अंशुमान्
दसवें आदित्य हैं अंशुमान- वायु रूप में जो प्राण तत्त्व बनकर देह में विराजमान है वही अंशुमान हैं। इन्हीं से जीवन सजग और तेज पूर्ण रहता है।
दसवें आदित्य हैं अंशुमान- वायु रूप में जो प्राण तत्त्व बनकर देह में विराजमान है वही अंशुमान हैं। इन्हीं से जीवन सजग और तेज पूर्ण रहता है।