अनुपमा निरंजना
अनुपमा निरंजना | |
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जन्म | तीर्थहल्ली |
मौत | 1991 |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
पेशा | डॉक्टर, लेखक |
जीवनसाथी | निरंजना |
अनुपमा निरंजना (कन्नड़: ಅನುಪಮಾ ನಿರಂಜನ) (1934–1991)[1] भारत में एक डॉक्टर थीं और आधुनिक कन्नड़ कथा और गैर-कथा लेखिका थीं।
वह महिलाओं के दृष्टिकोण की पैरवी करती थीं और ऐसी hi दूसरी लेखिकाओं जैसे कि त्रिवेणी और एम.के. इंदिरा में से एक हैं। उनके उपन्यास रुनामुक्तालू पर पुत्तान्ना कनागल के द्वारा एक सफल फिल्म बनाई गई है।[2]
वैंकटलक्ष्मी जन्मीं, अनुपमा एक चिकित्सक के रूप में मैसूर और बैंगलोर में अभ्यास करती थीं। अनुपमा ने जीवन के प्रारंभिक दौर में ही लिखना शुरू कर दिया था और सामाजिक मुद्दों पर, विशेष रूप से महिलाओं के मुद्दों पर उपन्यास लिखे।[3] कन्नड़ लेखक निरंजना से उनकी शादी हुई जो कि आधुनिक कन्नड़ साहित्य के प्रगतिशील स्कूल के एक अग्रणी उपन्यासकार थे। उनकी बेटियां तेजस्विनी और सीमंथिनी शिक्षा के क्षेत्र में काफी नामी हस्तियाँ हैं। अनुपमा की मौत कैंसर से हुई। उनके नाम पर कन्नड़ में महिला लेखकों के लिए एक पुरस्कार में स्थापित किया गया। [4]
प्रमुख काम
- अनंत गीत
- श्वेताम्बरी
- स्नेह पल्लवी
- रुनामुक्तालू
- सेवे
- पुष्पक
- कन्मानी
- ओदालू
- नेनापू: सिही- कही
- कल्लोल
- आला
- मुक्ति चित्रा
- माधवी
- घोष
- नाती
- मूलमुखी ( उपन्यास )
- कैंसर जगाट्टू
- ताई मगु
- दिनाक्कोंदु कथे ( बच्चों की कहानियों का संग्रह)
प्रमुख पुरस्कार
- कर्नाटक साहित्य अकादमी पुरस्कार
- सोवियत भूमि नेहरू पुरस्कार
सन्दर्भ
- ↑ Women writing in India Archived 2017-03-14 at the वेबैक मशीन, p. 382.
- ↑ "Photo on Kamat's Potpourri". मूल से 6 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मार्च 2017.
- ↑ "One of her stories". मूल से 20 फ़रवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मार्च 2017.
- ↑ "Anupama Award". मूल से 5 नवंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मार्च 2017.