarup & Sons. पृ॰ 64. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7625-595-5.
- ↑ "Obituary: A life of commitment: Bhisham Sahni, 1915 - 2003". फ्रंटलाइन (पत्रिका). Volume 20 - Issue 15, July 19 - August 01, 2003.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)