अंतरतारकीय बादल
खगोलशास्त्र में अंतरतारकीय बादल अंतरतारकीय माध्यम (इन्टरस्टॅलर स्पेस) में स्थित ऐसे बादल को कहते हैं जहाँ गैस, प्लाज़्मा और धूल का जमावड़ा हो। वैसे तो अंतरतारकीय माध्यम के व्योम में कुछ-कुछ कण, अणु और परमाणु तो होते ही हैं, लेकिन अंतरतारकीय बादल ऐसा क्षेत्र होता है जहाँ इन चीज़ों का घनत्व अंतरतारकीय व्योम के औसत घनत्व से ज़्यादा हो। इन बादलों के घनत्व, तापमान और आकार के अनुसार इन बादलों में मौजूद हाइड्रोजन (जो ब्रह्माण्ड का सब से अधिक मात्रा में मिलने वाला मूल तत्त्व है) या तो साधारण परमाणुओं के रूप में हो सकता है, आयनीकृत (आयोनाइज़्ड) प्लाज़्मा के रूप में हो सकता है या फिर अणुओं के रूप में हो सकता है। साधारण परमाणुओं वाले बादल को "एच १" (H I) क्षेत्र, प्लाज़्मा वाले बादल को "एच २" (H 2) क्षेत्र और अणुओं वाले बादल को "आणविक बादल" (मॉलॅक्यूलर क्लाउड) कहते हैं। परमाणुओं और प्लाज़्मा वाले बादलों को "छितरे" बादल भी बुलाया जाता है जबकि आणविक बादलों को "घने बादल" भी कहते हैं।
अन्य भाषाओँ में
"अंतरतारकीय बादल" को अंग्रेज़ी में "इन्टरस्टॅलर क्लाउड" (interstellar cloud) कहते हैं।