3753 क्रुथने
3753 क्रुथने (3753 Cruithne) (अंग्रेजी : /ˈkruəθnɪ/[1] or ), सूर्य के ईर्दगिर्द की कक्षा में एक क्षुद्रग्रह है। पृथ्वी के साथ इसका 1:1 का कक्षीय अनुनाद है। इसे गलत रूप में "पृथ्वी का दूसरा चांद" भी कहा गया है।[1][2] क्रुथने पृथ्वी की परिक्रमा नहीं करता है बल्कि कई बार यह सूर्य के दूसरी तरफ होता है।[3] इसकी कक्षा इसे बुध की कक्षा के भीतर और मंगल की कक्षा के बाहर रखती है।[3] क्रुथने सूर्य की परिक्रमा करीब एक साल में लगाता है लेकिन पृथ्वी के ईर्दगिर्द घोड़े की नाल के आकार के हलचल की शृंखला पूरी करने के लिए 770 साल लेता हैं।[3]
खोज
क्रुथने की खोज 10 अक्टूबर 1986 को साइडिंग स्प्रिंग वेधशाला, कुनबारब्रान, ऑस्ट्रेलिया में एक फोटोग्राफिक प्लेट पर ब्रिटिश श्मिट टेलीस्कोप से डंकन वाल्ड्रन द्वारा हुई है। इसके 1983 के आभास (1983 UH) का श्रेय गियोवन्नी डे सेंक्टीस और चिली के यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला के रिचर्ड एम. वेस्ट को दिया जाता है।[4]
इसकी बेढ्ंगी कक्षा का निर्धारण सबसे पहली बार 1997 में टोरंटो के यॉर्क विश्वविद्यालय में कार्यरत पॉल वीजर्ट व कीमो इनानेन और फिनलैंड के टूर्कू विश्वविद्यालय में कार्यरत सेप्पो मिकोला द्वारा हुआ था।[5]
आयाम और कक्षा
क्रुथने व्यास में करीब 5 किलोमीटर (16,000 फीट) है, तथा पृथ्वी से इसकी निकटतम पहुंच पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी की करीब तीस गुना है [12 गीगामीटर (Gm) या 12,000,000 किलोमीटर (3.9×1010 फीट)]। क्रुथने 1994 से लेकर 2015 तक पृथ्वी से अपनी वार्षिक निकटतम पहुंच प्रत्येक नवंबर को बनाता है।[6]
यद्यपि क्रुथने की कक्षा लम्बी अवधि उपरांत स्थिर रहना नहीं मानी गई है, वीजर्ट और इनानेन की गणनाएं बताती है कि यह लम्बे समय तक पृथ्वी की कक्षा के साथ समकालिक रूप से जुडा रहा है। लाखों सालों तक कभी भी इसके पृथ्वी के साथ टकराव का कोई खतरा नहीं है। पृथ्वी और क्रुथने का परिक्रमण पथ एक दूसरे को नहीं काटते, तथा इसका कक्षीय तल भी वर्तमान में पृथ्वी की तुलना में 19.8 डिग्री तक झुका हुआ है। पृथ्वी से समीपता पर क्रुथने का अधिकतम परिमाण +15.8 होता है, जो कि प्लूटो से भी धुंधला है, तथा इसे देखने के लिए कम से कम एक 12.5-इंच (320 मिमी) परावर्तक दूरबीन की जरूरत पडेगी।[7][8]
क्रुथने की सूर्य के ईर्दगिर्द एक सामान्य अण्डाकार कक्षा है। वर्तमान में सूर्य के ईर्दगिर्द इसकी परिक्रमण अवधि करीब 364 दिनों की है, जो कि पृथ्वी तुलना में लगभग बराबर है। इस वजह से, क्रुथने और पृथ्वी सूर्य के ईर्दगिर्द अपने मार्ग में एक दूसरे का "पीछलग्गु" दिखाई देते हैं। इसी कारण किसी समय क्रुथने "पृथ्वी का दूसरा चांद" कहलाया।[9] हालांकि, यह पृथ्वी की परिक्रमा नहीं करता और यह कोई उपग्रह नहीं है।[10] 2058 में, क्रुथने मंगल के 0.09 एयू [13,600,000 किलोमीटर (4.46×1010 फीट)] दायरे में आ जाएगा।[6]
सन्दर्भ
- ↑ अ आ For instance, on the British television show Q.I. (Episode 2 Archived 2012-09-05 at the वेबैक मशीन, Season 1; aired 11 Sept 2003).
- ↑ "More Mathematical Astronomy Morsels" (2002) ISBN 0-943396-74-3, Jean Meeus, chapter 38: Cruithne, an asteroid with a remarkable orbit
- ↑ अ आ इ Cruithne: Asteroid 3753 Archived 2017-10-29 at the वेबैक मशीन. Western Washington University Planetarium. Retrieved January 27, 2011.
- ↑ Wiegert, Paul A. and Innanen, Kimmo (June 1998). "The Orbital Evolution of Near-Earth Asteroid 3753". The Astronomical Journal. 115: 2604–2613. अभिगमन तिथि 25 नवम्बर 2013.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
- ↑ Wiegert, Paul A.; एवं अन्य (12 जून 1997). "An asteroidal companion to the Earth (letter)" (PDF). Nature. 387 (6634): 685–86. मूल (PDF) से 26 जून 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 नवम्बर 2013. Explicit use of et al. in:
|author=
(मदद) - ↑ अ आ "JPL Close-Approach Data: 3753 Cruithne (1986 TO)". 25 अक्टूबर 2008. मूल से 7 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जून 2009.
- ↑ "This month Pluto's apparent magnitude is m=14.1. Could we see it with an 11" reflector?". Singapore Science Centre. मूल से 30 सितंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 मार्च 2007.
- ↑ "The astronomical magnitude scale". The ICQ Comet Information Website. मूल से 7 मई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 सितंबर 2007.
- ↑ Lloyd, Robin. "More Moons Around Earth?". Space.com. मूल से 8 दिसंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 दिसंबर 2013.
- ↑ Meeus, reference above, writes "we may not deduce that Cruithne is a "companion" of the Earth, as some authors wrote, and certainly it is not a satellite! The object simply cannot be a satellite of the Earth, as it moves from nearly the orbit of Mercury to outside that of Mars, and because sometimes it is in superior conjunction, at the far side of the Sun as seen from the Earth".