अंतरिक्ष शटल
अंतरिक्ष शटल डिस्कवरी लॉन्च | |
कार्य | मानव सहित आंशिक पुनःप्रयोगनीय लॉन्च एवं पुनर्प्रवेश प्रणाली |
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निर्माता | यूनाइटेड स्पेस एलायंस: थायोकोल/एलायंट टेक्सिस्टम्स (एस.आर.बी.) लॉकहीड मार्टिन (मार्टिन मैरिएटा) – (ET) रॉकवेल/बोइंग (ऑर्बिटर) |
मूल देश | संयुक्त राज्य अमेरिका |
आकार | |
ऊंचाई | 184 ft (56.1 m) |
व्यास | 28.5 ft (8.69 m) |
द्रव्यमान | 4,470,000 lb (2,030 t) |
चरण | 2 |
क्षमता | |
LEO को पेलोड | 24,400 kg (53,600 lb) |
जीटीओ को पेयलोड | 3,810 kg (8,390 lb) |
लॉन्च इतिहास | |
वर्तमान स्थिति | सक्रिय |
लॉन्च स्थल | एलसी-३९, कैनेडि स्पेस सेंटर एसएलसी-६, वैन्डन्बर्ग एएफ़बी (अप्रयुक्त) |
कुल लॉन्च | १२९ |
सफल लॉन्च | १२८ |
असफल परीक्षण | १ (लॉन्च फेल्योर, चैलेंजर) |
अन्य | १ (री-एन्ट्री फेल्योर, कोलंबिया) |
प्रथम उड़ान | १२ अप्रैल १९८१ |
उल्लेखनीय पेयलोड | ट्रैकिंग एवं डाटा रिले उपग्रह स्पेसलैब ग्रेट ऑब्ज़र्वेट्रीज़ गैलीलियो मैगेलन अंतरिक्ष स्टेशन घटक |
अंतरिक्ष शटल संयुक्त राज्य अमरीका में नासा द्वारा मानव सहित या रहित उपग्रह यातायात प्रणाली को कहा जाता है। यह शटल पुन: प्रयोगनीय यान होता है और इसमें कंप्यूटर डाटा एकत्र करने और संचार के तमाम यंत्र लगे होते हैं।[1] इसमें सवार होकर ही वैज्ञानिक अंतरिक्ष में पहुंचते हैं। अंतरिक्ष यात्रियों के खाने-पीने और यहां तक कि मनोरंजन के साजो-सामान और व्यायाम के उपकरण भी लगे होते हैं। अंतरिक्ष शटल को स्पेस क्राफ्ट भी कहा जाता है, किन्तु ये अंतरिक्ष यान से भिन्न होते हैं। इसे एक रॉकेट के साथ जोड़कर अंतरिक्ष में भेजा जाता है, लेकिन प्रायः यह सामान्य विमानों की तरह धरती पर लौट आता है। इसे अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए कई बार प्रयोग किया जा सकता है, तभी ये पुनःप्रयोगनीय होता है। इसे ले जाने वाले रॉकेट ही अंतरिक्ष यान होते हैं।
आरंभिक एयरक्राफ्ट एक बार ही प्रयोग हो पाया करते थे। शटल के ऊपर एक विशेष प्रकार की तापरोधी चादर होती है। यह चादर पृथ्वी की कक्षा में उसे घर्षण से पैदा होने वाली ऊष्मा से बचाती है। इसलिए इस चादर को बचाकर रखा जाता है। यदि यह चादर न हो या किसी कारणवश टूट जाए, तो पूरा यान मिनटों में जलकर खाक हो जाता है। चंद्रमा पर कदम रखने वाले अभियान के अलावा, ग्रहों की जानकारी एकत्र करने के लिए जितने भी स्पेसक्राफ्ट भेजे जाते है, वे रोबोट क्राफ्ट होते है।[1] कंप्यूटर और रोबोट के द्वारा धरती से इनका स्वचालित संचालन होता है। चूंकि इन्हें धरती पर वापस लाना कठिन होता है, इसलिए इनका संचालन स्वचालित रखा जाता है। चंद्रमा के अलावा अभी तक अन्य ग्रहों पर भेजे गये शटल इतने लंबे अंतराल के लिये जाते हैं, कि उनके वापस आने की संभावना बहुत कम या नहीं होती है। इस श्रेणी का शटल वॉयेजर १ एवं वॉयेजर २ रहे हैं। स्पेस शटल डिस्कवरी कई वैज्ञानिकों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की मरम्मत करने और अध्ययन के लिए अंतरिक्ष में गया था।[2][3][4]
दीर्घा
- डिस्कवरी की भूमि पर वापसी
- कोलंबिया कैनेडि स्पेस सेंटर पर लैंडिंग
- एंडेवर टच डाउन पर ब्रेकशूट
- अंतरिक्ष शटल कार्यक्रम का चिह्न
- अटलांटिस अंतरिक्ष शटल लॉन्च, २००१। सूर्य कैमरे के पीछे है व आगे परछाईं में चंद्रमा दर्शनीय है।
- अंतरिक्ष शटल ऑर्बिटर का चित्रांकन
- अंतरिक्ष शटल आरेख
- एसटीएस अंतरिक्ष कार्यक्रम प्रोफ़ाइल
सन्दर्भ
- ↑ अ आ स्पेस शटल|हिन्दुस्तान लाइव|२७ दिसम्बर २००९
- ↑ "7 cool things you didn't know about Atlantis". मूल से 27 जुलाई 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 अगस्त 2011.
- ↑ Jim Abrams (September 29, 2010). "NASA bill passed by Congress would allow for one additional shuttle flight in 2011". Associated Press. मूल से 7 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि September 30, 2010.
- ↑ "Solid Rocket Boosters". NASA KSC. मूल से 22 फ़रवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2011-06-30.
बाहरी कड़ियाँ
- अंतरिक्ष- गुत्थी या चुनौती? बीबीसी हिन्दी।