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अंजू बाला




प्रमुख उपन्यास

उनका एक उपन्यास "मेरी वनिता" जनवरी ०१, २००५ में हुआ था।[1]

सन्दर्भ

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 7 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 अप्रैल 2014.