अक्षता मूर्ति
अक्षता मूर्ति | |
---|---|
2023 में अक्षता | |
जन्म | अप्रैल 1980 (आयु 44) हुबली, कर्नाटक, भारत |
शिक्षा की जगह | क्लेयर मेककेन्ना कॉलेज फेशन इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन एंड मर्चंडाइस स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय (एमबीए) |
जीवनसाथी | ऋषि सुनक (वि॰ 2009) |
बच्चे | 2 |
माता-पिता | सुधा मूर्ति (माता) नारायण मूर्ति (पिता) |
संबंधी | रोहन मूर्ति (भाई) |
अक्षता नारायण मूर्ति (जन्म: अप्रैल 1980) एक ब्रिटेन में रहने वाली भारतीय फेशन डिज़ाइनर हैं। यह बहु-राष्ट्रीय आईटी कंपनी इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति की बेटी हैं। इनके पास इंफोसिस का 0.93% शेयर है। इनकी निजी संपत्ति ब्रिटिश मीडिया में चर्चा का कारण बनी है।
करियर
2007 में मूर्ति डच क्लीनटेक फर्म टेंड्रिस में इसके मार्केटिंग निदेशक के रूप में शामिल हुईं थीं। इसमें इन्होंने 2 वर्षों तक काम करने के बाद इन्होंने अपना फेशन फर्म की शुरू किया, लेकिन 2012 में इसे बंद कर दिया। 2013 में वैंचर केपिटल फंड कटमरैन वेंचर्स के निदेशक के रूप में जुड़ी। इनके पिता की फ़र्म की लंदन स्थित शाखा की यह अपने पति ऋषि सुनक के साथ सह-संस्थापक बनी। सुनक ने 2015 में रिचमंड के एमपी के रूप में चुनाव लड़ने से पूर्व अपने शेयर अक्षता को भेज दिये थे। अक्षता के पास अपने पिता के फ़र्म के कुल 0.93% शेयर मौजूद है, जिसकी अप्रैल 2022 में कीमत लगभग साढ़े छह लाख करोड़ रुपए होता है। इसके अलावा इनके पास जैमी ओलिवर के रेस्तरा और भारत में वेंडी के कोरो किड्स और डिगमी फिटनेस के शेयर भी हैं। यह डिगमी फिटनेस और सोरोको की निदेशक हैं और अपने भाई रोहन मूर्ति के साथ इसकी फाउंडर भी हैं।
निजी जीवन
अगस्त 2009 में अक्षता का ऋषि सुनक से विवाह हुआ, जिनसे उनकी मुलाक़ात स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एमबीए की पढ़ाई के दौरान हुई थी। इनके अनुष्का और कृष्णा नामक दो बच्चियाँ हैं। यह अपने पति के साथ लंदन के 11 डाउनिंग स्ट्रीट में रहती हैं।
अक्षता के पास भारतीय नागरिकता है। अगस्त 2022 में किसी के द्वारा यह रिपोर्ट सामने आई की अक्षता यूनाइटेड किंगडम में गैर-निवासी के रूप में रह रही हैं। जिसके कारण उन्हें ब्रिटेन के से प्राप्त होने वाले कमाई पर इस देश में कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है। वे इस तरह रहने के लिए मात्र £30,000 चुकाती हैं। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अक्षता ने कहा कि वे गैर-निवासी स्थिति को बनाए रखेंगी, लेकिन स्वयंसेवक के रूप में विश्वभर से होने वाली कमाई का टैक्स यूके में चुकाएंगी।