अतीश दीपंकर
अतीश दीपंकर श्रीज्ञान | |
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This portrait of Atiśa originated from a Kadam monastery in Tibet and was gifted to New York's Metropolitan Museum of Art in 1993. In this depiction, Atiśa holds a long, thin palm-leaf manuscript with his left hand, probably symbolising one of the many important texts he wrote, while making the gesture of teaching with his right hand.[1] | |
जन्म | 980 Bikrampur, Pala Empire |
मौत | 1054 Nyêtang, तिब्बत |
पेशा | बौद्ध गुरु |
प्रसिद्धि का कारण | The major figure in the establishment of the Sarma lineages in Tibet. |
बच्चे | प्रभावती देवी |
माता-पिता | श्रीकल्याण |
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अतीश दीपंकर श्रीज्ञान ( साँचा:Lang-bo; चीनी: 燃燈吉祥智; पिनयिन: Rándēng Jíxiángzhì) (982–1054) एक बौद्ध धर्मप्रचारक विक्रमशिला के एक प्रसिद्ध अध्यापक थे।[2] ११वीं शताब्दी में महायान और वज्रयान बौद्ध सम्प्रदायों को एशिया में प्रचारित-प्रसारित करने वाले लोगों में उनका सर्वश्रेष्ठ स्थान है। उन्होने तिब्बत से सुमात्रा तक बौद्ध दर्शन के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। सन १०१३ ई में उन्होने श्रीविजय राज्य की यात्रा की और वहाँ १२ वर्ष तक रहे और फिर भारत लौटे।
सन्दर्भ
- ↑ "Portrait of Atiśa [Tibet (a Kadampa monastery)] (1993.479)". Timeline of Art History. New York: The Metropolitan Museum of Art, 2000–. October 2006. मूल से 31 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 January 2008.
- ↑ "Reincarnation". Dalailama. The Dalai Lama. मूल से 14 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 May 2015.