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अफ़ज़ल-उद-दौला, आसफ़ जाह पंचम

अफजल उड़-दौला, असफ जह पंचम, "मीर तेहेनियत अली खान" सिद्दीकी बायाफांडी (11 अक्टूबर 1857 - 26 फरवरी 1869) ने 1857 से 1869 तक भारत के हैदराबाद के निज़ाम रहे।

अफजल उड़-दौला, असफ जह V, "मीर तेहेनियत अली खान" सिद्दीकी बायाफंदी (11 अक्टूबर 1857 - 26 फरवरी 1869) ने 1857 से 1869 तक भारत के हैदराबाद के निजाम थे। वह चौथे निजाम नासिर-उद-दौला - आसफ जाह चतुर्थ के सबसे बड़े बेटे थे।वह बिलकुल अपने पिता के समान दिखता था। उनका मकबरा अन्य निज़ामों की तरह, मक्का मस्जिद में है। [1] उनकी मृत्यु बहुत ही कम सिर्फ ४१ वर्ष की उम्र में हुई।

शैक्षणिक सुधार

उनके राज्य के दौरान, सं 1854 में "दार-उल-उलूम"-  की स्थापना हुई , जो हैदराबाद की पहली नियमित शैक्षिक संस्था थी। [2]

शैली और शीर्षक

हिज हाइनेस सर निज़ाम-उल-मुल्क, अफ़ज़ल-अड़-डौलह, नवाब फ़ारूक़ी मीर टहनियत अली खान सिद्दीक़ी बायफंडी बहादुर, असफ जह पंचम, GCSI, हैदराबाद के निज़ाम।

यह भी देखें

सन्दर्भ

  1. "The Asaf Jahi Dynasty". मूल से 24 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 अगस्त 2018.
  2. "Osmania University first to teach in blend of Urdu & English". मूल से 17 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 अगस्त 2018.

बाहरी कड़ियाँ

अफ़ज़ल-उद-दौला, आसफ़ जाह पंचम
पूर्वाधिकारी
नासीर-उद-दौला, आसिफ जाह IV
हैदराबाद के निज़ाम
1857–1869
उत्तराधिकारी
महबूब अली खान सिद्दीकी, आसफ जाहिर VI