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अमरीश पुरी

अमरीश पुरी

अपने फिल्म के पहले प्रदर्शन के दौरान
जन्म 23 जून 1932
नवांशहर, पंजाब, ब्रिटिश इंडिया[1]
मौत 12 जनवरी 2005( 2005-01-12) (उम्र 72)
मुंबई, महाराष्ट्र, भारत
पेशा अभिनेता
कार्यकाल 1970–2005
जीवनसाथी उर्मिला दिवेकर (1957–2005)
(मृत्यु तक)
बच्चे राजीव पुरी (बेटा)
नम्रता (बेटी )
संबंधी मदनलाल पुरी (भाई)

अमरीश पुरी (२२ जून १९३२ – १२ जनवरी २००५) चरित्र अभिनेता मदन पुरी के छोटे भाई अमरीश पुरी हिन्दी फिल्मों की दुनिया का एक प्रमुख स्तंभ रहे है। अभिनेता के रूप निशांत, मंथन और भूमिका जैसी फ़िल्मों से अपनी पहचान बनाने वाले श्री पुरी ने बाद में खलनायक के रूप में काफी प्रसिद्धी पायी। उन्होंने १९८४ में बनी स्टीवेन स्पीलबर्ग की फ़िल्म "इंडियाना जोन्स एंड द टेम्पल ऑफ़ डूम" (अंग्रेज़ी- Indiana Jones and the Temple of Doom) में मोलाराम की भूमिका निभाई जो काफ़ी चर्चित रही। इस भूमिका का ऐसा असर हुआ कि उन्होंने हमेशा अपना सिर मुँडा कर रहने का फ़ैसला किया। इस कारण खलनायक की भूमिका भी उन्हें काफ़ी मिली। व्यवसायिक फिल्मों में प्रमुखता से काम करने के बावज़ूद समांतर या अलग हट कर बनने वाली फ़िल्मों के प्रति उनका प्रेम बना रहा और वे इस तरह की फ़िल्मों से भी जुड़े रहे। फिर आया खलनायक की भूमिकाओं से हटकर चरित्र अभिनेता की भूमिकाओं वाले अमरीश पुरी का दौर। और इस दौर में भी उन्होंने अपनी अभिनय कला का जादू कम नहीं होने दिया फ़िल्म मिस्टर इंडिया के एक संवाद "मोगैम्बो खुश हुआ" किसी व्यक्ति का खलनायक वाला रूप सामने लाता है तो फ़िल्म DDLJ का संवाद "जा सिमरन जा - जी ले अपनी ज़िन्दगी" व्यक्ति का वह रूप सामने लाता है जो खलनायक के परिवर्तित हृदय का द्योतक है। इस तरह हम पाते है कि अमरीश पुरी भारतीय जनमानस के दोनों पक्षों को व्यक्त करते समय याद किये जाते है।

फिल्मी सफर

अमरीश पुरी ने सदी की सबसे बड़ी फिल्मों में कार्य किया। उनके द्वारा शाहरुख खान की हिट फिल्म "दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे" में निभाये गए "बाबूजी" के किरदार की प्रशंसा सर्वत्र की जाती है। उन्होंने मुख्यतः फिल्मो में विलेन का पात्र निभाते देखा गया है।

1987 में बनी अनिल कपूर की मिस्टर इंडिया में उन्होंने "मोगैम्बो" का किरदार निभाया जो कि फिल्म का मुख्य खलनायक है। इसी फिल्म में अमरीश का डायलॉग "मोगैम्बो खुश हुआ" फिल्म-जगत मेंं प्रसिद्ध है।

व्यक्तिगत जीवन

पढ़ाई

अमरीश पुरी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई पंजाब से की। उसके बाद वह शिमला चले गए। शिमला के बी एम कॉलेज(B.M. College) से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा। शुरुआत में वह रंगमंच से जुड़े और बाद में फिल्मों का रुख किया। उन्हें रंगमंच से उनको बहुत लगाव था। एक समय ऐसा था जब अटल बिहारी वाजपेयी और स्व. इंदिरा गांधी जैसी हस्तियां उनके नाटकों को देखा करती थीं। पद्म विभूषण रंगकर्मी अब्राहम अल्काजी से 1961 में हुई ऐतिहासिक मुलाकात ने उनके जीवन की दिशा बदल दी और वे बाद में भारतीय रंगमंच के प्रख्यात कलाकार बन गए।

करियर

अमरीश पुरी ने 1960 के दशक में रंगमंच की दुनिया से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। उन्होंने सत्यदेव दुबे और गिरीश कर्नाड के लिखे नाटकों में प्रस्तुतियां दीं। रंगमंच पर बेहतर प्रस्तुति के लिए उन्हें 1979 में संगीत नाटक अकादमी की तरफ से पुरस्कार दिया गया, जो उनके अभिनय कॅरियर का पहला बड़ा पुरस्कार था।

अमरीश पुरी के फ़िल्मी करियर शुरुआत साल 1971 की ‘प्रेम पुजारी’ से हुई। पुरी को हिंदी सिनेमा में स्थापित होने में थोड़ा वक्त जरूर लगा, लेकिन फिर कामयाबी उनके कदम चूमती गयी। 1980 के दशक में उन्होंने बतौर खलनायक कई बड़ी फिल्मों में अपनी छाप छोड़ी। 1987 में शेखर कपूर की फिल्म ‘मिस्टर इंडिया में मोगैंबो की भूमिका के जरिए वे सभी के जेहन में छा गए। 1990 के दशक में उन्होंने ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे ‘घायल’ और ‘विरासत’ में अपनी सकारात्मक भूमिका के जरिए सभी का दिल जीता।

अमरीश पुरी ने हिंदी के अलावा कन्नड़, पंजाबी, मलयालम, तेलुगू और तमिल फिल्मों तथा हॉलीवुड फिल्म में भी काम किया। उन्होंने अपने पूरे कॅरियर में 400 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया। अमरीश पुरी के अभिनय से सजी कुछ मशहूर फिल्मों में 'निशांत', 'गांधी', 'कुली', 'नगीना', 'राम लखन', 'त्रिदेव', 'फूल और कांटे', 'विश्वात्मा', 'दामिनी', 'करण अर्जुन', 'कोयला' आदि शामिल हैं। दर्शक उनकी खलनायक वाली भूमिकाओं को देखने के लिए बेहद उत्‍साहित होते थे।

उनके जीवन की अंतिम फिल्‍म 'किसना' थी जो उनके निधन के बाद वर्ष 2005 में रिलीज़ हुई। उन्‍होंने कई विदेशी फिल्‍मों में भी काम किया। उन्‍होंने इंटरनेशनल फिल्‍म 'गांधी' में 'खान' की भूमिका निभाई था जिसके लिए उनकी खूब तारीफ हुई थी। अमरीश पुरी का 12 जनवरी 2005 को 72 वर्ष के उम्र में ब्रेन ट्यूमर की वजह से उनका निधन हो गया। उनके अचानक हुए इस निधन से बॉलवुड जगत के साथ-साथ पूरा देश शोक में डूब गया था। आज अमरीश पुरी इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी यादें आज भी फिल्मों के माध्यम से हमारे दिल में बसी हैं।

प्रमुख फिल्में

वर्षफ़िल्मचरित्रटिप्पणी
2006कच्ची सड़क
2005मुम्बई एक्सप्रेस
2005किस्नाभैरो सिंह
2004पुलिस फोर्स
2004मुझसे शादी करोगी
2004ऐतराज़रंजीत रॉय
2004देवशिवाजीराव भंडारकर
2004गर्वइंस्पेक्टर समर सिंह
2004हलचलअंगार चन्द
2004अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
2004लक्ष्यब्रिगेडियर जनरल गौतम पुरी
2004टार्ज़न: द वण्डर कार
2004वो तेरा नाम था
2003खुशी
2003दिल परदेसी हो गया
2003सूर्या
2003द हीरो
2003जालमेजर अमरीश कौल
2003आउट ऑफ कन्ट्रोल
2002शरारत
2002रिश्तेयशपाल चौधरी
2002बधाई हो बधाई
2002बाबातांत्रिक
2002जानी दुश्मन
2001नायक
2001ग़दरअशरफ अली
2001मुझे कुछ कहना है
2001यादेंजगदीश कुमार मल्होत्रा
2001चोरी चोरी चुपके चुपके
2001सेंसर
2001ज़ुबेदासुलेमान सेठ
2001ऑन विंग्स ऑफ फायर
2000ढ़ाई अक्षर प्रेम के
2000शहीद ऊधम सिंह
2000बादलए सी पी रंजीत सिंह
2000मोहब्बतें
1999काला साम्राज्य
1999बादशाह
1999तक्षकनाहर सिंह
1999तालजगमोहन मेहता
1999आरज़ूदयाशंकर
1999गैर
1999लाल बादशाह
1999ज़ुल्मीबलराज दत्त
1999जय हिन्द
1998चाची ४२०दुर्गाप्रसाद भारद्वाज
1998सलाखें
1998श्याम घनश्याम
1998बारूद
1998डोली सजा के रखना
1998झूठ बोले कौआ काटे
1998धूँढते रह जाओगे
1998चाइना गेट
1997परदेस
1997कोयला
1997इतिहासबलवंत
1997निर्णायक
1997तराज़ू
1997विरासत
1997हिमालय पुत्र
1997ढाल
1997महानता
1996सरदारी बेगम
1996काला पानीमिर्ज़ा ख़ान
1996घातकशंभुनाथ
1996जान
1996बेकाबू
1996विजेता
1996जीतगजराज चौधरी
1996दिलजले
1996तू चोर मैं सिपाहीगजेन्द्र सिंह
1995गुंडाराजपुलिस इंस्पेक्टर
1995दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे
1995जय विक्रान्ताजसवंत सिंह
1995कर्तव्य
1995हकीकत
1995करन अर्जुनदुर्जन सिंह
1995ओ डार्लिंग यह है इण्डिया
1995मैदान-ए-जंग
1995हलचलशोभराज
1995प्रेम
1995पापी देवतारतन सेठ
1994एलान
1994द्रोह कालआई जी पी पाठक
1994परमात्मा
1994पहला पहला प्यार
1994महा शक्तिशाली
1994तेजस्वनीलाला खुराना
1993गर्दिश
1993कुंदनशमशेर सिंह
1993संग्राम
1993सूरज का सातवाँ घोड़ा
1993दिव्य शक्ति
1993दामिनी
1992अश्वमेधम
1992टाइम मशीन
1992वंश
1992तहलका
1992मुस्कुराहट
1992ज़िन्दगी एक जुआभल्ला
1992आई लव यू
1992विश्वात्मा
1992दीवाना
1991आदमी और अप्सरा
1991आदित्य
1991कोहराम
1991मस्त कलंदर
1991सौदागर
1991इरादा
1991शिकारी
1991धर्म संकट
1991दलपति
1991अज़ूबा
1991बेनाम बादशाह
1991जिगरवाला
1991फूल और काँटे
1991त्रिनेत्रसिंघानिया
1991नम्बरी आदमीराना
1990घायलबलवंत राय
1990हातिमताई
1990आज का अर्जुन
1990तेजा
1990जीने दो
1990मुकद्दर का बादशाह
1990दूध का कर्ज़रघुवीर सिंह
1990किशन कन्हैया
1989जादूगरमहाप्रभु जगतसागर चिन्तामणि
1989निगाहें
1989तुझे नहीं छोड़ूँगा
1989दो कैदीके के
1989सूर्या
1989फर्ज़ की जंग
1989बटवारा
1989आग से खेलेंगे
1989राम लखन
1989मिल गयी मंज़िल मुझे
1989मुज़रिमख़ान
1989नफ़रत की आँधी
1989त्रिदेव
1989हिसाब खून का
1989ज़ुर्रत
1989नाइंसाफीबिल्ला
1989इलाका
1989दाता
1988आखिरी पोरतम
1988हम फ़रिश्ते नहीं
1988शहँशाह
1988यतीम
1988वारिस
1988हमारा खानदान
1988मोहब्बत के दुश्मनशहबाज़ ख़ान
1988गंगा जमुना सरस्वतीठाकुर हंसराज सिंह
1988रुख़सतजगदीश चोपड़ा
1988मर मिटेंगेअजीत सिंह
1988कमांडो
1988खून बहा गंगा में
1988दयावानइंस्पेक्टर रतन सिंह
1988साजिश
1987इनाम दस हज़ार
1987सड़क छाप
1987प्यार करके देखो
1987डांस डांस
1987शेर शिवाजी
1987मददगार
1987दादागिरीभानु प्रताप
1987दिल तुझको दियामोहला
1987परम धरम
1987लोहा
1987हवालात
1987मिस्टर इण्डिया
1987जवाब हम देंगेसेठ धनराज
1986एक और सिकन्दर
1986रिकी
1986तमस
1986काँच की दीवारभूप सिंह
1986प्यार हो गया
1986जाँबाज़राना विक्रम सिंह
1986नगीना
1986नसीब अपना अपनाभीम सिंह
1986सल्तनत
1986असली नकली
1986दोस्ती दुश्मनी
1986समुन्दर
1986आप के साथ
1986मेरा धर्म
1985आज के शोलेबलबीर गुप्ता
1985कर्मयुद्ध
1985पत्थर दिल
1985मोहब्बतचौधरी
1985ज़बरदस्तबलराम सिंह
1985अघात
1985निशान
1985तेरी मेहरबानियाँठाकुर विजय सिंह
1985पैसा ये पैसाजुगल
1985मेरी जंग
1985फाँसी के बाद
1984ज़ख्मी शेर
1984झूठा सच
1984इंडियाना जोन्स एंड द टेंपल ऑफ डूम
1984इंसाफ कौन करेगाभानुप्रताप
1984यह देश
1984कसम पैदा करने वाले की
1984दुनियाबलवंत सिंह कालरा
1984गंगवाविशेष भूमिका
1984आवाज़
1984मशाल
1984पार्टीडॉक्टर
1984जागीर
1983अर्द्ध सत्य
1983मंडी
1983हादसा
1983कुली
1983अंधा कानून
1983हीरो
1982जॉनी आई लव यूज़ालिम सिंह
1982मैं इन्तकाम लूँगी
1982आदत से मजबूर
1982अपना बना लो
1982विजेता
1982शक्तिजे वर्मा
1982गाँधी
1982तहलका
1982विधाता
1982अशान्ति
1981क्रोधी
1981कलयुगकिशन चाँद
1981नसीब
1980चन परदेसी
1980दोस्तानाबलवंत सिंह
1980मान अभिमान
1980गहराई
1980पत्थर से टक्कर
1980कुर्बानी
1980हम पाँचवीर प्रताप सिंह
1980आक्रोश
1979लखन
1979हमारे तुम्हारे
1979जानी दुश्मन
1979सावन को आने दो
1979नैया
1978कोन्दुरा
1977भूमिका
1977पापी
1977ईमान धर्मधर्मदयाल
1977अलीबाबा मरज़ीनाजब्बार
1976मंथन
1975निशांत
1975सलाखेंमास्टर
1973कादू
1973हिन्दुस्तान की कसम
1971शांता! कोर्ट चालू आहेमराठी फ़िल्म
1971रेशमा और शेरारहमत ख़ान
1971हलचलसरकारी वादी वकील
1970प्रेम पुजारी

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Mogambo Amrish Puri lives on: A tribute". Hindustan Times. 11 जनवरी 2010. मूल से 16 मई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 मई 2016.

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