गणित में e एक प्रागनुभविक संख्या है। इसका मान लगभग २.७१८२८ है। इसको यदाकदा 'आयलर संख्या' (Euler's number) भी कहते हैं। e एक महत्त्वपूर्ण गणितीय नियतांक है। प्राकृतिक लघुगणक का आधार यही संख्या ली जाती है।[1]
परिभाषा
e को निम्नलिखित दो व्यंजकों द्वारा पारिभाषित किया जाता है-


गुण
e एक प्रागनुभविक अपरिमेय संख्या है।
कैलकुलस
इक्सपोनेन्सियल फलन ex इस कारण भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह एकमात्र फलन है जिसका अवकलज (differential) भी स्वयं यही फलन है। (अतः इसका प्रति-अवकलज भी यही है)

![{\displaystyle {\begin{aligned}e^{x}&=\int _{-\infty }^{x}e^{t}\,dt\\[8pt]&=\int _{-\infty }^{0}e^{t}\,dt+\int _{0}^{x}e^{t}\,dt\\[8pt]&=1+\int _{0}^{x}e^{t}\,dt.\end{aligned}}}](https://wikimedia.org/api/rest_v1/media/math/render/svg/946f1ea90686802e25ec4cfee5032a5063f61b02)
आयलर का सूत्र

इस सूत्र में x = π रखने पर आयलर सर्वसमिका प्राप्त होती है-

सतत भिन्न
![{\displaystyle e-1=[1;0,1,1,2,1,1,4,1,1,6,1,1,8,1,1,10,\ldots ]}](https://wikimedia.org/api/rest_v1/media/math/render/svg/1e7a845dfff8fd6b46840ee2a83d6ca194d5b6fc)
सन्दर्भ