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2010 राष्ट्रमण्डल खेल

उन्नीसवें राष्ट्रमण्डल खेल
मेजबान शहरनई दिल्ली, भारत
उद्घाटन समारोह 3 अक्टूबर 2010
समापन समारोह 14 अक्टूबर 2010
मुख्य आयोजक जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम
अट्ठारहवेंबीसवें  >

2010 राष्ट्रमण्डल खेल उन्नीसवें राष्ट्रमंडल खेल थे जिनका आयोजन भारत की राजधानी नई दिल्ली में 3 से 14 अक्टूबर 2010 में किया गया था। दिल्ली में इससे पहले 1951 और 1982 में एशियाई खेल भी आयोजित किए जा चुके हैं। 2010 राष्ट्रमण्डल खेल का उद्घाटन समारोह जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में हुआ था। इन खेलों का आयोजन भारत में पहली बार तथा 1998 में कुआलालम्पुर, मलेशिया के बाद एशिया में दूसरी बार हुआ।[1]

स्थान

  • जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, दिल्ली - एथलेटिक्स, लॉनबॉल, भारोत्तोलन
  • ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम चंद राष्ट्रीय - हॉकी
  • इंदिरा गांधी एरिना - तीरंदाजी, साइकिल, जिमनास्टिक, कुश्ती
  • दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर - रग्बी sevens
  • सिरी फोर्ट खेल परिसर - बैडमिंटन, स्क्वैश
  • डॉ॰ कर्णी सिंह शूटिंग रेंज - शूटिंग
  • तालकटोरा स्टेडियम - मुक्केबाजी
  • स्विमिंग पूल परिसर - तैराकी
  • आर के खन्ना टेनिस कॉम्प्लेक्स- टेनिस
  • यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स - टेबल टेनिस

2010 राष्ट्रमण्डल खेल का उद्घाटन और समापन समारोह, एथलेटिक्स और भारोत्तोलन 75,000 दर्शकों की क्षमता वाले जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, दिल्ली में आयोजित हुआ था, इन खेलों के लिए स्टेडियम पूरी तरह नवीकरण किया गया था।[2]

कॉमनवेल्थ या राष्‍ट्रमंडल गेम एक बहुराष्ट्रीय खेल आयोजन है। इसमें कई खेल एक साथ खेले जाते हैं। इस खेल में वह सभी देश हिस्सा लेते हैं, जो ओलंपिक के भी सदस्य हैं। इसका आयोजन हर चार साल में एक बार होता है। राष्ट्रमंडल खेलों के अपने भी कुछ खास खेल होते हैं। इस खेलो के आयोजन के नियंत्रण का काम राष्ट्रमंडल खेल संघ संभालता है।[3]

राष्‍ट्रमंडल खेलों की पृष्ठभूमि

राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन पहली बार वर्ष 1930 में हेमिल्‍टन शहर, ओंटेरियो (कनाडा) में आयोजित किया गया था। तब इस खेल आयोजन का नाम ब्रिटिश एम्पायर गेम्स था। इन खेलों के आयोजन का मूल विचार एक भारतीय का था जिनका नाम एशली कूपर था। उन्होंने इस खेल आयोजन को आपसी शांति और सौहार्द के लिए सही मानते हुए इसका प्रस्ताव तात्कालिक राजनेताओं को दिया था। वर्ष 1928 में कनाडा के प्रमुख एथलीट बॉबी रॉबिंसन को प्रथम राष्‍ट्र मंडल खेलों के आयोजन का भार सौंपा गया। 1930 में पहली बार इस खेल आयोजन का शुभारंभ हुआ जिसमें मात्र 11 देशों के 400 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। इसके नाम में भी कई बार बदलाव हुए जैसे 1954 में इसे ब्रिटिश एम्पायर के नाम से पुकारा गया तो 1970 में ब्रिटिश कॉमन वेल्‍थ गेम्स से. आखिरकार वर्ष 1978 में इसे सर्वसम्मति से कॉमनवेल्थ गेम्स नाम दिया गया। वर्ष 1998 में कुआलालमपुर में आयोजित राष्‍ट्रमंडल खेलों में एक बड़ा बदलाव देखा गया जब क्रिकेट, हॉकी और नेटबॉल जैसे खेलों ने पहली बार अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. हालांकि क्रिकेट को अभी भी मान्यता नहीं मिल पाई है।[1]

राष्ट्र्मंडल खेल तीन नीतियों को मानता है. मानवता, समानता और नियति. इसका मानना है कि इससे विश्वभर में शांति और सहयोग की भावना बढ़ेगी. यह नीतियां हजारों लोगों को प्रेरणा देती हैं और उन्‍हें आपस में जोड़ कर राष्‍ट्रमंडल देशों के अंदर खेलों को अपनाने का व्‍यापक नजरिया प्रदान करती हैं।[4]

इसके प्रतियोगियों की बात करें तो इसमें 6 देश (आस्ट्रेलिया, कनाडा, इंग्लैण्ड, न्यूजीलैण्ड, स्कॉटलैण्ड और वेल्स) ऐसे हैं जो प्रत्येक वर्ष इसमें हिस्सा लेते हैं। पिछले पिछली बार मेलबोर्न में हुए कॉमन वेल्थ गेम्स में सभी 53 राष्ट्रमंडल देशों सहित कुल 71 देशों की टीमों ने भाग लिया था। वर्ष 1930 द्वितीय विश्व युद्ध में शुरु होने की वजह से 1930-1942 के मध्य इन खेलों का आयोजन न हो सका. मगर 1942 में एक बार फिर से इन खेलों का आयोजन होने लगा. इसके प्रतीक और कुछ अन्य तथ्य भी बड़े रोचक हैं जैसे महारानी की बेटन रिले, प्रतीक, लोगो आदि.[5]

क्या है राष्ट्रमंडल

राष्ट्रमंडल देशों का निर्माण ब्रिटेन ने किया। इसमें वह सभी 54 देश शामिल हैं जो कभी ब्रिटिश औपनिवेशिक व्यवस्था के भाग थे। राष्ट्रमंडल देशों के निर्माण के पीछे उद्देश्य लोकतंत्र, साक्षरता, मानवाधिकार, बेहतर प्रशासन, मुक्त व्यापार और विश्व शांति को बढ़ावा देना था।[5]

महारानी की बेटन रिले

राष्‍ट्रमंडल खेलों की एक महान परंपरा महारानी की बेटन रिले है। शुरुआत में रिले की जगह ब्रिटिश झंडे का उपयोग होता था जिसे महारानी के हाथों से लेकर धावक दौड़ लगाते थे। यह झंडा इन खेलों में ब्रिटिश प्रभुसत्ता को दर्शाता था। मगर 1950 के बाद रिले की शुरुआत हुई जिसे धावकों का एक दल बकिंघम पैलैस, ब्रिटेन से लेता है। यह रिले पारम्‍परिक रूप से बकिंघम पैलेस, लंदन में शुभारंभ कार्यक्रम से शुरू होती है, जिसके दौरान महारानी अपने संदेश के साथ धावक को बेटन सौंपती हैं जो रिले का प्रथम मानक धावक होता है। बाद में इस बेटन को प्रथम ग्रहण करने का अधिकार सभी बडी खेल हस्तियों को दे दिया गया। बाकी के सभी देशों में अंग्रेजी की वर्णमाला के मुताबिक बारी-बारी इस रिले को ले जाया जाता है।

प्रतीक

राष्ट्रमंडल खेलों का कोई भी समान प्रतीक नहीं होता है। हर वर्ष आयोजन करने वाले देश अपने मुताबिक इस प्रतीक को चुनते हैं। इस वर्ष भारत में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों का प्रतीक “शेरा” को रखा गया है। शेरा का तात्पर्य होता है शेर. इसका पर्दापण मेलबर्न के राष्‍ट्रमंडल खेलों के समापन समारोह में किया गया। शेरा को शौर्य, साहस, शक्ति और भव्‍यता की निशानी माना जाता है। यह नारंगी और काली पट्टियों वाला शेर भारत की भावना को प्रकट करता है, जबकि इसके शौर्य की कहानी खिलाड़ियों को अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन करने की भावना से भर देती है। शेरा को बड़े दिल वाला माना जाता है जो सभी को “आएं और खेलें” की भावना से भर देता है।

लोगो

प्रतीक की तरह ही इसका लोगो भी समान नहीं रहता हालांकि इसके समान प्रयोग के लिए संघ राष्ट्रमंडल देशों का लोगो ही उपयोग करता है। इस वर्ष होने वाले खेलों में लोगो के रूप में चक्र का प्रयोग किया गया है। चक्र भारत की स्‍वतंत्रता, एकता और शक्ति का राष्‍ट्रीय प्रतीक है। यह सदैव चलते रहने की याद दिलाता है। ऊपर की ओर सक्रिय यह सतरंगा चक्र मानव आकृति में दर्शाया गया है जो एक गर्वोन्‍नत और रंग-बिरंगे राष्‍ट्र की वृद्धि को ऊर्जा देने के लिए भारत के विविध समुदायों को एक साथ लाने का प्रतीक है।

बोल

लोगो की प्रेरणादायी पंक्ति ‘आएं और खेलें’ है। यह राष्‍ट्र के प्रत्‍येक व्‍यक्ति को इसमें भाग लेने का एक निमंत्रण है जो अपनी सभी संकुचित भावनाओं को छोड़ें और अपनी सर्वोत्तम क्षमता के अनुसार खेल की सच्‍ची भावना के साथ इसमें भाग लें. यह नए रिकॉर्ड बनाने और दिल्‍ली के लोगो को 2010 राष्‍ट्रमंडल खेलों के दौरान एक उत्तम मेज़बान की भूमिका निभाने का आह्वान करती है।

खेल

इस वर्ष कुल 17 खेल शामिल किए गए हैं जिनमें प्रमुख हैं: तीरंदाजी, जलक्रीड़ा, एथलेटिक्‍स,बैडमिंटन, मुक्‍केबाजी, साइक्लिंग, जिमनास्टिक्‍स, हॉकी, लॉनबॉल, नेटबॉल, रगबी 7 एस, शूटिंग, स्कैश, टेबल टेनिस, टेनिस, भारोत्तोलन और कुश्‍ती.

पदक तालिका

केवल शीर्ष दस राष्ट्रों को तालिका में दिखाया गया हैं। राष्ट्रों को पहले स्वर्ण पदक फिर रजत और फिर कांस्य पदकों की गिनती के अनुसार क्रमांकित किया गया हैं।

██ मेजबान देश (भारत)

रैंक टीम/एनओसी स्वर्ण रजत कांस्य कुल
11AUS ऑस्ट्रेलिया745548177
22IND भारत382736101
33ENG इंग्लैंड375946142
44CAN कनाडा26173275
55KEN केन्या12111033
66RSA दक्षिण अफ्रीका12111033
77MAS मलेशिया12101335
88SIN सिंगापुर1111931
99NGR नाइजीरिया11101435
1010SCO स्कॉटलैंड910726
कुल272274282828[6]

खेलों पर खर्च

कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए खर्चा भी बहुत हो रहा है। बजट की बात करें तो खेल मंत्रालय और अन्य सरकारी एजेंसियों से कुल 8324 करोड रुपये की बजट पास हुआ है।

•महाराष्ट्र सरकार और उसकी शाखा, कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स की तरफ से भी 351 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। •तो उसके साथ ही दिल्ली सरकार ने भी 1770 करोड रुपये व्यय करने का फैसला किया है। •इन सब के अतिरिक्त दिल्ली सरकार निर्माण, यातायात, पानी आपूर्ति आदि पर 1770 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। •एनडीएमसी (NDMC), एमसीडी (MCD), डीडीए (DDA), सीपीडब्ल्यूडी (CPWD) सभी अपने कार्य क्षेत्र में सीवर और स्ट्रीट लाईट आदि का कार्य अपने पैसों से कर रहे है। •दो नए मैट्रो रुट: एयरपोर्ट से कनॉट प्लेस और दूसरा केंद्रीय सचिवालय से बदरपुर. •पर्यटन मंत्रालय ने होटल उद्योग से जुडे व्यवसायियों को निर्माणकार्य में टैक्स छूट देने का फैसला किया है। •इन सब के अतिरिक्त अन्य विभागों पर भी बहुत खर्चा किया गया है जिनमें प्रमुख हैं: 1.भारतीय खेल प्राधिकरण को 2460 करोड़ रुपये, दिल्ली यूनिवर्सिटी और जामिया यूनिवर्सिटी को खेल-क्षेत्र में सुधार के लिए 350 करोड़ रुपये, सीपीडब्ल्यूडी (CPWD) को 28.50 करोड़ रुपये, दिल्ली खेल मंत्रालय को खेल स्तर और ट्रेनिंग कैम्प सुधारने के लिए 15 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। 2.खेल और निर्माणकार्य के बाद सरकार ने प्रसार भारती को खेलों के प्रसारण के लिए 428 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है, तो बिजली आपूर्ति के लिए ईसीआइएल (ECIL) को 370 करोड़ और सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली दिल्ली पुलिस को 172 करोड़ रुपये देने का निर्णय लिया है। 3.अन्य खर्चों में सबसे अहम है चिकित्सा के लिए 70 करोड़ रुपये का खर्च. 4.कुल मिलाकर रकम आंकी गई है 10445 करोड़ रुपये.


पूर्वाधिकारी
मेलबॉर्न 2006
राष्ट्रमण्डल खेल
मेजबान शहर
XX राष्ट्रमण्डल खेल
उत्तराधिकारी
ग्लासगो 2014

सन्दर्भ

  1. WD. "राष्ट्रमंडल खेलों का इतिहास". hindi.webdunia.com. मूल से 10 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-06-26.
  2. "आखिर बन गया जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, उद्घाटन आज". aajtak.intoday.in. अभिगमन तिथि 2020-06-26.
  3. "यहां जानें कॉमनवेल्थ गेम्स के बारे में सब कुछ". Navbharat Times. अभिगमन तिथि 2020-06-26.
  4. "राष्ट्रमंडल खेलों का इतिहास". Prabhat Khabar - Hindi News. अभिगमन तिथि 2020-06-27.
  5. "जानिए आख़िर क्या है कॉमनवेल्थ?". BBC News हिंदी. मूल से 18 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-06-27.
  6. "Official Medal table". मूल से 6 अक्तूबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 अक्टूबर 2010.